October 19, 2024

ख़बरे टी वी – आईसीसीआर अध्यक्ष ने नालंदा को “अद्वितीय विश्वविद्यालय” के रूप में विकसित करने के लिए कुलपति के प्रयासों की सराहना…….. जानिए पूरी खबर

नालंदा विश्वविद्यालय में आईसीसीआर अध्यक्ष का भव्य स्वागत…..

आईसीसीआर अध्यक्ष ने नालंदा को “अद्वितीय विश्वविद्यालय” के रूप में विकसित करने के लिए कुलपति के प्रयासों की सराहना की.

ख़बरे टी वी – 9334598481 – आदित्य की रिपोर्ट – नालंदा विश्वविद्यालय ने आज भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे का भव्य स्वागत किया। माननीय कुलपति प्रो. सुनैना सिंह के निमंत्रण पर आज डॉ. विनय सहस्रबुद्धे विश्वविद्यालय आए थे । डॉ. सहस्रबुद्धे ने नालंदा समुदाय एवं भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को संबोधित किया।
उन्होंने नालंदा के परिसर का भ्रमण भी किया, जिसमें उन्हें नेट-जीरो योग्य परिसर बनाने के प्रयास के बारे में बताया गया। माननीय कुलपति प्रो. सुनैना सिंह, जो आईसीसीआर की पूर्व उपाध्यक्ष भी हैं, ने डॉ. सहस्रबुद्धे का स्वागत करते हुए उन्हें एक “सांस्कृतिक स्तम्भ” और “नीति निर्धारक” बताया जिन्होंने आईसीसीआर के माध्यम से राष्ट्र के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। अपने संबोधन में प्रो सिंह ने इतिहास के विस्तृत कालखंड में भारत की “विश्व गुरु” के रूप में भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने “भारतीय संस्कृति” को शांति, सद्भावना और बंधुत्व की संस्कृति के रूप में परिभाषित किया। नालंदा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय “भविष्य का परिसर” है, जिसका अनुकरण न केवल भारत में अपितु दुनिया भर शैक्षणिक संस्थानों द्वारा होगा।
अपने संबोधन में डॉ विनय सहस्रबुद्धे ने नालंदा विश्वविद्यालय को “अद्वितीय विश्वविद्यालय” के रूप में विकसित करने के लिए कुलपति के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आईसीसीआर की भूमिका का उल्लेख करते हुए वैश्विक-सांस्कृतिक संबंधों और ‘भारततीयता के विचार’ पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत की विशिष्ट पहचान है,” और दुनिया भर में अपने सांस्कृतिक सौहार्द के लिए इसे आदर प्राप्त है। उन्होंने आध्यात्मिक स्वतंत्रता, सांस्कृतिक विविधता, वैश्विक सद्भावना और अंत्योदय के विचार को भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांतों के रूप में उल्लेखित किया।

उन्होंने आईसीसीआर के सहयोग से विदेशों से छात्रों को लाभान्वित करने के लिए विश्वविद्यालय में कुछ अल्पकालिक पाठ्यक्रमों को शुरू करने का सुझाव दिया। नालंदा में अध्ययनरत कई अंतरराष्ट्रीय छात्र जो आईसीसीआर के सहयोग से इस विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे हैं, उन्होंने आईसीसीआर के सहयोग के लिए डॉ सहस्रबुद्धे को धन्यवाद दिया। डॉ सहस्रबुद्धे ने यह भी घोषणा की कि आईसीसीआर स्थापना दिवस [9 अप्रैल] के अवसर पर एक ‘आईसीसीआर अल्यूमनाई ‘ का उद्घाटन किया जाएगा, जो भारत में अध्ययन करने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी-समुदाय को जोड़ने का काम करेगा।
वर्तमान में नालंदा विश्वविद्यालय में 31 देशों के विद्यार्थी नामांकित हैं। प्राचीन भारतीय/एशियाई ज्ञान-परंपरा से प्रेरणा ले कर नालंदा एक अभिनव दृष्टिकोण के साथ वर्तमान युवा पीढ़ी का समेकित विकास कर उन्हें भविष्य के ज्ञान परंपरा के नेतृत्व की ओर प्रेरित करने में प्रयासरत है। विगत चार वर्षों में माननीय कुलपति प्रो. सुनैना सिंह के नेतृत्व में कई नवोन्मेषी शैक्षणिक संकल्पना साकार हो रही हैं जो ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए अवतार की आधारशिला को सुदृढ़ कर रही हैं।

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