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#bihar: नालंदा विश्वविद्यालय में वैश्विक छात्रों के समूह के द्वारा वृक्षारोपण अभियान…

Bykhabretv-raj

Dec 3, 2025

 

 

 

 

 

 

 

 

नालंदा विश्वविद्यालय में वैश्विक छात्रों के समूह के द्वारा वृक्षारोपण अभियान…

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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#ख़बरें Tv: राजगीर, नालंदा (03 दिसंबर 2025): नालंदा विश्वविद्यालय के राजगीर परिसर में 30 नवंबर को नवनिर्मित लाइब्रेरी के पास एक सामूहिक वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के वैश्विक छात्रों के समूह ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर पर्यावरण प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।
प्राचीन नालंदा पुस्तकालय से प्रेरणा लेकर, विश्वविद्यालय की नवनिर्मित भव्य लाइब्रेरी के चारों ओर 2,000 पौधों को लगाने का काम जारी है। इसी कड़ी में, बीते रविवार को, नालंदा विश्वविद्यालय के छात्रों ने लगभग 300 पौधे लगाए।
नालंदा विश्वविद्यालय के एकता, पर्यावरणीय चेतना और प्रकृति से जुड़ाव के मूल्यों को दर्शाते हुए, विविध स्कूलों और देशों के विद्यार्थियों ने निर्दिष्ट ग्रीन जोन में उत्साहपूर्वक पौधारोपण किया। अध्यापकों, कर्मचारियों और अंतरराष्ट्रीय छात्र भी इसमें शामिल हुए, जो नालंदा विश्वविद्यालय के समावेशी और वैश्विक शैक्षणिक समुदाय का परिचायक है।
इस वृक्षारोपण अभियान में आम, अमरूद, चीकू, सफेदा जैसे फलदार पेड़ लगाए गए, ताकि यहाँ एक बढ़िया फलों का बगीचा बन जाए। साथ ही औषधीय पौधे, छाँव देने वाले पेड़ और स्थानीय पौधे भी लगाए जा रहे हैं।
नवनिर्मित लाइब्रेरी के आसपास लैंडस्केपिंग का काम जारी है, और इसके मैदान के उत्तर-पूर्वी कोने में एक सुंदर तालाब और पारंपरिक ‘आहर’ बन रहा है, जो पूरी हरियाली को और निखार देगा और तरह-तरह के जीव-जंतु, पक्षियों को भी आशियाना देगा। कार्य संपन्न होने पर, यह पूरा लाइब्रेरी क्षेत्र, प्राचीन नालंदा लाइब्रेरी की विरासत से प्रेरित एक सुन्दर और हरित परिसर नज़र आएगा।

 

 

अपने संबोधन में, कुलपति प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने छात्रों के उत्साह की सराहना की और इस पहल के व्यापक महत्व पर ज़ोर दिया, “ऐसी पहलें हमारे विश्वविद्यालय परिसर के पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करती हैं और विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति उनकी नैतिक ज़िम्मेदारी का गहरा बोध कराती हैं। प्रत्येक लगाया गया वृक्ष स्वच्छ हवा, सतत पर्यावरण और मानव–प्रकृति के सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व वाले भविष्य की आशा का प्रतीक है। वर्तमान समय में जब पर्यावरणीय चुनौतियाँ बढ़ रही हैं, धरती को स्वस्थ बनाने की शक्ति भी हमारे ही हाथों में है। इस प्रकार की सामूहिक पहलों के माध्यम से हम सार्थक और दीर्घकालिक बदलाव ला सकते हैं।”
यह वृक्षारोपण अभियान नालंदा विश्वविद्यालय की उस व्यापक सोच से जुड़ा है, जिसके तहत पूरे परिसर में सतत और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय का कैंपस अपने आप में एक जीवंत प्रयोगशाला की तरह विकसित किया गया है, जहाँ नेट ज़ीरो ऊर्जा, जल, अपशिष्ट और कार्बन प्रबंधन प्रणालियाँ व्यवहार में दिखाई देती हैं।