ख़बरे टी वी – जिला स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई या लचार व्यवस्था समझे आप, रंग लाया अविनाश झा के द्वारा मांगी गई सूचना बेनीपट्टी के दो नर्सिंग होम पर 50 – 50 हजार रुपए का जुर्माना और…जाने पूरी खबर
मधुबनी जिले की लचर व्यवस्था ने ली पत्रकार अविनाश झा की जान…आखिर क्यों खुले जिला के स्वास्थ्य के बाबुओ की नींद देर से…?
Khabre Tv – 9334598481 – रोहित की रिपोर्ट – मधुबनी जिला स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई या लचार व्यवस्था समझे आप, रंग लाया अविनाश झा के द्वारा मांगी गई सूचना बेनीपट्टी के दो नर्सिंग होम पर 50 – 50 हजार रुपए का जुर्माना और नर्सिंग होम बंद करने का जारी हुआ निर्देश….
घटना के बारे में आपको बता दें कि सोशल मीडिया का एक पत्रकार सह आर टी आई कार्यकर्ता, जिले में चल रहे अवैध तरीके से नर्सिंग होम की खबर लगातार जिला प्रशासन तक पहुंचाते रहता है , और वही स्वास्थ्य व्यवस्था में चल रही गड़बड़ी को छुपाने के लिए निजी क्लीनिक के संचालकों ने अविनाश अविनाश झा की जान ले ली । मधुबनी जिला के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के लोहिया चौक निवासी RTI कार्यकर्ता अविनाश झा के हत्या के बाद,
अब मांगी गई सूचना रंग लाई , बीमार स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए क्षेत्र में अवैध तरीके से बिना लाइसेंस के चल रहे दो नर्सिंग होम पर 50 -50 हजार रुपए जुर्माना लगाते हुए, नर्सिंग होम संचालक से स्पष्टीकरण की मांग की है और नर्सिंग होम को बंद करने का निर्देश दिया है। हालांकि यह काम जिला प्रशासन का है जहां नए क्लीनिक, निजी क्लीनिक, नर्सिंग होम जैसे कहीं भी स्वास्थ्य सेवाएं खुलते हैं , वहाँ पर सारे के सारे मापदंड मांगने की और जाने की उन्हें जरूरत होना चाहिए।
यह निर्देश मधुबनी सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा के द्वारा जारी एक पत्र के द्वारा दिया गया है , जिसमें बेनीपट्टी के कटैया रोड स्थित अनन्या और अनुराग हेल्थ केयर पर क्लीनिकल एक्ट का उल्लंघन कर अवैध तरीके से संचालित नर्सिंग होम को बंद करने और 50-50 हजार जुर्माना की राशि सरकारी खाते में दर्ज कराने का निर्देश देते हुए एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार के द्वारा जारी इस निर्देश के बाद बेनीपट्टी सहित जिले के तमाम अवैध नर्सिंग होम और निजी क्लीनिक संचालकों में हड़कंप देखा जा रहा है। आखिर सोचने वाली बात है आपके नाक के नीचे इतने अवैध ढंग से क्लीनिक कैसे चल रहे थे यह सीधे के सीधे है भ्रष्ट जिला प्रशासन व्यवस्था की ओर इशारा करते हैं, यह जीतने के लिए मात्र एक जिला नहीं होना चाहिए आखिर सुवे में जहां भी इस तरह के अवस्थाएं चल रही हैं उन्हें स – समय कार्रवाई कर बंद करनी चाहिए, ताकि आए दिन मरीजों के इलाज के नाम पर कमीशन खोरी वाली पेशाये बंद हो।