December 4, 2024

ख़बरे टी वी – बाल दरबार आप बच्चों के लिए अपनी बातों को रखने का एक अच्छा अवसर है, सरकार आपकी मांगों / सुझाओं पर काम करेगी : उप विकास आयुक्त…..

 

बच्चों के प्रतिनिधिमंडल ने उप विकास आयुक्त, नालंदा से की भेंट। सौंपा चार्टर ऑफ़ डिमांड्स।

उप विकास आयुक्त से बच्चों ने की खुलकर चर्चा। उप विकास आयुक्त ने उनके सुझावों को सराहा।

बाल दरबार आप बच्चों के लिए अपनी बातों को रखने का एक अच्छा अवसर है, सरकार आपकी मांगों / सुझाओं पर काम करेगी : उप विकास आयुक्त

Khabre Tv – 9334598481 – शुभम की रिपोर्ट- बिहार शरीफ, आज उप विकास आयुक्त, नालंदा के कार्यालय में बच्चों के 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उप विकास आयुक्त नालंदा, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई नालंदा एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी से भेंट की. बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग एवं यूनिसेफ़ द्वारा राष्ट्रीय बाल दिवस – 14 नवंबर से लेकर विश्व बाल दिवस – 20 नवंबर तक चलने वाले बाल अधिकार सप्ताह (Child Rights Week) के दौरान बाल दरबार आयोजन के तहत यह मुलाक़ात हुई.

मुलाक़ात के दौरान बच्चों एवं किशोर-किशोरियों ने विगत 14/11/2021 राष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर ज़िला बाल संरक्षण इकाई, नालंदा और सेव द चिल्ड्रेन के सहयोग से आयोजित बाल दरबार में अपनी समस्याओं, मुद्दों व अधिकारों को लेकर तैयार किए गए चार्टर ऑफ़ डिमांड्स और सुझाव सौंपे.

उप विकास आयुक्त, नालंदा ने राज्य सरकार एवं यूनिसेफ़ की इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा कि “बाल दरबार आप बच्चों के लिए अपनी बातों को रखने का एक अच्छा अवसर है, सरकार आपकी मांगों/सुझाओं पर काम करेगी”. उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर हम बड़े ही नीति-निर्धारक होने के नाते बच्चों के हितों के लिए कानून और नीतियां बनाते हैं, लेकिन यह जरुरी है की बच्चों को भी अपनी बात रखने का अवसर मिले ताकि बच्चों को प्रभावित करने वाली नीतियां बाल-हितैषी हो.

 

उप विकास आयुक्त नालंदा, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई नालंदा एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी से मिलकर और उनसे बातचीत कर बच्चे-बच्चियां काफी उत्साहित थे. 15 वर्षीय सोना कुमारी ने कहा कि हम बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके बाद 14 साल की सुनैना कुमारी ने कहा कि हम बच्चियों के लिए मासिक धर्म प्रबंधन के बारे में जागरूकता देने की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। राज कुमार और दुर्योधन कुमार ने अपनी बातों को रखते हुए उपचारात्मक (Remedial) क्लासेज की भी बात की क्योंकि कोविद काल में लगे lockdwon के कारण उन जैसे बच्चों की पढाई बहुत बाधित हुई है. इसी तरह बच्चों ने अन्य मांगों/सुझाओं को भी चार्ट्स, कार्ड्स और चित्रकारी के माध्यम से प्रस्तुत किया। साथ ही बाल गृह, नालंदा के बच्चों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कैसे उनकी पढाई बाधित हुई है और उनके पठन-पाठन की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

उप विकास आयुक्त नालंदा और सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई नालंदा ने सभी बच्चों को बहुत धैर्य से सुना और उनके सवालों के जवाब भी दिए. उप विकास आयुक्त, नालंदा ने बच्चों को खुलकर अपनी बातों (चार्टर ऑफ़ डिमांड्स) को रखने के लिए प्रेरित किया. सेव द चिल्ड्रेन से रवि कुमार ने कार्यक्रम की संछिप्त जानकारी दी एवं बच्चों ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

मुलाक़ात के दौरान बाल गृह नालंदा के अधीक्षक एवं परामर्शी, सेव द चिल्ड्रेन से रवि कुमार, सुधा कुमारी, राज अंकुश शर्मा और जगत भूषण नंदन सहित सम्बंधित विद्यालयों के कुछ शिक्षक गण इत्यादि भी मौजूद रहे।