November 23, 2024

ख़बरे टीवी – पावापुरी के वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान मे संविदा एवं आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मी शासन से आवश्यक सुविधाएं नहीं मिलने से खफा अपनी छह सूत्री विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए.

पावापुरी के वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान मे संविदा एवं आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मी शासन से आवश्यक सुविधाएं नहीं मिलने से खफा अपनी छह सूत्री विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए.

( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) – वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी के संविदा एवं आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मी शासन से आवश्यक सुविधाएं नहीं मिलने से खफा अपनी छह सूत्री विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। सैकड़ो की संख्या में विम्स मे कार्यरत ड्रेसर , लैब टेक्नीशियन , क्लर्क , वार्ड अटेंडेंट , ओटी असिस्टेंट , स्पीच थैरेपिस्ट, ऑडियोलॉजिक थेरेपिस्ट , टेक्नीशियन फिजियोथैरेपिस्ट लैब अटेंडेंट, स्वास्थ्य कर्मी, अस्पताल ओपीडी परिसर मे शासन एव सरकार के विरूद्ध नारेबाजी की । विम्स के स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रही एवं इससे मरीजों को फजीहत उठानी पड़ी ।

हड़ताल में शामिल कर्मियों ने कहा कि सरकार कोविड-19 में काम करने वाले कर्मियों को अतिरिक्त एक माह का वेतन भुगतान करने की घोषणा की थी। परंतु आज तक किसी प्रकार का आदेश जारी नहीं किया गया है । स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का कहना है कि वे सब लगभग 4 वर्षों से विम्स मे कार्यरत हैं, उन्हें महज सात से आठ हजार रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है । इसके बावजूद मजदूरी में कटौती कर स्वास्थ्य कर्मियों पर शोषण एवं अत्याचार किया जाता है । स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि कोविड-19 जैसी महामारी में वे दिन-रात सेवा देने का कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनलोगों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया जा है । अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ अमित कुमार पासवान ने कहा कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे हैं, सभी स्वास्थ्य कर्मियों को ग्रुप सी एवं ग्रुप डी में स्थाई रूप से नियुक्त किया जाए,

साथ ही कोरोना महामारी में कार्य कर रहे हैं, स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख की बीमा की जाए । डॉ अमित कुमार पासवान ने कहा कि विम्स में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को आवास की व्यवस्था की जानी चाहिए , क्योंकि अगर वे संक्रमित होते हैं, तो उनका परिवार भी कोरोना के संक्रमण चपेट मे आने का खतरा बना रहता है । उन्होंने कहा कि जो भी स्वास्थ्य कर्मी आइसोलेशन वार्ड में सेवा दे रहे सभी कर्मियों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र भी दिया जाए, साथ ही आउटसोर्सिंग और संविदा कर्मचारियों को 21 हजार न्यूनतम मजदूरी मिले ।


इस अवसर पर विम्स के प्राचार्य डॉ पी के चौधरी ने बताया कि उनकी सेवा आउटसोर्स के तहत है एवं पूर्व मे टेंडर प्रक्रिया के दौरान उनके कंपनी एव आउटसोर्सिंग एजेंट को विभिन्न पदों के लिए एक भिन्न राशि तय की गई थी, उसी के अनुरूप वे काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि उनके एवं अधीक्षक के स्तर से वृद्धि करना संभव ही नहीं है, जब तक पुनः टेंडर प्रक्रिया नहीं होती है ।