December 6, 2024

ख़बरे टीवी – मौजूदा व्यवस्थाओं को विस्तार किया जा रहा है, उसी कड़ी मे नालन्दा जिला के वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी अस्पताल में कोरोना जांच के लिए आरटीपीसीआर मशीन पहुंच गई है.

मौजूदा व्यवस्थाओं को विस्तार किया जा रहा है, उसी कड़ी मे नालन्दा जिला के वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी अस्पताल में कोरोना जांच के लिए आरटीपीसीआर मशीन पहुंच गई है.

( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) – गिरियक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य महकमा तैयारियों को धार देने में जुटा है एव मौजूदा व्यवस्थाओं को विस्तार किया जा रहा है। उसी कड़ी मे नालन्दा जिला के वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी अस्पताल में कोरोना जांच के लिए आरटीपीसीआर मशीन पहुंच गई है ।  मशीन आने से अब विम्स अस्पताल में कोरोना से संक्रमित मरीजों की जांच आरटीपीसीआर मशीन से की जाएगी । जिले में लगातार कोविड संक्रमण के मरीज बढ़ रहे हैं, इस वजह से संदिग्ध मरीजों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ा है। समय पर संदिग्ध मरीज की जांच नहीं होने से उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान करने में दिक्कत हो रही है।

इस बीच पॉजिटिव मरीजों का संपर्क कई और लोगों से हो चुका होता है। कहीं न कहीं इस वजह से भी कोविड का संक्रमण बढ़ रहा है ज्यादा संख्या मे संपेलो की जांच होने से संक्रमण का प्रसार पर लगाम लगेगा । मशीन के लिए बाय सेफ्टी कैबिनेट, आरएनए एक्सट्रैक्शन मशीन, रेफ्रिजेरेटर प्राप्त हो चुका है एव जरूरी अन्य उपकरण भी आ चुके है । मशीन का इंस्टॉलेशन प्रक्रिया जारी है लैब का निर्माण किया चुका है । इस महीने के अंतिम सप्ताह मैं आरटीपीसीआर से कोरोना संक्रमण का जांच की शुरुआत की जाएगी । जिसका फायदा नालंदा जिला के अलावा शेखपुरा एवं नवादा जिले के लोगों को भी होगा जो तीनों जिले में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। कोविड-19 जांच के लिए नालन्दा जिला के पहले आरटी- पीसीआर (रीयल टाइम रिवर्स टांसक्रिप्सन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन) मशीन से एक बार मे कुल 96 सँपेलो की जांच संभव है । जिसका रिपोर्ट मात्र 4 से 5 घंटों मे प्राप्त होगा । 3 शिफ्ट मे मशीन से संपेलो की जाँच की जाएगी कुल 400 सँपेलो की जाँच अब पूरे दिन मे हो सकेगी ।

विम्स के प्रिंसिपल डॉ पी के चौधरी ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि जिले में अब जांच प्रक्रिया और भी तेज होगी। क्योंकि विम्स के लैब में ही प्रतिदिन 400 नमूनों की जांच संभव होगी। । इसके अलावा ट्रू नेट , रैपिड एंटीजन किट के जरिए जांच चल ही रही है। कुल 600 संपेलो की जांच की जाएगी.