November 24, 2024

ख़बरे टीवी – लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अंतर्गत राज्य के सभी जलापूर्ति केंद्रों को 5 साल के लिए ठेकेदारों को सौपे जाने के विरोध मे

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अंतर्गत राज्य के सभी जलापूर्ति केंद्रों को 5 साल के लिए ठेकेदारों को सौपे जाने के विरोध मे

बिहार राज्य पंप चालक संघ के आह्वान पर नालन्दा जिला सहित राज्य के सभी पंप चालकों ने निजीकरण का विरोध मैं काला बिल्ला लगाकर काम किया ।

अब पूरे बिहार राज्य मैं शहरी एव ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति योजनाओं के पंप व संप का संचालन ठेकेदारों का माध्यम से कराया जाएगा । अभी तक इसका संचालन पीएचडी भिभाग द्वारा अर्धकुशल दैनिक मजदूरों के माध्यम से कराया जाता था । लोक स्वस्थ अभियन्त्रण विभाग द्वारा राज्य स्तर से जारी पत्र के बाद से जिले सहित राज्य के स्थानीय स्तर पर काम में जुटे पंप चालकों ने इसका विरोध कर रहे है । पंप चालक संघ का कहना है कि ठेकेदारी प्रथा से रोजी रोटी खतरे में पड़ेगी । सेवा को ठेकेदारों के हाथों सौपे जाने के निर्णय के खिलाफ शनिवार को नालंदा जिला के सभी पंप चालकों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया ।


इस अवसर पर नालंदा जिला पंप चालक संघ के अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा ने कहा कि जिले के सभी ऑपरेटर अपनी सेवा पिछले 10 से 15 वर्षों से देते आ रहे हैं । इसका भुगतान दैनिक मजदूरी के तौर पर किया जाता है । पिछली बार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अभियंता प्रमुख एव सह अभियंता प्रमुख ने वार्ता के दौरान आश्वासन दिया था कि किसी भी जलापूर्ति केंद्र को ठेकेदारों के हाथों नहीं सौंपा जाएगा । इसके बाद उन्होंने पिछली बार अनिश्चितकालीन आंदोलन वापस लिया था । लेकिन विभाग ने इस बार लॉक डाउन का फायदा उठाते हुए 5 वर्षों के लिए ठेकेदारों को हाथों जलापूर्ति केंद्रों को सौंप पंप ऑपरेटरों को छलने का काम किया है । उन्होंने बताया कि जलापूर्ति सेवा अति आवश्यक सेवा है वैश्विक महामारी में भी हम सभी पंप चालक प्रतिदिन अपना जान जोखिम में डालकर जल आपूर्ति कर रहे हैं। हमलोगो को प्रत्येक वर्ष के 6 महीना ही ड्यूटी पर रखा जाता है और उसके बाद हटा दिया जाता है ताकि नियमित ना हो सके । यहां तक कि हमें पिछले 10 से 12 महीनों से वेतन बकाया है मांगने पर विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 1 महीने का भुगतान किया । जिससे आदिकांश पंप चालकों को भुखमरी तक की समस्या उत्पन्न हो गई । इसके बावजूद इमानदारी पूर्वक लोगों को जलापूर्ति कर रहे हैं । उन्होंने कहा की विभाग के उचे ओहदे पर बैठे अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से हुए पंप चालकों का शोषण करने के लिए जलापूर्ति केंद्रों का संचालन ठेकेदारों के हाथों सौंपने का फरमान जारी कर दिया है ।


बिहार राज पंप चालक संघ के प्रदेश महामंत्री राजकमल ने बताया एक तरफ केंद्र एवं राज्य सरकार कहती है कि किसी भी कोरोना की नॉकरी नहीं जाएगी इसके वावजूद लोक डाउन में ही पंप चालकों को रोजगार से बेदखल करने के लिए उच्च पदों पर बैटे अधिकारियों द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का खेल रचा दिया । ऐसे में पंप चालक और उनके परिवारों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेते तब तक वे काला बिल्ला लगाकर काम करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे और जैसे ही लॉक डाउन की समाप्ति के पश्चात अनिश्चितकालीन के लिए जलापूर्ति बंद करेंगें ।

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