November 24, 2024

ख़बरे टीवी – नालंदा के VIMS में इलाज में लापरवाही के कारण एक की गई जान और एक है 4 दिन से टेस्ट के लिए परेशान, पुर्जा कटा भी तो अस्पताल में बोला गया जब तक 10 लोग नहीं हो जाते तब तक जांच नही होगा .

नालंदा के VIMS में इलाज में लापरवाही के कारण एक की गई जान और एक है 4 दिन से टेस्ट के लिए परेशान, पुर्जा कटा भी तो अस्पताल में बोला गया जब तक 10 लोग नहीं हो जाते तब तक जांच नही होगा .

( ख़बरे टीवी – 9523505786 ) – आज नालंदा के वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी अस्पताल में दाखिला लेने में देर और ईलाज के नाम पर लापरवाही के कारण युवक की मौत हो गई। बीमार युवक के साथ आए मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने इलाज के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप लगा किया हंगामा। मामला बढ़ता देख हॉस्पिटल प्रशासन के द्वारा स्थानीय थाना को बुला लिया गया जो परिजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया । लेकिन कहते हैं ना जिनके लोग जाते हैं उन्हें ही इसका एहसास होता है साथ में आए परिजनों ने पूरे कैंपस में काफी देर तक रोते कलपते रहे, कई लोग बतलाते हैं की अभी यह करोना काल में कईयों के साथ ऐसा ही होता रहा है डॉ और अस्पताल प्रशासन के लोग समझते समझते मरीज की जान ले लेते हैं सबसे बड़ी बात है कि अब 3 जिलों से सदर प्राथमिकी अस्पतालों से रेफर होकर नालंदा के एसपी वर्धमान मेडिकल कॉलेज में मरीजों को लाना पड़ता है और यहां भी हाल है पहले लोग पटना के पीएमसीएच रेफर किए जाते थे परंतु अब विमंस में आने और इलाज ना होने के बाद पीएमसीएच रेफर किया जाता है.


मृतक की पहचान नवादा जिला के रोह प्रखंड के नादौरा पंचायत के निवासी 35 वर्षीय मिथलेश सिंह चौहान के रूप में हुई है, जो इलाज के लिए के लिए नवादा सदर से रेफर होने के बाद विमंस अस्पताल में पहुंचा था। चिकित्सकों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे अस्पताल में ही दाखिल कर लिया। जहां बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के भाई मनीष सिंह चौहान
ने स्वास्थ्य कर्मियों पर आरोप लगाया कि वे लोग जैसे ही अस्पताल के इमरजेंसी गेट के पास पहुंचे वहाँ खड़े स्वास्थ्य कर्मियों ने पूछा की कारोना का मरीज है क्या । उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को कहा कि कोरोना का मरीज नहीं है । मनीष ने बताया कि उनके मरीज को डिहाईड्रेशन की वजह से उल्टी पेट दर्द के साथ सौच हो रहा था । उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी कोरोना की वजह से मरीजों से दूर भाग रहे है। फिर किस सूरत मे इलाज करंगे । उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मी करीब आधे घंटे से ऊपर तक इलाज के नाम पर सिर्फ टाल मटोल करते रहे तब तक मरीज की स्थिति बिगड़ति जा रही थी । जिस पर उनलोगों की चिकित्सकों से बहस बाजी भी हुई । उन्होंने कहा कि उसके उनके भाई को इलाज के नाम पर बेड पर जाकर मिटा दिया गया और एक बोतल टांग दी गई । एक भी डॉक्टर मरीज से विजिट करने नहीं आया, जिसके बाद ही मरीज की मौत हो गयी ।

वही विमंस अस्पताल में एक मामला और देखने को मिला जिसने मीडिया की टीम देखने के बाद अपना दुख दर्द बदला ने कैमरे पर आ गया उसने बताया कि मैं कोरोना का जांच कराने नवादा जिले के वारसलीगंज से आया हूं और मेरा नाम रवि कुमार है उन्होंने बतलाया कि वह कल से ही करोना का टेस्ट कराने के लिए कभी तीसरा तल्ला तो कभी चौथा फ्लोर जा रहा हूं, लेकिन अभी तक 24 घंटे में मेरा टेस्ट नहीं हो पा रहा है । आज जब मेरा पुर्जा कटा भी तो वहाँ बोला गया जब तक 10 लोग नहीं हो जाते तब तक जांच नही होगा ।

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