October 18, 2024

ख़बरे टी वी – पिछले दिनों बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक में इस परियोजना को लेकर मुहर लगी थी जिसके फलस्वरूप गंगा जल उदवह परियोजना के स्थल निरीक्षण करने जल संसाधन विभाग के सचिव राजीव हंस पहुंचे राजगीर

पिछले दिनों बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक में इस परियोजना को लेकर मुहर लगी थी

जिसके फलस्वरूप गंगा जल उदवह परियोजना के स्थल निरीक्षण करने जल संसाधन विभाग के सचिव राजीव हंस पहुंचे राजगीर साथ में थे नालंदा और नवादा के जिलाधिकारी व इस परियोजना से संबंधित पदाधिकारी गण जो वास्तविक स्थल पर आकर निरीक्षण कर रहे हैं|

आखिर कैबिनेट में यह कैसा परियोजना था आइए जानते हैं विस्तार में–

फल्गु नदी के तट पर बसा हुआ गया शहर पर्यटन के दृष्टिकोण से विश्व के मानचित्र पर है बोधगया स्थित बोधि मंदिर देश विदेश के बौद्ध धर्मावलंबी के लिए पवित्र स्थल है जो यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत के रूप में घोषित किया है पितृपक्ष के अवसर पर विष्णुपद मंदिर के निकट पितरों को मोक्ष दिलाने हेतु काफी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं, जिसमें उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है, उल्लेखनीय है कि गया शहर के चांदचौरा चौक के निकट भूगर्भ जल के स्तर में विगत 1 साल में 0.52 मीटर की कमी हुई है,

पेयजल की कमी के कारण गया शहर में तो पानी के टैंकर से भी जलापूर्ति की जा रही है, इस दृष्टिकोण से गया तथा बोधगया शहर में पेयजल की सुनिश्चित सुविधा मुहैया कराई जानी आवश्यक है|

राजगीर में अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर महत्व के ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल अवस्थित है राजगीर शहर में अंतरराष्ट्रीय / राष्ट्रीय पैमाने के राष्ट्रीय संस्था संचालित है और विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित विक्रांतमक योजनाएं निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित है पर्यटक एवं संस्थानों से संबंद्व कर्मियों /प्रबुद्ध जनों की आवश्यकता के लिए राजगीर शहर में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना है,

विगत एक दशक में भू गर्भ जलस्तर में राजगीर में तो 5.06 मीटर की कमी हुई है|
इसी प्रकार नवादा शहर में भी विगत 9 सालों में भूगर्भ जलस्तर में 1.95 मीटर की कमी हुई है|
गंगा नदी के जल को मात्र मॉनसून अवधि में 4 माह [जुलाई से अक्टूबर] के बीच उदवह कर इस 4 माह में गंगा नदी से उदवह के साथ जल शोधन संयंत्रों में शोधित कर गया, बोधगया, राजगीर एवं नवादा शहरों में पेयजल का वितरण भी किया जाएगा तथा इन शहरों के शेष छह माह की पेयजल की आवश्यकता का भंडारण भी किया जाएगा, भंडारण जल को जल शोधन संयंत्र में शोधित कर 8 माह में गया, बोधगया, राजगीर एवं नवादा में पेयजल का वितरण किया जाएगा| गया, राजगीर , नवादा शहरों में निकटतम स्थलों पर एक एक जल शोधन संयंत्र की भी स्थापना की जाएगी जल भंडारण के फल स्वरुप पूरे क्षेत्र में भूगर्भ जल का रिचार्ज भी होगा कार्य का विस्तार एवं मात्रा के मद्देनजर योजना का कार्यान्वयन दो चरणों में कराया जाएगा|
प्रथम चरण में गया बोधगया एवं राजगीर शहरों को पेयजल आपूर्ति हेतु योजना प्रतिवेदन तैयार किया गया है, इसकी अनुमानित राशि 2836 करोड़ रुपए है| प्रथम चरण की योजना को जून 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
प्रथम चरण में मराची गांव के निकट गंगाजल का उदवह कर मराची, सरमेरा, बरबीघा, गिरियक, गिरियक -राजगीर, गिरियक -वनगंगा, तपोवन, जेठियन, बीकापुर, दशरथमांझी, दशरथमांझी पास, वजीरगंज, गया के रास्ते पाइप लाइन के माध्यम से गया बोधगया एवं राजगीर शहरों के लिए पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाना है घोड़ा कटोरा झील एवं पंचानन नदी के बीच बांध का निर्माण घोड़ा कटोरा झील, तीतर पंचायत में बिकैयपुर ग्राम स्थित पहाड़ी के निकट बांध का निर्माण तथा गया के मानपुर स्थित अबगिल्ला पहाड़ी में जलाशय का निर्माण कर जल भंडारण किया जाएगा |
द्वितीय चरण में गया, बोधगया, राजगीर शहरों के अतिरिक्त नवादा शहर के लिए भी वर्ष 2051 तक के लिए प्रक्षेपित जल की मांग की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाएगा, द्वितीय चरण के कार्य को मार्च 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य|

गंगा जल उदवह परियोजना के स्थल निरीक्षण करने , इस मौके पर जल संसाघन विभाग के सचिव सजीव हंस  ,नालन्दा एवं नवादा जिले के जिला पदा० ,उपआयुक्त, अनुमंडल पदा० राजगीर, अंचलाघिकारी गिरियक, प्ररवण्ड विकास पदा० गिरियक, एवं अन्य वरीय पदा०लोग मौजूद थे|

 

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