November 22, 2024

ख़बरे टी वी – आखिर क्यों भट्टा मालिकों ने लगाई सरकार से गुहार , फसल बीमा योजना की तरह ईंट बीमा योजना भी चलाए सरकार

2 दिनों के बेमौसम बरसात से हुई तैयार ईंटों की बर्बादी ने ईट-भट्ठा मालिकों और वहां कार्यरत मजदूरों को आंसू बहाने पर मजबूर कर दिया है|

ईटों की बर्बादी देख कलेजा मुंह को आ जाता है, लाखों- लाख पकने के लिए तैयार ईंटें बरसात के कारण तहस-नहस हो कर जमींदोज हो चुका है| बिहार के हर चिमनी भट्ठा पर लाखों-रुपए की बर्बादी का आकलन किया जा रहा है, हजारों ट्रैक्टर जहां के तहां खड़े हैं, वहीं लाखों मजदूरों को 15 दिनों के लिए रोजी-रोटी की आफत आ गई है| सारे के सारे ईट फिर से बनाने पड़ेंगे, इस तरह के प्राकृतिक प्रकोप की डंडे से आहट बाढ़ के गौरक्षणी स्थित”शंकर ब्रिक्स”के मालिक सह जदयू कार्यकर्ता राणा सिंह चौहान ने सरकार से मांग की है कि अन्य ‘बीमा योजनाओं’ की तरह सरकार को ‘कच्चे ईंट बीमा’ योजना भी चलाना चाहिए| ताकि प्राकृतिक आपदा में चिमनी भट्ठा मालिकों को भी राहत और मुआवजा मिल सके| क्योंकि चिमनी-ईट-भट्ठा का काम भी एक उद्योग से कम नहीं है, प्रत्येक चिमनी भट्ठा- मालिक कम से कम 500 लोगों का रोजी- रोटी चलाता है|

इस तरह की प्राकृतिक प्रकोप के बाद हम लोग तो बर्बाद होते ही हैं, 10- 15 दिनों के लिए मजदूरों के सामने भी रोजी-रोटी की आफत आ जाती है|

वही ट्रैक्टर ड्राइवर का कहना है कि–अब 15 दिनों के लिए बरसात के वजह से हम लोगों के पास कोई काम नहीं है! घर का भोजन भी चलाना मुश्किल हो रहा है|
इस तरह के बेमौसम बरसात ईंट-चिमनी-भट्ठा मालिकों और वहां कार्यरत मजदूरों के लिए सचमुच में प्राकृतिक आपदा से कम नहीं है, जिस पर सरकार को गौर फरमाने की जरूरत है|