ख़बरे टी वी – ग्रामीण मतदाताओं के बीच पहुँचे डॉ. मानव , चौपाल लगाकर किया जागरुक….
ग्रामीण मतदाताओं के बीच पहुँचे डॉ. मानव , चौपाल लगाकर किया जागरुक !
Khabre Tv – 9334598481 – अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट- आसन्न पंचायत चुनाव को देखते हुए समाजसेवी सह ज़िला स्वीप आइकॉन डा. आशुतोष कुमार मानव लगातार गाँव – गाँव जाकर ग्रामीण मतदाताओं को जागरुक करने में लगे हैं । इसी कड़ी में गुरुवार को ग़ुलनी – हैदरपुर गाँव पहुँचे जहाँ चौपाल लगाकर वोटरों के बीच एक विचार गोष्ठी आयोजित हुई। विचार गोष्ठी का विषय था “वर्तमान पंचायती राज में मतदाताओं एवं बुद्धिजीवियों की भूमिका”। गोष्ठी का संचालन राधेश्याम प्रसाद ने किया ।
अपने संबोधन में समाजसेवी डा. मानव ने कहा कि वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था में अकर्मण्यता की वजह से बुद्धिजीवी हाशिए पर आ चुके हैं। यही कारण है कि आजकल की राजनीति में धन-बल व बाहुबल का बोलबाला हो गया है। देश को दिशा व दशा प्रदान करने में समाजसेवियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज जरूरत है समाजसेवियों व गाँव के हर वर्ग के लोगों को आगे आकर समाज को नेतृत्व प्रदान करने की। राजनीति में हृास का एक प्रमुख कारण है .
बुद्धिजीवी समाज का चुप होना और उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और ज़िला परिषद शामिल हैं। त्रिस्तरीय पंचायतों में चार पदों के लिए चुनाव होना है। इसमें वार्ड सदस्य, मुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य और जिला परिषद सदस्य पद शामिल हैं। वहीं, ग्राम कचहरियों में पंच और सरपंच पद के लिए चुनाव होना है। आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायतों का चुनाव ईवीएम से और ग्राम कचहरियों का चुनाव मतपत्र से कराने की तैयारी कर रही है। राज्य में करीब आठ हजार मुखिया, आठ हजार सरपंच, एक लाख 12 हजार वार्ड सदस्य, एक लाख 12 हजार कचहरी पंच, पंचायत समिति सदस्य के 11 हजार पद, जिला परिषद सदस्य के 1100 पद के लिए चुनाव होना है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी डॉ. आशुतोष कुमार मानव ने यह भी कहा कि मतदान के प्रयोग से हमारे देश की सरकारें बनती हैं जो भविष्य का निर्धारण करते हुए विकास का खाका तैयार कर आम जनता के आधारभूत सुविधाओं को मुहैया कराती हैं लेकिन मतदान के समय यदि गलत निर्णय से लोग सरकार बनाते हैं तो यह देश के विकास में अवरोधक साबित होते हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील किया कि 18 वर्ष के सभी लोगों को मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आगे आना चाहिए। मतदान करना हमारा अधिकार ही नहीं कर्तव्य भी है। स्वच्छ राजनीति की मुहिम का आगाज हो गया है, अब यह रुकेगा नहीं। आज जनहित में स्वच्छ राजनीति की दरकार है।
मानव ने कहा कि देश के युवा मतदाताओं की जिम्मेदारी बनती है कि वो अशिक्षित लोगों को वोट का महत्व बताकर उनको वोट देने के लिए बाध्य करे। लेकिन यह विडंबना है कि हमारे देश में वोट देने के दिन लोगों को जरूरी काम याद आने लग जाते हैं। कई लोग तो वोट देने के दिन अवकाश का फायदा उठाकर परिवार के साथ पिकनिक मनाने चले जाते हैं। कुछ लोग ऐसे भी है जो घर पर होने के बावजूद भी अपना वोट देने के लिए वोटिंग बूथ तक जाने में आलस करते हैं ।
वक्ताओं ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में जागरूकता की कमी है। लोगों में मतदान के प्रति उदासीनता व्याप्त है। इस तरह अजागरूक, उदासीन व आलसी मतदाताओं के भरोसे हमारे देश के चुनावों में कैसे सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो सकेंगी? उन्होंने कहा- साथ ही एक तबका ऐसा भी है जो उम्मीदवार के गुण न देखकर धर्म, मजहब व जाति देखकर अपने वोट का प्रयोग करता हैं। यह कहते हुए बड़ी ग्लानि होती है कि वोटिंग के दिन लोग अपना वोट संकीर्ण स्वार्थ के चक्कर में बेच देते हैं। यही सब कारण है कि हमारे देश के चुनावों में से चुनकर आने वाले अधिकत्तर नेता दागी और अपराधी किस्म के होते हैं। इसलिए सजग रहें और सजगता से अपना जनप्रतिनिधियों का चुनाव करें। इस अवसर पर बिनोद प्रसाद , राजवल्लभ प्रसाद, विजय कुमार, सोनू कुमार, वरुण प्रसाद,रतन ठाकुर, प्रसाद, रंज़ीत कुमार, योगेन्द्र कुमार , नागेंद्र प्रसाद, अवधेश कुमार , सीताराम प्रसाद समेत दर्जनों ग्रामीण मतदाता उपस्थित थे ।