December 9, 2024

ख़बरे टी वी – बिहार के मेडिकल परीक्षा के रिजल्ट में शिक्षा व्यवस्था बीमार, जानें पूरी खबर……

 

बिहार के मेडिकल परीक्षा के रिजल्ट में शिक्षा व्यवस्था बीमार……..

पिछले 50 साल के इतिहास में ऐसे रिजल्ट नहीं हुए कभी जहां 40% करीब बच्चे हुये हो फेल।

पढ़ाई करेंगे ऑनलाइन और एग्जाम लेंगे ऑफलाइन रिजल्ट आने पर लगभग 40 प्रतिशत मेडिकल के बच्चें हुए फेल ।

 

Khabre Tv – 9334599481 – बसंत कुमार की रिपोर्ट – वर्धमान मेडिकल कॉलेज के 2019 फस्ट ईयर बैच के विद्यार्थियों ने शुक्रवार को संस्थान के प्राचार्य से मिलकर अपने मांगों का ज्ञापन सौपा । इस अवसर
पर मेडिकल कॉलेज के 2019 बैच विद्यार्थियों ने प्राचार्य डॉ पवन कुमार चौधरी से मिलकर बताया कि उन्हें एग्जामिनेशन के लिए काफी कम समय मिला है ।

कुछ बच्चों का 3 सब्जेक्ट का रिजल्ट खराब हुआ है और इतने कम समय में वह तीनों विषय का प्रिपरेशन कैसे करेंगे उन्होंने कहा कि अधिकांश कॉलेज का परीक्षा सेंटर 30 किलोमीटर के दायरे में लिया जाता रहा है लेकिन इस बार विम्स कॉलेज का सेंटर पटना लगभग 90 किलोमीटर दूरी में दे दिया गया था ।

बच्चों ने बताया कि मेडिकल के इतिहास में ऐसा रिजल्ट आज तक किसी भी राज्य में नहीं हुआ है । बच्चों ने अपने मांग में बताया कि उन्हें मास प्रमोशन कर दिया जाए क्योंकि करोना की वजह से उनका समेस्टर में पहले ही 1 साल की देरी हो चुकी है । अधिकांश बच्चे तनाव से पैनिक मोड में जा रहे हैं । अब एकयु यूनिवर्सिटी अपना कोर्स जल्दी समाप्त करने के लिए कम समय देकर लगातार एग्जाम पूरा कराने के पीछे पड़ा हुआ है ।

उन्होंने बताया कि पहले 50 नंबर का सवाल आते थे। लेकिन अचानक से सिलेबस बदल कर 100 नंबर का कर दिया गया जिसकी जानकारी उन्हें परीक्षा से मात्र 20 दिनों पहले दिया गया। जिसके वजह से उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए टाइम मैनेजमेंट सही से नहीं मिला। उन्होंने बताया कि पहले 5 से 6 सवाल पूछे जाते थे लेकिन अब नए सिलेबस आने से कुल 21 सवाल पूछे जा रहे हैं ।

उन्होंने बताया कि विम्स के एनाटॉमी विभाग में इंटरनल एग्जाम का टॉपर भी इस बार यूनिवर्सिटी एग्जाम में फेल हो चुका है जो कि काफी अचरज भरा है । पहले रिजल्ट आता था तो प्रत्येक कॉलेज से मात्र 8 से 10 लड़के की परीक्षा में फेल होते थे लेकिन इस बार लगभग 40% बच्चे का फेल होना काफी अजीब है । उन्होंने बताया कि 3 बार एग्जाम का डेट बढ़ाया गया और एग्जाम से 2 दिनों पहले मात्र एडमिट कार्ड दिया गया । बता दे कि बिहार के मेडिकल कॉलेजों 1100 बच्चों में 480 बच्चे फेल हो गए हैं । विम्स कॉलेज की बात की जाए तो 122 विद्यार्थियों में 51 बच्चे फेल हो गए हैं

इस अवसर पर वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी के प्राचार्य डॉ पवन कुमार चौधरी ने बताया कि उनके जानकारी में पिछले 50 सालों में लगभग 40% बच्चे एक बार में फेल हुए हैं ऐसा उनके करियर के मेडिकल इतिहास में पहली बार हुआ है । जब उनसे मीडिया कर्मियों ने सवाल किया कि इतने इतने बच्चे एक साथ कैसे फेल हो गए तो उन्होंने इस पर कहा कि अचानक से सिलेबस का बदल जाना और कोरोना की वजह हो सकती है ।

उन्होंने कहा कि वे विद्यार्थियों की मांग को आगे बढ़ाएंगे ताकि यूनिवर्सिटी के वरीय पदाधिकारी इस पर विचार करें और बच्चों के साथ हो रहे नाइंसाफी पर लगाम लग सकेगी .

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