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#nalanda: सभी को गरिमा पूर्ण जीवन जीने का अधिकार – समाजसेवी दीपक

 

 

 

 

 

 

 

 

सभी को गरिमा पूर्ण जीवन जीने का अधिकार – समाजसेवी दीपक

 

 

 

 

 

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#ख़बरें टी वी: बिहार शरीफ ।विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर सद्भावना मंच (भारत)
के तत्वधान में बिहार शरीफ स्थित प्रोग्रेसिव मैथमेटिक्स जोन
परिसर में मानवाधिकार विषय को लेकर संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रोग्रेसिव मैथमेटिक्स जोन के निदेशक गौतम कुमार ने किया।
संस्थान के निदेशक गौतम कुमार ने मानवाधिकार पर संक्षिप्त परिचय छात्रों के समझ रखा
और उन्होंने विश्व मानवाधिकार दिवस की बधाई दी।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थितसद्भावना मंच (भारत) के संस्थापक दीपक कुमार ने विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि विश्व मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मानवाधिकारों की रक्षा करने और उन्हें बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूरी दुनिया में मनाया जाता है। मानवाधिकार हर व्यक्ति को उसके जन्म से मिलते हैं जैसे कि जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा का अधिकार ।
मानव अधिकार के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति को जीवन जीने का अधिकार,
यातना, गुलामी और अन्य शोषण से मुक्ति का अधिकार अपनी बात कहने और विचार रखने का अधिकार ,हर व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार ,स्वास्थ्य सेवाओं और साफ पानी तक पहुंच का अधिकार होता है । कानून के अनुसार हर व्यक्ति को समान माना जाता है ।मानवाधिकार सामाजिक न्याय, समानता और शांति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये अधिकार हर व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता को सुनिश्चित करते हैं और असमानताओं को खत्म करने में मदद करते हैं। मानवाधिकार की विशेषता यह है कि अधिकार सार्वभौमिक होते है यानी सभी देशों और समाजों में लागू होते हैं। मानवाधिकार अहरनीय और अपरिवर्तनीय होता है । अर्थात इन्हें किसी से छीना नहीं जा सकता है।मानवाधिकार सामाजिक न्याय, समानता और शांति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
मानवाधिकार व्यक्तियों और समुदायों को एक बेहतर कल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं। मानवाधिकार से ही मानव समुदाय अधिक शांति और समानता की ओर अग्रसर हो सकता है ।