जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जल जीवन हरियाली अभियान की बैठक
बुधवार को देर संध्या जिला पदाधिकारी द्वारा जल जीवन हरियाली अभियान के क्रियान्वयन को लेकर बैठक आहूत की गई।
बैठक में जल जीवन हरियाली अभियान के सभी अवयवों पर एक-एक कर चर्चा की गई तथा क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया।
सभी सरकारी कार्यालयों एवं परिसरों में बिजली के अनावश्यक उपयोग को रोकते हुए खपत में कमी लाने हेतु कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। सभी कार्यालयों के वर्ष 2019 के महीने की बिजली खपत को वर्ष 2018 के उसी महीने की बिजली खपत से तुलना कर खपत में कमी या वृद्धि का लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों के स्तर से कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया। नगर निकाय क्षेत्रों के सरकारी भवन पर संबंधित नगर निकाय के माध्यम से सौर ऊर्जा पैनल लगाने के लिए कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह सभी पंचायत सरकार भवन, ई किसान भवन में भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए अपने अपने विभाग से समन्वय स्थापित कर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को दिया गया। मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के माध्यम से तालाबों के किनारे भी सौर ऊर्जा पैनल लगाने के लिए पहल करने का निर्देश जिला मत्स्य पदाधिकारी को दिया गया।
जिला में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी एवं जिला उद्यान पदाधिकारी को कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा देने के लिए जिला उद्यान पदाधिकारी को कार्रवाई करने को कहा गया।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिविल सर्जन, सभी नगर निकाय को दिया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के माध्यम से इस संरचना का निर्माण कराया जायेगा।
नए जल स्रोतों के सृजन के लिए मनरेगा, लघु सिंचाई, कृषि, मत्स्य एवं नगर विकास विभाग के माध्यम से कार्रवाई की जा रही है। इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया गया।
सभी सार्वजनिक चापाकल, कुआं, ट्यूबवेल आदि के पास सोख्ता का निर्माण नगर निगम, पंचायत एवं पीएचईडी के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए संबंधित पदाधिकारियों को कार्य योजना के अनुरूप कार्रवाई करने को कहा गया।
15 दिसंबर तक जिला के सभी सार्वजनिक जल संरचनाओं को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए अपर समाहर्ता को अंचल वार समीक्षा करने का निर्देश दिया गया।
जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला में पराली जलाने वाले 66 किसानों का निबंधन रद्द किया गया है। इन किसानों को आगामी 3 वर्षों तक किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, नगर आयुक्त, निदेशक डीआरडीए, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता भवन/ पीएचइडी /विद्युत, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी एवं अन्य विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।