ख़बरे टीवी – वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी में शनिवार को मनोचिकित्सा विभाग में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस वर्ष की थीम ‘ सबके लिए मानसिक स्वास्थ्य ‘ समारोह के मुख्य अतिथि विम्स के प्राचार्य डॉ पीके चौधरी को मानसिक रोग विभाग के चिकित्सकों द्वारा रबर पौधा देकर सम्मानित किया गया
वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी में शनिवार को मनोचिकित्सा विभाग में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस वर्ष की थीम ‘ सबके लिए मानसिक स्वास्थ्य ‘ समारोह के मुख्य अतिथि विम्स के प्राचार्य डॉ पीके चौधरी को मानसिक रोग विभाग के चिकित्सकों द्वारा रबर पौधा देकर सम्मानित किया गया ।
( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) – इस अवसर पर मानसिक रोग के रोकथाम विषय पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में विम्स के प्राचार्य डॉ पी के चौधरी ने कहा कि चिंता, चिता के समान माना गया है । यह बात हर किसी को याद रखनी चाहिए कि तनाव चिन्ता किसी भी समस्या का हल नहीं होता, बल्कि कई अन्य समस्याओं का जन्मदाता होता है। तनाव से आपको अत्यधिक सिरदर्द, माइग्रेन, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त करता है। यह आपका स्वभाव को चिड़चिड़ा कर आपकी जीवन की खुशियां एवम चेहरे की मुस्कान को भी चुरा लेता है। इससे बचने के लिए तनाव पैदा करने वाले अनावश्यक कारणों को जीवन से दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानसिक रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
ज्यादातर लोग इसे बीमारी का लक्षण नहीं मानते एवम समय पर डॉक्टर का परामर्श लेने में देर कर देते हैं, जिसका नुकसान मरीज को भुगतना पड़ता है । उन्होंने कहा कि विश्व में प्रत्येक चार व्यक्तियों में से 1 व्यक्ति अपने जीवन के किसी न किसी मोड़ पर मानसिक विकार से प्रभावित हो रहे हैं। सबसे अधिक हैरान करने वाली बात यह है, कि इसमें सबसे ज्यादा अनुपात युवाओं का है । उन्होंने आगे कहा कि इससे बचने के लिए पर्याप्त नींद लेने की आवश्यकता है, तथा शारीरिक गतिविधियां पर ध्यान देने की आवश्यकता है। खासकर युवाओं को शराब तथा नशीली चीजों का सेवन से बचना चाहिए तथा परिवार के लिए समय निकालना चाहिए ।
विभागाध्यक्ष डॉ अमरदीप कुमार ने इस वर्ष के थीम पर चर्चा करते हुए बताया कि सबके लिए हम मानसिक स्वास्थ्य कैसे हासिल हो सकती है, इस संदर्भ में उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले विभिन्न बाह्य कारक, जैसे बचपन में कोई गलती एवं मानसिक प्रताड़ना, यौन उत्पीड़न, लालन-पालन, नशे की लत और इंटरनेट की अत्याधिक आदतों पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए कहा कि, जैसे आप अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए पैसे का निवेश नियमित रूप से करते हैं,
उसी तरह उन्होंने वहां उपस्थित अभिभावकों से अपील करते हुए, अपने बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटे का समय दें, उन्होंने बताया कि ऐसा करने से बच्चों का भावनात्मक विकास में काफी मदद मिलेगी, जिससे वह जीवन में ज्यादा सफल हो पाएंगे ।
इस अवसर पर डॉ अनंत कुमार वर्मा , डॉ राजीव कुमार , डॉ ऋतु राज कुमार, डॉ नील कमल ,डॉ राकेश गुप्ता, डॉ विकास कुमार, डॉ शुर्ति कुमारी सहित मरीज उपस्थित रहे.