November 23, 2024

ख़बरे टी वी – जिला पदाधिकारी नालंदा योगेन्द्र सिंह द्वारा नालंदा के कवियों व कवयित्रियों को माला पहनाकर कवी सम्मेलन में सम्मानित किया

जिला पदाधिकारी नालंदा योगेन्द्र सिंह द्वारा नालंदा के कवियों व कवयित्रियों को माला पहनाकर कवी सम्मेलन में सम्मानित किया

नालंदा, बिहारशरीफ : स्थानीय बड़ी पहाड़ी उच्च विद्यालय के सभागार में जिला पदाधिकारी नालंदा योगेन्द्र सिंह द्वारा मंगल दीप प्रज्वलित कर कवि सम्मेलन का उद्घाटन किया गया।
जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह द्वारा आये हुए कवियों व कवयित्रियों को पुष्प-गुच्छ देकर जिले के प्रसिद्ध साहित्यकार लेखक कवि, कवयित्री एवं शायरों को सम्मानित किया गया।
सम्मानित होने वाले में –
मगही कवि उमेश प्रसाद उमेश, कवि लक्ष्मीकांत सिंह, कवि राकेश बिहारी शर्मा, कवि सत्यनारायण प्रिदर्शी, कवयित्री मुस्कान चांदनी, कवी कुमार अमन, राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण, बाल कवयित्री खुशी कुमारी, कवि तनवीर साकित, कवयित्री रेखा सिंहा को सम्मानित किया गया।


कवी सम्मेलन के प्रारम्भ में बड़ी पहाड़ी की छात्राओं ने स्वागत गीत गाई। तदोपरांत कवि बिनोद प्रसाद सिंह के द्वारा सरस्वती बंदना प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण जिला शिक्षा पदाधिकारी नालन्दा मनोज कुमार ने किया।
नालंदा के कवियों द्वारा जल जीवन हरियाली विषय पर एक से एक कविता पाठ किया।

मौके पर जिला पदाधिकारी नालंदा योगेन्द्र सिंह ने कवियों को सम्मानित करते हुए कहा कि राज्य में जल, जीवन, हरियाली एक जन आंदोलन है, जो इस समय की ज्वलंत मांग है, पर्यावरण एवं जल संरक्षण हेतु नालंदा में पूरी तन्मयता से मानव श्रृंखला के तैयारी के लिए अनेक कार्यक्रम चलाया जा रहा है । जो पृथ्वी को हरा भरा बनाने में सहायक सिद्ध होगा। साथ ही साथ जल संरक्षण के संबंध में लोग जागरूक होंगे, जिला पदाधिकारी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस समय नालंदा में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाना नालंदा के लोगों को बहुत ही ऊर्जावान बनाएगा और लोग तनाव मुक्त होकर फुर्सत के क्षण में कुछ ठहाके लगा सकें यह बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि नालंदा में प्रतिमान कवियों लेखकों शायरों की कमी नहीं है।
कवि लक्ष्मीकांत सिंह ने प्रकृति पर आधारित कविता “धरा!जननी तब बनी धारण किया जब जीवन लावण्य विखण्डित अणुओं में फूट पड़े जब किसलय के पर।“ सुनाया

कवि राकेश बिहारी शर्मा ने जल जीवन हरियाली कविता-
“जल जीवन हरियाली जीवन। जल ही जीवन जल सा जीवन, जल जीवन हरियाली जीवन। अगर न जल होगा धरा पर हम सब बच न पाएंगे। अगर न बची जल की बूंदें, कैसे प्यास बुझाओगे। नाती-पोते सब खड़े रहेंगे, जल औ राशन की कतारों में, पानी पर से बिछेंगी लाशें, लाखों और हजारों में।” सुनाया।

डीपीओ स्थापना अरिंजय जी ने अपनी कविता “माँ, तूने एक सपना बुना था, सपने में एक मुन्ना चुना था और सपना सच हुआ था।“

कवि सत्यनारायण प्रिदर्शी ने “वक़्त है,प्रकृति बेजुवां जरूर है मगर कुव्वत रखती है जमींदोज करने की।“

कवयित्री मुस्कान चांदनी ने “सन सन करती हवाओं में डोले धान गेहूं की बाली चारों तरफ जहां नजरे जाये दिखे सिर्फ हरियाली ही हरियाली”

कवी कुमार अमन ने “ दिन गुजारूं नही क्यों साक़िया मैखाने में
दर्द मिलता है मुझे रोज ही ज़माने में घर बनाना कभी मुमकिन ना हुआ है जिससे
वो है मशरूफ़ शबों रोज घर जलाने में”

राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण ने “कहाँ वो पेड़ो की अब छाव ,की जिसको पूजे सर से पाव,जो बढ़ाये देश जी सम्मान।मैं उसको ढूंढ रहा हूँ… जहाँ थी कोयली कि कूक,
बजे वो बांसुरिया कि फूक, जहाँ जल-हरियाली बचाएं जान मैं उसको ढूंढ रहा हूँ …..जो जल जीवन है मेरी जान,जो हरियाली है मेरी शान,वो मेरा प्यारा हिंदुस्तान
मैं उसको ढूंढ रहा हूँ…” सुनाया।
कवि तनवीर साकित – “साफ हवा हो साफ हो पानी, चारों ओर हो खुशहाली ।। सारी दुनिया मांग रही है जल जीवन और हरियाली।”
तंग अय्यूबी – खूब लगे है ठंडा बाबा। जैसे मारे डंडा बाबा।
कवी जियाउर रहमान जाफरी- “बचाने के लिए गर पेड़ की कोशिश नहीं होगी। तो हम मर जाएंगे प्यासे अगर बारिश नहीं होगी।”
कवयित्री रेखा सिंहा- “कंक्रीटों के शहर में हवाएं हैं गुमसुम न भावों का दरिया न हरियाली की सुनगुन।”
बाल कवयित्री खुशी कुमारी ने “नही रहेगा जल तो सारे,सूखे होंगे खेत,धूल उड़ेगी धरती ऊपर या फिर होगी रेत।”
इस मौके पर डीपीआरओ नालंदा रविंद्र कुमार, उप विकास आयुक्त नालन्दा राकेश कुमार, डीपीओ स्थापना अरिंजय कुमार, डीपीओ दिनेश्वर मिश्र, बड़ी पहाड़ी उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेंद्र प्रसाद बिहार अराजपत्रित प्रारम्भिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा सहित जिले के सैकड़ों शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने कवि सम्मेलन में खूब ठहाके लगाये।