एक संपूर्ण सभ्यता का प्रतिनिधित्व करता है नालंदा: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत..

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#ख़बरें Tv: राजगीर, नालंदा (20 नवंबर 2025): नालंदा विश्वविद्यालय ने आज राजगीर स्थित अपने परिसर में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत का स्वागत किया।
विश्वविद्यालय पहुंचने पर कुलपति प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने केंद्रीय मंत्री का हार्दिक अभिनंदन किया और उनके सम्मान में एक औपचारिक स्वागत समारोह आयोजित किया गया। अपने संबोधन में श्री शेखावत ने नालंदा विश्वविद्यालय की बढ़ती वैश्विक पहचान की सराहना की और कहा कि यह विश्वविद्यालय विश्व स्तरीय शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से भारत की समृद्ध सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “नालंदा किसी एक शहर या क्षेत्र तक सीमित नहीं है; यह एक संपूर्ण सभ्यता का प्रतिनिधित्व करता है। यह ज्ञान का प्रकाशस्तंभ था, ज्ञान के साधकों के लिए एक आश्रय स्थल था, विविध संस्कृतियों के मिलन का केंद्र था। नालंदा की मिट्टी, इसके पत्थर, इसका हर कोना उस प्राचीन परंपरा की जीवंतता से गूंजता है।”
मंत्री ने छात्रों और शोधकर्ताओं से संवाद किया और सांस्कृतिक विरासत, समकालीन वैश्विक चुनौतियों और नालंदा विश्वविद्यालय की भविष्य-उन्मुख शिक्षा में भूमिका पर चर्चा की। विश्वविद्यालय की सहभागिता पहल के तहत स्थानीय गाँवों के स्कूलों के शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।

विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें बताया गया कि लाइब्रेरी को किताबों से समृद्ध करने और छात्रों के लिए बेहतर सुविधाएँ जुटाने के लिए क्या-क्या प्रयास चल रहे हैं। केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने कहा कि भारतीय ज्ञान-परंपरााओं के ग्रंथों को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से लाइब्रेरी के ज्ञान-भंडार को हर छात्र तक आसानी से और प्रभावी ढंग से पहुँचाना बहुत जरूरी है।
कुलपति प्रो. चतुर्वेदी ने मंत्री के विश्वविद्यालय आगमन के लिए धन्यवाद दिया। प्रो. चतुर्वेदी ने कहा, “”माननीय मंत्री जी के मार्गदर्शन में, संस्कृति मंत्रालय की ‘ज्ञान भारतम’ मिशन पाण्डुलिपि पर आधारित ज्ञान के एक ऐतिहासिक भंडार में नई ऊर्जा का संचार कर रही है। हमारा नालंदा इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास कर रहा है ताकि अपने प्राचीन पुस्तकालय को डिजिटल युग पुनर्जीवित किया जा सके और दक्षिण-पूर्व एशियाई भाषाओं एवं परंपराओं के अध्ययन को और सशक्त बनाया जा सके, जिससे विश्वविद्यालय की अंतर-सांस्कृतिक संवाद और समन्वय की चिरस्थायी भावना को नया विस्तार मिले।” कुलपति ने मंत्री को छात्रों, समुदाय और प्रकृति के लाभ के लिए शुरू की गई विभिन्न पहलों जैसे सहभागिता के बारे में भी अवगत कराया।
अपने संबोधन में श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नालंदा विश्वविद्यालय के छात्रों से कहा कि उनके लिए ये गर्व की बात है कि वे उस महान विद्यापीठ का हिस्सा हैं, जिसकी ज्ञान की परंपरा हज़ारों सालों से पूरी दुनिया को रोशनी देती आ रही है। साथ ही उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान, समर्पण और मेहनत के दम पर विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
