ख़बरे टी वी – नालंदा मे जिला बाल संरक्षण इकाई एवं स्वयंसेवी संस्था सेव द चिल्ड्रन के संयुक्त तत्वाधान में बाल संरक्षण के मुद्दों पर हित धारकों की एक संगोष्ठी का आयोजन… जानिए पूरी खबर
उप विकास आयुक्त, नालंदा की अध्यक्षता में बाल संरक्षण के मुद्दों पर हितधारकों की संगोष्ठी।
Khabre Tv – 9334598481 – शुभम की रिपोर्ट – सभागार कक्ष, श्रम भवन, बिहार शरीफ, नालंदा मे जिला बाल संरक्षण इकाई एवं स्वयंसेवी संस्था सेव द चिल्ड्रन के संयुक्त तत्वाधान में बाल संरक्षण के मुद्दों पर हित धारकों की एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य बाल संरक्षण पद्धति एवं तंत्र को जिला स्तर से लेकर प्रखंड, पंचायत और वार्ड स्तर तक मजबूत करना है। कार्यक्रम का शुभारंभ उप विकास आयुक्त श्री वैभव श्रीवास्तव के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलित कर के किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने अपने संबोधन मे सबों से अपील की कि बाल संरक्षण के मुद्दों को प्राथमिकता मे ले और सब मिलकर समाधान निकालने का प्रयास करे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बाल मजदूरी एवं अन्य शोषण आज हमारे समाज मे व्याप्त है जो कि मानव समाज के लिए एक कलंक है। अपने संबोधन के अंत मे उन्होंने जिला बाल संरक्षण इकाई एवं सेव द चिल्ड्रन संस्था के प्रयास को सराहनीय बताते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सेव द चिल्ड्रेन संस्था से परियोजना समन्वयक पीयूष कुमार ने प्रस्तुति के माध्यम से विभिन्न कानूनों/नीतियों को उद्धृत करते हुए बाल श्रम/बाल तस्करी के पुनर्वास में विभिन्न हितधारकों की भूमिका, चुनौतियां एवं संभावित समाधान को विस्तार से बताया। प्रस्तुति के माध्यम से विस्तार से वर्णन करते हुए उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम 2015, बाल श्रम कानून 1986 व संशोधन, शिक्षा का अधिकार कानून 2009, पॉक्सो 2012, बंधुआ मजदूरी कानून 1976 इत्यादि के बारे में बताया। साथ ही समेकित बाल संरक्षण योजना 2009 के अंतर्गत निहित विभिन्न हितधारकों की भूमिका का विस्तार से वर्णन किया और कार्य के दौरान आ रहे चुनौतियों तथा संभावित समाधान के बारे मे भी अपना सुझाव दिया। अपने संबोधन में उन्होंने सभी हितधारकों को आपसी समन्वय एवं तालमेल से कार्य करने पर जोर दिया ताकि कानून में निहित बाल संरक्षण के लिए बने मार्गदर्शी सिद्धांत का अनुसरण हो सके। कार्यक्रम में उपस्थित श्रम अधीक्षक यदुवंश नारायण पाठक ने अपने संबोधन में श्रम संसाधन विभाग द्वारा बाल मजदूरी एवं बंधुआ मजदूरी के विमुक्ति एवं पुनर्वास के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों एवं प्रयासों को लोगों के बीच साझा किया। मौके पर मौजूद बाल कल्याण समिति के सदस्य संजय कुमार देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के संदर्भ में समिति के कार्यों एवं भूमिका के बारे मे बताया। किशोर न्याय परिषद कि सदस्या उषा कुमारी विधि-विवादित बच्चों के संदर्भ में अपने कार्यों एवं भूमिका के बारे में बताते हुए चुनौतियों एवं उसके संभावित समाधान के बारे में भी अपने सुझाव दिए. कार्यक्रम के सफल संचालन में सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई शैलेंद्र कुमार चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
अपने संबोधन में उन्होंने व्यवहारिक पक्षों पर ज्यादा जोर दिया तथा सभी हितधारकों से अपील करते हुए बाल संरक्षण कानूनों, नीतियों, एवं योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करने के लिए सब को मिलकर काम करने का आग्रह किया। इसके अलावा उन्होंने चुनौतियों का व्यवहारिक तरीके से समाधान निकालने पर जोर देते हुए बाल संरक्षण को अपने प्राथमिकता में लाने का आग्रह भी किया। धन्यवाद ज्ञापन सेव द चिल्ड्रन संस्था के जिला समन्वयक रवि कुमार ने किया। मौके पर सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील कुमार, जिला बाल संरक्षण इकाई के बाल संरक्षण पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं अन्य प्रतिनिधि के अलावा आईसीडीएस के विभिन्न प्रखंडों के सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका, श्रम संसाधन विभाग के विभिन्न प्रखंडों से श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य, शिक्षा विभाग से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजगीर, प्रखंड संसाधन सेवी राजगीर व अन्य प्रतिनिधि के अलावा सेव द चिल्ड्रेन संस्था से आभास कुमार, अच्युतानंद पांडे, सुधा कुमारी राज अंकुश शर्मा इत्यादि की गरिमामयी उपस्थिति रही।