November 28, 2024

पंकज उदास ने सुरों से पंचपहाडी को किया मंत्रमुग्ध

 

पंकज उदास ने सुरों से पंचपहाडी को किया मंत्रमुग्ध।

सोमवार से बुधवार तक आयोजित होने बाली तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव का सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत सोमवार की शाम मंगलाचरण से शुरू हुआ।जिसके उपरांत गजल सम्राट पद्मश्री पंकज उदास के स्वर लहरी राजगीर के पंचपहाडी में गूंज उठी।पंकज उदास जो कि भारत सिनेमा जगत के जाने माने हस्तियों में से हैं,उनके स्टेज पर आते ही दर्शकों ने उन्हें तालियों से स्वागत किया।उनके चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसी वाल,चिट्ठी आयी है चिठ्ठी आयी है ,जैसे गजलों की रेशमी आवाज से लोगों को आनन्दित कर दिया।

पद्मश्री पंकज उदास जो गुजरात के रहने वाले हैं जिनका पूरा नाम पंकज केशु भाई उदास है।वे आजतक कई अवार्ड से सम्मानित हो चुके है।वर्ष 1986 में चिठ्ठी आयी है नाम फ़िल्म के गाना से जो शोहरत हासिल किया,उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा,1994 में रेडियो लोटस अवार्ड भी मिला है।
“रात और दिन में तेरी खोई हुई याद आयी,जैसे सेहरा में चुपके से बहार आयी” जैसे गजलों से अपनी गायकी की शुरुआत की।मौके पर बैठे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी गजल का भरपूर लुफ्त लिए।

उनके गजल को सुन मुख्यमंत्री ने एक गजल की फरमाइश की ,जिसका बोल चिठ्ठी आयी है आयी है,चिठ्ठी है वतन से चिठ्ठी आयी है,बड़े दिनों के बाद हमदेवतनो को याद ,वतन की मिट्टी आयी है।