संत जोसेफ अकैडमी के प्रधानाचार्य जोसेफ टी टी उर्फ बाबू सर ने गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएँ व संदेश दिया….
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#ख़बरें टी वी : आज हम सभी जोर-जोर से कहते हैं कि “मुझे अपने देश से प्यार है”_I Love my country। यह सच भी है। आज मैं आप सभी को बताना चाहूँगा कि इस कथन का वास्तविक अर्थ क्या है।
कोई भी व्यक्ति केवल ज़मीन के एक टुकड़े से प्यार नहीं करता। इसका मतलब है कि मैं देश के सभी लोगों से प्यार करता हूँ, चाहे उनकी जाति, धर्म, क्षेत्र कुछ भी हो, सभी मतभेदों को एक तरफ़ रख कर। यहाँ मैं आपसे पूछ सकता हूँ कि क्या आप ऐसे व्यक्ति हैं? अगर हाँ, तो आपको एक और सच्चाई समझनी होगी। कि आप अपने माता-पिता, भाई-बहनों या अपने घर के रिश्तेदारों, अपने आस-पास के पड़ोसियों, अपने शिक्षकों या स्कूल या कॉलेज के साथियों से प्यार किए बिना लोगों से प्यार नहीं कर सकते। अगर आप सिर्फ़ लोगों से प्यार करते हैं, तो मैं अपने देश से प्यार करता हूँ इसका कोई मतलब नहीं है। यह समावेशी होना चाहिए। व्यक्ति को प्रकृति, पर्यावरण, विभिन्न भूमि रूपों, विभिन्न संसाधनों से प्यार करना चाहिए। व्यक्ति को पृथ्वी पर सभी जीवित और निर्जीव चीज़ों से प्यार करना चाहिए। तो मैं आपसे फिर से पूछता हूँ कि क्या आप ऐसे व्यक्ति हैं जो सभी लोगों, जानवरों, पर्यावरण से प्यार करते हैं?
अगर हाँ, तो भी सवाल यहीं खत्म नहीं होता। अगर यह समझ में आता है तो आपको प्यार का असली मतलब समझना चाहिए। प्यार का मतलब है परवाह, दया, सच्चाई, करुणा, सम्मान, आज्ञा पालन, त्याग, विनम्रता, मानवता, निस्वार्थ, सेवा……
क्या मैं आपसे पूछ सकता हूँ कि क्या आपके प्यार में ये सभी मूल्य हैं? अगर हाँ तो गर्व से बार-बार कहो कि मैं अपने देश से प्यार करता हूँ। अगर नहीं तो यहीं और अभी संकल्प करो कि मैं इन सभी मूल्यों को प्राप्त करूँगा और मैं भी कहूँगा कि मैं अपने देश से प्यार करता हूँ।
पहले एक इंसान होने पर गर्व करो फिर एक देशवासी।
मैं कामना करता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि जैसे-जैसे हमारा देश दुनिया में महाशक्ति बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे वह मानवीय मूल्यों और देशभक्ति के साथ सच्चे इंसान पैदा करना न भूलें।
जय हिंद!
बाबू सर (जोसेफ टी टी)
प्रधानाचार्य