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#nalanda: अपर समाहर्ता,नालन्दा की अध्यक्षता में भूकम्प सुरक्षा सप्ताह के मद्देनजर कार्यशाला का शुभारंभ…..जानिए

 

 

 

 

 

 

अपर समाहर्ता,नालन्दा की अध्यक्षता में भूकम्प सुरक्षा सप्ताह के मद्देनजर कार्यशाला का शुभारंभ…..

 

 

 

 

 

 

 

 

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#ख़बरें टी वी: आज दिनांक 27 जनवरी 2025 को श्री मंजीत कुमार, अपर समाहर्ता, नालन्दा की अध्यक्षता में RICC , राजगीर में भूकम्प सुरक्षा सप्ताह के मद्देनजर जिला आपदा प्रबंधन के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया।

इस कार्यशाला में भूकंप से सुरक्षा हेतु आईआईटी के एक्सपर्ट डॉ कौशिक राय ,सहायक प्रोफेसर आईआईटी पटना , डॉ नितिन कुमार ,सहायक प्रोफेसर, आईआईटी पटना, इंजीनियर मनोज कुमार, नालंदा विश्वविद्यालय के द्वारा उपस्थित बिल्डर्स , इंजीनियर्स एवं राजमिस्त्री को भूकंपरोधी भवन ,पुल पुलिया, सड़क आदि निर्माण तकनीकी की विस्तृत जानकारी दी गई ।

अपर समाहर्ता महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि भूकंप से सुरक्षा अतिआवश्यक है।
उन्होंने कहा कि भूकंप आपदा में भारत ने पड़ोसी देशों के बीच आपदा प्रबंधन में सहयोग किया है।
2015 का नेपाल भूकम्प भारत के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित हुई। इसने भारत में आपदा प्रबंधन और भूकम्प सुरक्षित संरचना की अवश्यकता पर जोर दिया। भूकम्प रोधी निर्माण तकनीकों को प्राथमिकता दी गई।
हाल में ही 7 जनवरी 2025 में भूकम्प के झटके महसुस किये गए, यह भूकम्प 7.1 तीव्रता का था। इसके झटके उत्तर भारत के कई हिस्सों, जैसे दिल्ली और बिहार में महसुस किए गए।
इन घटनाओं ने सरकार और स्थानीय प्रशासन को भूकम्प से निपटने की तैयारी पर जोर देने की प्रेरणा दी। संरचनात्मक मजबूती और आपदा प्रबंधन योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है।
भूकम्प रोधी निर्माण तकनीकों का उदेश्य इमारतों और संरचनाओं को इस प्रकार डिजाईन और निर्माण करना है कि वे भूकम्प के झटकों का समना कर सकें और जान-माल की हानि को कम किया जा सकें। भूकम्प रोधी तकनीकों को अपनाकर न केवल बड़ी इमारतों, बल्कि छोटे घरों को भी भूकम्प से सुरक्षित बनाया जा सकता है। भारत जैसे भूकम्प संवेदनशील क्षेत्रों में इन तकनीकों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

इस कार्यशाला में अपर समाहर्ता आपदा, अंचलाधिकारी ,कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण /एल एईओ/ पुल निर्माण विभाग, बिल्डर्स ,इंजीनियर्स ,राजमिस्त्री आदि उपस्थित थे ।