November 22, 2024

#nalanda: महीला बनी मिशाल,जिंदगी बदली तो बदले हालात , कमा रही है हजारों रुपए… जानिए

 

 

 

 

 

महीला बनी मिशाल,जिंदगी बदली तो बदले हालात , कमा रही है हजारों रुपए…

परिवार वाले ने अलग कर दिया जीवीका से जुड़कर आज कमा रहे हैं हजारों रुपए महीना…

प्रखंड में 194 लाभुकों को मिला है सतत् जीवीकोपार्जन योजना का लाभ…

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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खबरें टी वी: हरनौत (नालंदा) जीवीका बीपीएम मो. आफ़ताब आलम बताते हैं कि सरकार
जीविका की सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत
देसी शराब एवं ताड़ी के उत्पादन एवं बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े रहे अत्यंत निर्धन परिवार तथा अनुसूचित जाति, जनजाति की महिलाओं को लाभ दे रही है। जिसमें प्रखंड में इस योजना से जुड़ी 194 महिलाओं की जिंदगी बदल गई है।उन्होंने बताया पहले ये महिलाओं की जिंदगी
तक़लिफों में गुजर रही थी । अब ये सभी स्वावलंबी बन गई हैं। इतना ही नहीं खुद की आर्थिकी सुधारने के साथ ये महिलाएं औरों को भी रोजगार दे रही हैं। इसमें लिस्ट लंबी है। पर, बात शनिचरी देवी से शुरू करते हैं। स्थानीय प्रखंड के गरभूचक गांव के शीतल ग्राम संगठन जीविका से जुड़ने के पहले पूरी तरह से आर्थिक तंगी की शिकार थीं, लेकिन जीविका ने आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के साथ ही मुखर भी बना दिया है।अपनी कहानी में शनिचरी देवी बताती है। मेरी शादी एक गरीब परिवार में हुआ था। कुछ दिनों के बाद सास-ससुर ने परिवार से अलग कर दिया। इसके बाद उसके पति रामकिशुन बिंद दिल्ली में काम करने लगे। जिससे परिवार चलने लगा। दो पुत्र एवं आठ पुत्रिया के साथ
परिवार बढ़ता गया।उसी बीच उनके पति बीमार पड़ने लगे और कुछ दिन के बाद दुनिया छोड़कर चले बसे । इसी बीच हुआ आर्थिक से तंगी आ गया। इसके बाद एक घर में काम करने। मगर इससे से भी परिवार का भरण पोषण नहीं हो पता था।
जीविका की समूह की बैठक में शनिचरी देवी ने सतत जीविकोपार्जन योजना के बारे में सीएम दीदी व एमआरपी भैया से जाना।इसके बाद
शनिचरी ने भी लाभ लेने की इच्छा जाहिर की।जिसके बाद आय , परिवार की स्थिति आदि की जांच-पड़ताल कर इस इसे 2018 के अगस्त महिने में योजना का लाभ मिला।जिसके बाद रुपए मिला और वे दुकाना खोली।इसके बाद जो आमदनी होता था।उनसे जीविकोपार्जन करने लगा। इस आमदनी से दो बकरी भी खरिद ली।इसके साथ-साथ बच्चों को सरकारी विद्यालय में पढ़ाने लगी।आज ये महिला छ: लड़की का शादी भी कर चुकी है तथा बाकि 3 बच्चे पढ़ रहे हैं।
महिला बताती है कि आज प्रतिमा साढ़े दस हजार रुपए कमा रहे हैं। उन्होंने कहा मेरे पास 15 बकरियां है। उन्होंने यह भी बताया आज पट्टे पर खेती भी करते हैं।कहा बैंक से इंश्योरेंस भी कर चुके हैं ।उन्होंने यह भी बताया कि सरकार हमें विधवा पेंशन भी देती है।

 

 

रिपोर्ट हरिओम कुमार