October 18, 2024

#Nalanda : रेलवे में कर्मचारियों से हड़ताल पर जाने हेतु सहमति के लिए मतदान….जानिए

रेलवे में कर्मचारियों से हड़ताल पर जाने हेतु सहमति के लिए किया मतदान….

 

 

 

 

 

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आप का दिन मंगलमय हो….

 

 

 

 

ख़बरें टी वी : 9334598481 : ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और ज्वाइंट फेडरेशन फाॅर रिस्टोर ओल्ड पेंशन स्कीम के दिनांक 10 अगस्त को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित महा रैली में लिए गए निर्णय के अनुसार दिनांक 21-22 नवंबर को नई पेंशन प्रणाली समाप्त कर पुरानी पेंशन प्रणाली के पुनर्बहाली के मांग हेतु राष्ट्रव्यापी स्ट्राइक बैलेट के तहत मतदान का आयोजन किया गया है। सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना हरनौत में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के नेतृत्व में इस आह्वान पर स्ट्राइक वॉलेट के माध्यम से कर्मचारियों के बीच मतदान कराया जा रहा है। यह मतदान 21-22 नवंबर को सुबह 8:00 बजे से 5:00 बजे तक चला। ईसीआरकेयू के शाखा सचिव पूर्णानंद मिश्रा ने बताया कि पूरे देश में एनपीएस समाप्त कर ओपीएस बहाल करने हेतु मांग को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रोश बन रहा है।

 

 

यदि केंद्र सरकार ओपीएस बहाल करने का घोषणा तत्काल नहीं करती है तो पूरे देश में एक साथ केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के सभी विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे ।हड़ताल पर जाने के पूर्व पूरे भारत में रेलवे कर्मचारियों से उनका पक्ष जानने हेतु दिनांक 21-22 नवंबर को वोटिंग कराया जा रहा है। माहौल के अनुसार कर्मचारी पुरानी पेंशन के पुनर्बहाली हेतु प्रस्तावित हड़ताल के पक्ष में बढ़-चढ़कर मतदान कर रहे हैं। यदि केंद्र सरकार ने ओपीएस पुनर्बहाली का घोषणा शीघ्र नहीं की तो पूरे देश में एक साथ हड़ताल होना निश्चित है। इस अव्यवस्था का एकमात्र जिम्मेदार केंद्र सरकार ही होगी। कर्मचारियों के मतदान हेतु टाइम ऑफिस के पास बैलेट बॉक्स रखा गया है। वहां कर्मचारी अपना मतदान कर रहे हैं। गिनती आज ही मतदान के बाद किया जाएगा।मतदान स्थल पर शाखा अध्यक्ष महेश महतो ने बताया कि मोदी सरकार पूरे देश में एक समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास कर रही है। वहीं पेंशन के मामले में दोहरा रवैया अपना रही है।

 

 

कोई नेता यदि एक बार भी किसी सदन का सदस्य हो जाता है तो पुरानी पेंशन के तहत इसको आजीवन पेंशन का लाभ दिया जाता है। यदि वह उस सदन के लिए अनेक बार चुना जाए तो उसके पेंशन राशि में बढ़ोतरी होते रहता है। साथ ही यदि वह नेता विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा, राज्यसभा का सदस्य बन जाता है तो उसे चारों जगह से अलग-अलग पेंशन प्राप्त होता है। वही कोई कर्मचारी जो अपना पूरा जीवन सेवा में गुजार देता है, जब वह बुढ़ापे में अक्षम होने पर रिटायर होने के बाद घर जाता है तो उसके हाथ में एनपीएस के तहत अनिश्चित पेंशन का झुनझुना पकड़ा दिया जाता है। जिसमें कोई बढ़ोतरी नहीं होती है और वह भी राशि शेयर बाजार के उथल-पुथल पर निर्भर रहता है। यदि सरकार की नजर में एनपीएस इतना ही अच्छा है तो वह अपने लिए भी कंट्रीब्यूशन आधारित पेंशन प्रणाली अपना ले। कर्मचारी अपने पुराने पेंशन की मांग को छोड़ देंगे। पहले जब अर्थव्यवस्था काफी कमजोर थी तो सभी कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन मिलता था। आज जब अर्थव्यवस्था के काफी मजबूत होने का दावा किया जा रहा है तो कर्मचारियों के बुढ़ापे को शेयर बाजार के अनिश्चितताओं के भरोसे छोड़ना कहां तक जायज है?

 

 

मतदान स्थल पर ईसीआरकेयू के कोषाध्यक्ष मनोज मिश्रा ने नई पेंशन नीति और पुरानी पेंशन नीति में अंतर को स्पष्ट करते हुए बताया की नई पेंशन नीति में कर्मचारियों के वेतन से 10% कटौती करके तथा सरकार द्वारा 14% मिलकर एनपीएस फंड में जमा किया जाता है। एनपीएस फंड में जमा राशि का निवेश शेयर मार्केट में किया जाता है तथा शेयर के रेट के अनुसार पेंशन राशि घटते बढ़ते रहता है। यदि कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय शेयर का रेट गिरा हुआ है तो कर्मचारी के हाथ में बहुत ही कम राशि प्राप्त होगी। इस राशि का 40% राशि से बीमा कंपनी के पेंशन फंड में जमा करके पेंशन प्राप्त किया जाएगा। इसके तहत मिलने वाली पेंशन राशि में कोई भी बढ़ोतरी नहीं होगी।

 

 

अर्थात 60 वर्ष के उम्र में जो पेंशन राशि मिलेगा वही कर्मचारियों के मृत्यु पर्यंत तक प्राप्त होता रहेगा। देखा जा रहा है कि एनपीएस के तहत रिटायर कर्मचारी जिनका अंतिम वेतन लगभग 80000₹ तक रहा है, उनके एनपीएस के अंतर्गत 4 – 5 हजार रूपए प्रति माह पेंशन निर्धारित हुआ है। जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती है ।कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उसके अंतिम वेतन का 50% पेंशन निर्धारित होता है । इस निर्धारित पेंशन पर प्रति 6 माह पर सरकार द्वारा घोषित महंगाई भत्ता तथा 10 साल पर गठित होने वाले वेतन आयोग के बढ़ोतरी का भी लाभ मिलता है। इस मतदान में ईसीआरकेयू के बिपिन कुमार, पवन कुमार, अखिलेश कुमार, नीरज कुमार, प्रकाश रंजन, प्रभात कुमार , अशोक कुमार, प्रकाश रंजन मिश्र,, रंजीत कुमार,ने विशेष योगदान दिया।

 

 

 

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