ख़बरे टी वी – आज जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा N-iris मोबाइल एप्प का किया गया लोकार्पण…….. जानिए पूरी खबर
अब इंजुरी रिपोर्ट के लिए नहीं करना होगा अनावश्यक इंतजार
नालंदा जिला में जिलाधिकारी की पहल से ई-गवर्नेंस कोषांग द्वारा विकसित कराया गया N-iris मोबाइल एप्प…
केस से संबंधित अधिकारियों को ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगा इंजुरी रिपोर्ट..
आज जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा इस एप्प का किया गया लोकार्पण…
ख़बरे टी वी – 9334598481 – शुभम की रिपोर्ट – वर्तमान पद्धति के तहत थाना प्रभारी की अधियाचना पर संबंधित चिकित्सक द्वारा इंजुरी रिपोर्ट बनाया जाता है। इस पद्धति में इंजुरी रिपोर्ट बनाने में अनावश्यक विलंब होता है तथा वास्तविकता से परे इंजुरी रिपोर्ट की संभावना भी बनी रहती है।
इन कमियों को दूर करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी की पहल से जिला ई-गवर्नेंस कोषांग द्वारा N-iris (नालंदा इंजुरी रिपोर्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम) मोबाइल ऐप तैयार कराया गया। जिसमें उप विकास आयुक्त के मार्गदर्शन में जिला प्रबंधक आईटी सतीश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस ऐप के माध्यम से इंजुरी रिपोर्ट ऑनलाइन तैयार होगा। इस ऐप में चार विभिन्न स्तरों पर इसके क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण की व्यवस्था की गई है।
डिस्ट्रिक्ट एडमिन द्वारा सभी स्तरों के यूजर बनाने एवं संबंधित अधिकारियों के मोबाइल नंबर को निबंधित करने का कार्य किया जाएगा।
अस्पताल स्तर के एडमिन द्वारा सभी चिकित्सकों को यूजर के रूप में मोबाइल नंबर सहित निबंधित करने तथा रिपोर्ट की मॉनिटरिंग का कार्य किया जाएगा।
चिकित्सा पदाधिकारी के स्तर पर घटना/दुर्घटना में घायल मरीजों/उनके अभिभावकों की से प्राप्त सहमति पत्र के आधार पर घायल अंगों का फोटो लिया जाएगा। इसके साथ अन्य आवश्यक जानकारी के साथ इंजुरी रिपोर्ट तैयार किया जायेगा।
संबंधित थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन शाखा, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अपने क्षेत्राधिकार से संबंधित मामलों के इंजुरी रिपोर्ट का आवश्यकतानुसार अवलोकन/डाउनलोड कर सकेंगे। पुलिस अधीक्षक अग्रेतर जांच हेतु सभी इंजुरी रिपोर्ट का अवलोकन कर सकेंगे।
इस एप्प में दो स्तरों पर यूजर को सत्यापित करने की व्यवस्था की गई है। यूजर आईडी पासवर्ड के साथ-साथ यूजर के निबंधित मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी के माध्यम से सत्यापित किया जाएगा।
तत्काल हरनौत,सरमेरा एवं सिलाव पीएचसी में इस प्रणाली को क्रियान्वित किया जाएगा।18 अप्रैल से इसे सभी अस्पतालों में क्रियाशील किया जाएगा। शुरुआत में पुराने एवं नए, दोनों प्रणालियों से इंजुरी रिपोर्ट तैयार किया जाएगा। फिर सिर्फ ऐप के माध्यम से ही इंजुरी रिपोर्ट तैयार करने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी।
आज जिला एवं सत्र न्यायाधीश नालंदा द्वारा जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में हरदेव भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में इस ऐप का लोकार्पण किया गया।
लोकार्पण कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त द्वारा इस ऐप को बनाने की आवश्यकता एवं उद्देश्य के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही वीडियो एवं पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से इस ऐप के कार्य करने की पद्धति के बारे में भी बताया गया।
जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि इंजुरी रिपोर्ट एक वैधानिक डॉक्यूमेंट है। इसमें विलंब होने से न्याय की प्रक्रिया में विलंब होता है। ऑनलाइन इंजुरी रिपोर्ट की व्यवस्था से न्याय की प्रक्रिया में तेजी आ सकेगी। संबंधित पुलिस पदाधिकारी के माध्यम से ऑनलाईन अधियाचना प्राप्त होते ही संबंधित डॉक्टर द्वारा ऑनलाइन इंजुरी रिपोर्ट तैयार किया जाएगा। रिपोर्ट तैयार होते ही केस से संबंधित पदाधिकारी इंजुरी रिपोर्ट का अवलोकन/ डाउनलोड कर सकेंगे। उन्होंने सभी संबंधित पदाधिकारियों को कहा कि किसी भी नई प्रणाली व्यवस्था के क्रियान्वयन में शुरुआत में कुछ कठिनाई होती है, फिर धीरे धीरे सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सभी संबंधित पदाधिकारी इस नई व्यवस्था को सफल बनाने के लिए शुरुआत में विशेष रूप से मेहनत करेंगे। उन्होंने इस ऐप में पुलिस द्वारा इंजुरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए की गई कुल अधियाचना को भी प्रदर्शित करने का प्रावधान करने का सुझाव दिया। ऐसा करने से लंबित इंजुरी रिपोर्ट के आंकड़े ऑनलाइन प्रदर्शित हो सकेंगे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार का अनूठा पहल नालंदा जिला में हो रहा है। राज्य में ऐसा करने वाला नालंदा पहला जिला है। उन्होंने इसके लिए जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त सहित इस ऐप को विकसित करने में योगदान देने वाली टीम के सभी सदस्यों को बधाई एवं धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि समय से इंजुरी रिपोर्ट नहीं मिलने से न्यायिक प्रक्रिया में विलंब होता है। कभी-कभी आरोपी को इसका अनुचित लाभ भी मिल जाता है। इस ऐप के माध्यम से इन कमियों में नि:संदेह सुधार आएगा।
उन्होंने भविष्य में कोर्ट को भी इस ऐप के माध्यम से जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि डिस्टिक प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर एवं पब्लिक प्रॉसिक्यूटर को इस ऐप से जोड़ा जाना चाहिए ताकि उनके स्तर से भी इंजुरी रिपोर्ट का अवलोकन किया जा सके तथा केस की सुनवाई में तेजी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि इस ऐप के क्रियान्वयन से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं तेजी आएगी।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, जिला विधि शाखा प्रभारी, ई-गवर्नेंस कोषांग के नोडल पदाधिकारी, जिला प्रबंधक आईटी, जिला स्तरीय चिकित्सा पदाधिकारी एवं विभिन्न प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।