#nawada : दो साइबर अपराधी गिरफ्तार,कमाई का शॉटकट रास्ता अपना अपराध के दलदल में फंसे रहे युवा…जानिए
दो साइबर अपराधी गिरफ्तार,कमाई का शॉटकट रास्ता अपना अपराध के दलदल में फंसे रहे युवा…
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आप का दिन मंगलमय हो….
ख़बरें टी वी : 9334598481 : वारिसलीगंज :-साइबर अपराध की दुनिया में अब नवादा जिला जामताड़ा को भी पीछे छोड़ दिया है। अब पूरी तरह से नवादा जामताड़ा का रूप धारण कर लिया है। साल के 365 दिनों में 350 दिन ऐसा होता है, जिसमें साइबर अपराधी की घटनाएं जरूर दर्ज होती है। हालात यह हो गया है कि पूरे देश में नवादा के साइबर ठगों का गिरोह सक्रीय हो चुका है। इसमें नवादा जिले के वारिसलीगंज, काशीचक, शाहपुर तथा पकरीबरावां थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव पूरी तरह से साइबर अपराधियों का हब बन चुका है। इन इलाकों में लगातार कार्रवाई की जा रही है, बावजूद जल्दी करोड़पति बनने का मंषा पाल रखे युवा वर्ग इस अपराध के दलदल में धंसते चले जा रहे हैं।आप जानकर हैरान रह जायेंगे कि इसमें सभी साइबर अपराधी 15 से 25 वर्ष आयु के लोग होते हैं। ऐसे ही साइबर अपराधियों का एक गिरोह के दो सदस्यों को जिले के शाहपुर ओपी पुलिस ने लोगों की ठगी करते रंगेहाथों गिरफ्तार कर हड़कम्प मचा दिया है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 2 एन्ड्रॉयड मोबाइल तथा 5 पेज का कस्टमर डाटा के पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शनिवार को पकरीबरावां एसडीपीओ महेश कुमार चौधरी ने षाहपुर ओपी में प्रेसवर्ता का आयोजन कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर ओपी क्षेत्र बहरी बिगहा गांव के बगीचा में 8-10 की संख्या में लोग मोबाइल से धनी फाईनेंस बैंक लोल दिलाने के नाम पर भोले-भाले जनता से ठगी का काम कर रहे है। उक्त सूचना को वरीय पुलिस पदाधिकारी को अवगत कराया गया।सूचना के आधार पर एसपी अम्बरीष राहुल मेरे नेतृत्व में टीम गठित कर कार्रवाई का आदेश दिया। टीम में षाहपुर ओपी प्रभारी धीरज कुमार सिंह, एसआई संजय कुमार तथा एएसआई सुजीत कुमार के अलावा बज्रा टीम को शामिल किया गया। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान उक्त बगीचा से ठगी करते ओपी क्षेत्र के बहरी बिगहा गांव निवासी धनंजय मालाकार के पुत्र रवि कुमार उर्फ ऋषिकेश कुमार तथा शेखपुरा जिला अन्तर्गत षेखोपुर थाना क्षेत्र के महानंदपुर गांव निवासी शंकर कुमार के पुत्र मोनू कुमार को रंगे हाथ दबोच लिया गया। उन्होंने बताया कि 7 लोग पुलिस को आते देख फरार हो गया, जिसे चिन्हित करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। ज्ञात हो कि आए दिन दूसरे राज्य की पुलिस साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर अपने साथ ले जा रही है, बावजूद यह धंधा कनमे के बजाय बढ़ते जा रहा है।
*साइबर अपराधी का हाल रक्तासुर जैसा*
गौरतलब हो कि अब साइबर अपराधियों का हाल रक्तासुर के जैसा हो गया, जितने साइबर अपराधी पकड़े जाते हैं, उसके कई गुणा साइबर अपराधियों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण शॉटकट तरीके से रूपये कमाने की प्रलोभन है। हालात यह हो गया है कि एक-एक परिवार के कई सदस्य इस अपराध को ऐसे अपनाये हुए है मानो सरकारी नौकरी कर रहा हो। सबसे बड़ी बात तो यह है कि ऐसे साइबर अपराधी पकड़े जाने के बाद भी उनके चेहरे पर जरा सा भी कानून व पुलिस का भय नहीं दिखता है। इन लोगों के आमदनी की बात करें तो जिसके पास कभी साइकिल खरीदने तक की औकात नहीं हुआ करता था, आज वही लोग लग्जरी वाहनों व आलिषान बंगले के मालिक बन बैैठे हैं।
रिपोर्ट : अभय कुमार रंजन