October 19, 2024

ख़बरे टीवी – बिजली दर कम करे राज्य सरकार, चैंबर ने राज्य के ऊर्जा मंत्री ऊर्जा सचिव बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी एवं नॉर्थ साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से अनुरोध किया है कि राज्य में औद्योगीकरण में तेजी लाने के लिए बिजली की दरों को पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के समतुल्य किया जाए

बिजली दर कम करे राज्य सरकार, चैंबर ने राज्य के ऊर्जा मंत्री ऊर्जा सचिव बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी एवं नॉर्थ साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से अनुरोध किया है कि राज्य में औद्योगीकरण में तेजी लाने के लिए बिजली की दरों को पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के समतुल्य किया जाए :- अनिल कुमार अकेला

( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) –  नालंदा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने राज्य के औद्योगिकरण की गति में तेजी लाने के लिए बिजली की दरें पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के समतुल्य करने का अनुरोध बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से किया है।  चैंबर के अनिल कुमार अकेला ने राज्य के ऊर्जा मंत्री ऊर्जा सचिव बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी एवं नॉर्थ साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से अनुरोध किया है कि राज्य में औद्योगीकरण में तेजी लाने के लिए बिजली की दरों को पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के समतुल्य किया जाए।
नालंदा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार अकेला ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पिछले कई वर्षों से या प्रयास हो रहा है कि राज्य में औद्योगिक करण का विकास हो परंतु सफलता नहीं मिल रही है। क्योंकि पड़ोसी राज्यों की तुलना में बिहार में बिजली की कीमत में भारी अंतर है डीवीसी क्षेत्र में बिजली की दर 3.50 प्रति किलो है और डीवीसी की दर से मेल नही खाने के लिए पश्चिम बंगाल बिजली बोर्ड एवं झारखंड बिजली बोर्ड डीवीसी की तुलना में औद्योगिक बिजली बेच रहा है जबकि बिहार में एचडी उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर लगभग 8.50 प्रति यूनिट रूप है बाल स्वरूप बिहार के उद्यमी अपनी इकाइयों को पश्चिम बंगाल एवं झारखंड में स्थापित कर रहे हैं।


अनिल कुमार अकेला ने कहा कि राज्य में बिजली की दरें अधिक होने के कारण यहां के विनीनिर्माण क्षेत्र में लगे उद्यमियों के वस्तुओं का उत्पादन लागत अधिक होता है जिस कारण यहां के उद्यमी पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के साथ प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाते हैं उन्होंने कहा कि एचडी उपभोक्ताओं के लिए उच्च दर का मुख्य कारण क्रॉस सब्सिडी है कुल बिजली का 13% एचडी उपभोगक्ताओं को बेचा जाता है और 87% खुदरा एवं ग्रामीण उपभोक्ताओं को बेचा जाता है चुकी एचडी आपूर्ति में खपत कम है इसलिए क्रॉस सब्सिडी बहुत अधिक हो जाती है यदि एक बार बिजली की दर प्रतिस्पर्धा हो जाए तो औधोगिक विकास होगा एचडी आपूर्ति बढ़ेगी और क्रॉस सब्सिडी कम होगी।

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