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#bihar: आम जन लोगों को जागरूक करने को लेकर, विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन…जानिए

 

 

 

 

आम जन लोगों को जागरूक करने को लेकर, विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन…

 

 

 

 

 

 

 

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#ख़बरें टी वी: इसलामपुर।प्रखंड के बौरीडीह आंगनबाड़ी केंद्र में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशन में तालुका विधिक सेवा समिति हिलसा के अध्यक्ष सह एडीजे अजीत कुमार सिंह व सचिव सह एसडीजेएम शोभना स्वेतांकी के आदेश पर पैनल अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह एवं हिलसा विधिक सेवा क्लिनिक में तैनात पीएलवी आलोक कुमार की अध्यक्षता में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें कैदियों को कानूनी सहायता सेवाओं और जेल कानूनी सहायता क्लिनिक 2022 की मानक संचालन पर कानूनी जानकारी देते हुए अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि कैदियों को उनके अधिकारों और न्याय के बारे में जानकारी देते हुए यह सुनिश्चित करना है। कि सभी कैदियो को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध हो , न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना , मुकदमों के शीघ्र निपटारे के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का सरलीकरण करना , कैदियों के मानवाधिकारों की रक्षा करना, और उनकी गरिमा को बनाये रखना। विशेषता – जेलों में कानूनी सहायता क्लिनिक स्थापित करना जहाँ पीएलवी और वकील कैदियों की मदद कर सके।ताकि प्रशिक्षित पीएलवी और वकील कैदियों को कानूनी सलाह देते हुए महिला कैदियों , वृद्धों और विकलांग कैदियों के लिए विशेष सहायता उपलब्ध कराना , एवं तकनीकि माध्यमों का उपयोग कर कैदियों को कानूनी सहायता प्रदान करवाना। कानूनी प्रक्रिया – कैदियों को कानूनी सहायता के लिए आवेदन करने का अधिकार प्राप्त है। जेल कानूनी सहायता क्लिनिक द्वारा आवेदन की समीक्षा करना। और जरूरत के अनुसार मुफ्त कानूनी सहायता वकील की नियुक्ति की जाती है। कानूनी प्रक्रिया में कैदियों को हर स्तर पर सहायता प्रदान करना। कैदियों को अपील दाखिल करने के लिए मदद करना। इस मानक संचालन प्रक्रियाओं का उद्देश्य कैदियों को उनकी कानूनी सहायता तक पहुंच प्रदान करना और न्यायिक प्रणाली में उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना है। पीएलवी आलोक कुमार ने लोगों से कहा कि आगामी 8 मार्च 2025 को हिलसा एवं बिहार शरीफ कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होने जा रही है। जिसमें सभी सुलहनीय मामलों का निष्पादन किया जायेगा। साथ ही साथ लोक अदालत के कई फायदें के वारे मे जानकारी दिया। जिसमें कुछ प्रमुख वाते इस प्रकार से है। समय की बचत , मुफ्त समाधान, सुलहकारी महौल, कानूनी मान्यता , पारंपरिक संबंधों का सुधार , कम खर्चीला, सभी प्रकार के मामलों का समाधान , अनौपचारिक प्रक्रिया , न्यायिक बोझ में कमी , सुलह का दबाव नही , दोनों पक्षों की संतुष्टि , बिना वकील के प्रतिनिधित्व, स्थायी समाधान , सकारात्मक सामुदायिक प्रयास , मानवाधिकार संरक्षण , आत्म निर्भरता को बढ़ावा , भावी विवादों की रोकथाम , सरल प्रक्रिया आदि शामिल है।इस मौके पर सूजाता देवी , सरस्वती कुमारी , सोनम देवी , समुंद्रीदेवी, उषा देवी , सुधा देवी , खुशबू कुमारी , अंजनी कुमारी , बविता देवी , रेखा देवी , बेवी देवी , सुगन्ती देवी , लालती देवी, सुनैना देवी , संजू देवी आदि मौजूद थे।