October 19, 2024

ख़बरे टी वी – हाय रे बिहार की शिक्षा व्यवस्था, 100 में से 40 फेल फिर भी मेरा बिहार महान… पढ़िए पूरी खबर क्या है फेल होने का राज

बिहार में मेडिकल स्टूडेंट्स के फेल होने का खुला राज, आरटीआई से मंगाई गई उत्तर पुस्तिका, हाय रे बिहार की शिक्षा व्यवस्था ।

Khabre Tv – 9334598481 – ब्यूरो टीम के साथ बसंत कुमार की रिपोर्ट – एक जमाना था जब बिहार को शिक्षा की भूमि कही जाती थी और नालंदा, विक्रमशिला जैसे कई यूनिवर्सिटी हुआ करते थे। जहां विश्व से लोग पढ़ने आया करते थे, वहीं कुछ दिन पहले बिहार में अनपढ़ भी टॉपर बनी और आज मामला मेडिकल स्टूडेंट का है, जिसमें टॉपर भी फेल हो रहे है।

आइए जानते हैं पूरा मामला।
वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी के फर्स्ट ईयर के मेडिकल विद्यार्थियों ने सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर ओपीडी सेवा ठप दी । ओपीडी सेवा बंद रहने से इलाज कराने आये सैकड़ों मरीजों , एवं उनके स्वजनों को चिकित्सक से बिना परामर्श लिए खाली हाथ लौटना पड़ा ।
वही मांगे नहीं मानी जाने पर छात्र छात्राओं ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी । विम्स के 2019 बैच के आक्रोशित छात्र छात्राओं ने एकेयू यूनिवर्सिटी पर गलत मूल्यांकन का आरोप लगाया, सिस्टम में सुधार के लिए पूरे दिन हाथ मे तख्ती लेकर नारेबाजी की ।


विद्यार्थियों ने इस अवसर पर बताया कि एकेयू ने सही मूल्यांकन नही किया है, जिसके कारण अधिकांश विद्यार्थियों के मेहनत पर पानी फिर गया है । उन्होंने कहा कि एकेयू द्वारा गलत मूल्यांकन की जानकारी उन्हें तब पता चला जब, एक छात्र ने आरटीआई के जरिए अपनी उत्तर पुस्तिका की मांग की । जब उसने अपना उत्तर पुस्तिका को ध्यानपूर्वक देखा तो उसमें 5 ऑब्जेक्टिव प्रश्न सही थे । विद्यार्थियों ने बताया की प्रश्न पुस्तिका जांचकर्ता के द्वारा उसे सही करार दिया गया लेकिन, उसकी मार्किग नहीं की गई । अगर सही मूल्यांकन किया गया होता तो जो विद्यार्थी दो नंबर से फेल है उसे पेसिंग मार्क से 8 नंबर ज्यादा आता ।


जिसकी शिकायत उन्होंने विम्स के प्राचार्य को दिया । जिसके बाद प्राचार्य ने उनकी मांगों को
यूनिवर्सिटी को सौप दिया , जिसके बाद अब अन्य विद्यार्थियों ने भी आरटीआई के जरिए अपनी उत्तर पुस्तिका की मांग कर रहे है ।
प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों विद्यार्थियों ने बताया कि उनके फर्स्ट प्रोफेशनल एमबीबीएस एग्जामिनेशन की परीक्षा की उत्तर पुस्तिका कि जांच में काफी लापरवाही बरती गई है, जिसके चलते काफी मेधावी छात्र कुछ नंबरों से फेल हो गए । उन्होंने बताया कि विम्स के मेडिकल छात्र जिसका पंजीयन संख्या है, एवं फिजियोलॉजी पेपर 2 के प्रश्न संख्या 6 के (एबीसीडीई) प्रश्नों के मूल्यांकन किए जाने के बाद भी इन प्रश्नों का अंक नहीं जोड़ते हुए नोट अटेम्प्ट दर्शाया गया है।

जबकि जाँच कर्ता के द्वारा उसे उत्तर को सही ठहराया है , लेकिन मार्किंग नंबर नहीं दिया गया है जो काफी आश्चर्यजनक है। ऐसे अन्य कई विद्यार्थी है जो शिकार हुए है । बता दे कि बिहार राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों लगभग 1100 बच्चों में 480 बच्चे फेल हो गए है । वहीं विम्स कॉलेज की बात की जाए तो 122 विद्यार्थियों परीक्षा में शामिल हुए थे उनमें से 51 बच्चे फेल हो गए हैं । रिजल्ट आने पर लगभग 40 प्रतिशत मेडिकल के बच्चें हुए फेल हो गए, वहीँ विम्स कॉलेज के इंटरनल एग्जाम में टॉपर भी परीक्षा में फेल हो गया । विद्यार्थियों ने कहा कि एकेयू की इस मानवीय भूल के पुनः ना हो ऐसे कई छात्र है, जिन्हें एक या दो नंबर कम आने पर फेल कर दिया गया है ,

वही इस बच्चे के आइटीआर के द्वारा मंगाए गए अपने कॉपी पर नजर डाले तो आपको दिखेगा, कि इस बच्चे ने ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन के आंसर सही दिए हैं, और जांचकर्ता के द्वारा उसे सही भी कॉपी में ठहराया गया है। परंतु उसमें अंक अंकित नहीं किया गया है। जिसके वजह से यह दो नंबर से फेल कर गया। यदि 5 प्रश्न उत्तर के अंक सम्मिलित कर दिए जाते तो यह बच्चा क्योंकि एक प्रश्न के दो मार्क होते हैं उस लिहाज से 10 अंक मिल जाते और यह बच्चा 8 नंबर अधिक से पास हो जाता, यानी ऐसे मामले से ही पता चल जाता है कि यूनिवर्सिटी के द्वारा जांची गई पुस्तिका किस तरह के होंगे। और आखिर बिहार में 40% बच्चे कैसे फेल हो गए,

इसलिए दोबारा से कॉपी सुधार कर संशोधित परीक्षा फल निर्गत किया जाना चाहिए । हालांकि विम्स के नाराज बच्चों ने सरकार को और इंवर्सिटी को इस बात से आगाह कर दिया है कि अगर उन्हें इस तरह का समाधान अगर नहीं मिलता हो तो ओपीडी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेगा।
वही कॉलेज के एक जानकर प्रोफेसर की बात माने तो, उन्होंने बताया कि जिस तरह का इन लोगों के साथ रिजल्ट में नाइंसाफी की गई है, यह उनके पूरे कैरियर में एक दाग की तरह साथ-साथ चलेगा, क्योंकि जब यह कहीं भी नौकरी करने जाएंगे या , फिर उच्च शिक्षा के लिए कहीं पर आवेदन देंगे, तब उन्हें यह गलती जो कि यूनिवर्सिटी के द्वारा दी गई है. वह हमेशा पॉइंट नीचे कर कर दिखाई देगा और वह हमेशा इस दर्द को झेलते रहेंगे।

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