#nalanda: स्कूल जाने के लिए नहीं है रास्ता, पगडंडी से होकर आते-जाते हैं छात्र और शिक्षक…जानिए
स्कूल जाने के लिए नहीं है रास्ता, पगडंडी से होकर आते-जाते हैं छात्र और शिक्षक
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खबरें टी वी: हरनौत स्थानीय प्रखंड में 80 प्राथमिक विद्यालय है।जहां यूं तो बच्चों के भविष्य के लिए सरकार तमाम दावे करती है।बेहतर शिक्षा के लिए करोड़ों बजट सरकार पास करती है लेकिन फिर भी शिक्षा में बदलाव नहीं आ पाता है।आखिरकार कैसे बच्चे शिक्षा को ग्रहण करने सरकारी स्कूलों में आएंगे, जब आने-जाने के लिए रास्ता ही नहीं होगा।
दरअसल स्थानीय प्रखंड के सरथा पंचायत के प्रवि गंगा बिगहा में बच्चों का भविष्य पगडंडी पर ठहरा हुआ है। घनघोर जंगल के बीच से होते हुए स्कूल तक जाते हैं और अपनी शिक्षा को पूरी कर रहे हैं।
ये समस्या का तस्वीर अपने आप में सरकार के बेहतर शिक्षा के दावे की पोली खोलती नजर आ रही है।
समाजसेवी सह शिक्षाविद् सुरेश सिंह ने स्कूली बच्चों के लिए रास्ता न होने का जिक्र किया। जब बरसात से रास्ता जलमग्न होता है तो बच्चों को इसी जंगलनूमा रास्ते से होकर स्कूल जाना पड़ता है। जहां जीव-जंतुओं का खतरा बराबर बच्चों पर मंडराता रहता है। स्कूल के शिक्षक भी इसी रास्ते से होकर बच्चों को पढ़ाने जाते हैं। उन्होंने संबंधित विभाग से रास्ते बनवाने की मांग की। ताकि बच्चे व शिक्षक को आने-जाने में सहूलियत हो।
पगडंडी के सहारे आना पड़ता है स्कूल
वही स्कूल के प्रभारी एचएम रेखा कुमारी का कहना है कि कोई रास्ता न होने की वजह से हम लोगों को कई वर्षों इसी पगडंडी के सहारे स्कूल आना पड़ता है।कहा कि स्कूल में 55 बच्चें नामांकित है। जिनको पढ़ाने के लिए 4 शिक्षक है। एचएम रेखा ने कही इसी पगडंडी के सहारे अधिकारी भी स्कूल तक आते हैं। इसकी शिकायत हमने की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।प्रखंड में और कई विद्यालय हैं, जहां स्कूल तक पहुंचने के रास्ते नहीं हैं। यहां बच्चों और शिक्षकों को अपना रास्ता खुद चुनकर स्कूल तक पहुंचना पड़ता है।
क्या कहते हैं बीडीओ
वहीं इस संबंध में बीडीओ उज्जवल कांत ने कहा कि ग्राम पंचायत योजना लिया हुआ है या शिक्षा विभाग क्या कुछ कर रहा है। कुछ आईडिया नहीं है। देखेंगे अगर योजना नहीं लिया होगा तो योचना लेकर रास्ता बनवाया जाएगा
रिपोर्ट हरिओम कुमार