ख़बरे टीवी – वायु प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार अत्यंत गंभीर है, मुख्यमंत्री के निदेश पर कृषि विभाग के सचिव ने पराली जलाने के मामलों का किया एरियल सर्वेक्षण, सर्वेक्षण के बाद राजगीर परिसदन में नालंदा जिला के किसानों के साथ बैठक कर लिया फीडबैक…
वायु प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार अत्यंत गंभीर है, मुख्यमंत्री के निदेश पर कृषि विभाग के सचिव ने पराली जलाने के मामलों का किया एरियल सर्वेक्षण, सर्वेक्षण के बाद राजगीर परिसदन में नालंदा जिला के किसानों के साथ बैठक कर लिया फीडबैक…
( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) – पराली जलाने के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार अत्यंत गंभीर है। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा भी इसको लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है तथा उनके द्वारा इसकी नियमित समीक्षा भी की जा रही है। इसकी रोकथाम के लिए सभी जिलों में किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है।पराली जलाने वाले किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं के तहत प्राप्त होने वाले अनुदान से भी वंचित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के निदेश पर आज कृषि विभाग के सचिव श्री एन सरवन कुमार ने नालंदा जिला सहित अन्य जिलों का एरियल सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के क्रम में अनेक जगहों पर पराली जलाने के साक्ष्य पाए गए।
एरियल सर्वेक्षण के उपरांत कृषि सचिव ने राजगीर परिसदन में जिला के किसानों के साथ बैठक की। इनमें से अधिकांश किसान वे थे जिन्हें पराली जलाने के मामले के लिए चिन्हित किया गया है।
बैठक के माध्यम से कृषि सचिव ने स्वयं किसानों से पराली जलाने के मामले को रोकने के संबंध में फीडबैक लिया। किसानों द्वारा बताया गया कि धान के फसल की कटनी के उपरांत खेतों को जल्द से जल्द गेहूं एवं अन्य फसलों के लिए तैयार करने के लिए आसानी के लिए पराली जलाया जाता है।
किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी गई।
राज्य सरकार द्वारा आधुनिकतम कृषि यंत्रों- स्ट्रॉ रीपर, रोटरी बेलर, रोटरी मल्चर, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर आदि पर सामान्य वर्ग के किसानों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान तथा अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इन आधुनिकतम कृषि यंत्रों के उपयोग से खेतों में पराली नहीं बचेगी। इस कारण पराली को जलाने की आवश्यकता नहीं होगी तथा पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा।
किसानों को अधिक से अधिक इन कृषि यंत्रों के उपयोग के लिए प्रेरित किया गया।
कुछ किसानों द्वारा बताया गया कि इन यंत्रों के उपयोग के लिए 50-55 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है। उन्होंने इस श्रेणी के ट्रैक्टर के क्रय पर सरकार से अनुदान का प्रावधान करने की मांग की। कुछ किसानों द्वारा पराली को रॉ मटेरियल के रूप में उपयोग पर आधारित औद्योगिक संयंत्र लगाने का भी सुझाव दिया गया।
कृषि सचिव ने किसानों की हर बात को गंभीरता पूर्वक सुना तथा सभी मांग एवं सुझाव के संबंध में सक्षम स्तर से कार्रवाई की बात कही।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिलाधिकारी श्री योगेंद्र सिंह, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कृषि यांत्रिकीकरण, सहायक निदेशक सूचना, जिला कृषि पदाधिकारी, सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी सहित जिला के कृषक बंधु उपस्थित थे।