October 19, 2024

ख़बरे टी वी – सोगरा वक़्फ़ स्टेट के वक़्फ़ नामा और क़ानून की धज्जि उड़ाई जा रही है:-मिर अरशद हुसैन

सोगरा वक़्फ़ स्टेट के वक़्फ़ नामा और क़ानून की धज्जि उड़ाई जा रही है:मिर अरशद हुसैन

Khabre Tv – रोहित की रिपोर्ट – सोगरा वक़्फ़ स्टेट जिसे बीबी सोगरा मरहूमा ने यतीमों,गरीबों ,और ज़रूरत मंदों के वक़्फ़ किया था वो आज उसे कार्यकारी मोतवल्ली मुख्तारूल हक़ अपने स्वार्थ के लिए दोनों हांथो से लुटा रहें है। मौजूदा कार्यकारी मोतवल्ली की नियुक्ति ही गैर क़ानूनी और नाजायज है। इसलिए कि मोतवल्ली सिर्फ पटना प्रमंडल के ही हो सकते है और मौजूदा मोतवल्ली मगध प्रमंडल के निवासी हैं और

दूसरी बात यह है कि बिहार सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड किसी भी व्यक्ति को उस वक़्त मोतवल्ली बनाएगा जब वो नाएब अव्वल या नाएब दोम की पद पर हो और इसके इलावा किसी दूसरे व्यक्ति को मोतवल्ली बनाने का अधिकार सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड पटना को भी नही है लेकिन बिहार सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन ने अपने मनमाने तरीके से मोतवल्ली मुखतरुल हक़ की नियुक्ति कर दी जो सरासर सोगरा वक़्फ़ स्टेट के वक़्फ़ नामा यानी डीड के खेलाफ और गलत है।

तीसरी बात यह है कि जब किसी व्यक्ति को कार्यकारी मोतवल्ली बनाया जाता है तो उसकी एक अवधि समय सीमा होती है और कार्यकारी मोतवल्ली की कार्य करने का समय सीमा 6 महीने ही होता है । ज्ञात हो कि कार्यकारी मोतवल्ली को बने लगभग 10 महीने हो चुके हैं।

चौथी बात यह है कि जब सोगरा वक़्फ़ स्टेट की कोई कमिटी बनाई जाती है तो उसका परिचय अध्यक्ष सोगरा वक़्फ़ स्टेट के द्वारा कराई जाती है और मोतवल्ली को बने दस महीने हो चुके हैं जब तक सोगरा वक़्फ़ स्टेट के अध्यक्ष के साथ कमिटी की बैठक नही बुलाई जाती तब तक उस कमिटी की कोई अधिकार नहीं होता है। सोगरा वक्फ स्टेट के अध्यक्ष जिलाधिकारी होते हैं और किसी भी बड़े कार्य को करने का हक़ कश कार्यकारी मोतवल्ली को नही है लेकिन इन सबके बावजूद कार्यकारी मोतवल्ली के द्वारा बड़े से बड़े फैसले मनमाने तरीके से फैसले लिये जा रहे है जो सोगरा स्टेट के वक़्फ़ नामा यानी डीड के बिल्कुल खिलाफ है।

मौजूदा मोतवल्ली का कार्य किसी भी तरह सराहने लायक़ नही है ।सोगरा स्टेट जो फायदे में चल रहा था आज उसका खज़ाना पुरी तरह खाली हो चुका है जब से कार्यकारी मोतवल्ली मुखतरुल हक़ बने है तब से , इमाम , मोअज़्ज़िन ,गरीबों ,मिस्कीनों , यतीमों को स्टेट से मिलने वाला वज़ीफा भी तीन महीने से बंद हो चुका है जिससे कि इनलोगों को काफी कठिनाई हो रही है और इनके आते ही ज़मीन माफिया के हौसले बलन्द हो चुके है हर तरफ ज़मीन की लूट खसोट हो रही है और सोगरा स्टेट की बिहार शरीफ शहर की कीमती ज़मीनों पर ज़मीन माफियाओं ने अपना कब्जा पूरी तरह जमा लिया है।
जैसे कि सोहन कुआं में सोगरा की क़ब्रिस्तान पर पक्का पुख्ता मकान बनकर खड़ा हो गया है ।मोहल्ला ख़ानक़ाह में सोगरा स्टेट की ज़मीन पर दंबगों ने अपना कब्जा जमा लिया है इसी तरह मोहल्ला भराव पर एक ज़मीन है जिसका कोर्ट में मामला चल रहा है और अदालत का यह हुक्म है कि जब तक किसी भी अदालत से कोई फैसला न आ जाये तब तक कोई भी पछ इस जमीन पर किसी तरह का कोई कार्य नही करेंगे लेकिन इसके बवाजूद भी यह भी कीमती ज़मीन लुटा गई
और कार्यकारी मोतवल्ली अपने हाथ पर हाँथ धरे बैठे रह गए, यहां तक की मोतवल्ली ने थाना में या अंचलधिकार को किसी तरह की कोई खबर भी न दी ,मोतवल्ली अपनी न कामी को छिपाने के लिए एक शाफ़ा खाना और एक हॉस्पिटल के नाम पर अल्पसंख्यक मंत्री द्वारा शिलान्यास का एक उद्घाटन और शिलान्यास करके लोगों को जनता को दिग्भ्रमित किया जा रहा है।

बात यह है की शाफ़ा खाना आज से कई साल पहले से चल रहा था,जिस जगह चल रहा था उस जगह को गिराकर सोगरा स्टेट की एक मार्केट को शाफ़ा खाना बना दिया उस मार्केट में जो भी दुकानें थी वोह दुकान 2011 में किसी न किसी व्यक्ति के नाम अलॉटमेन्ट है और जब यह मार्केट आज से कुछ दिन पहले मोकम्मल हुई तो अलॉटमेंट वाले व्यक्ति को न देकर उसमे शाफ़ा खाना खोल दिया गया जिससे लोगों में काफी आक्रोश है।

जिस जगह हॉस्पिटल का शिलान्यास हुई उस जमीन पर 2015 में सोगरा काम्प्लेक्स बनाने के लिए कमिटी से बिल पास है और मौजूदा कार्यकारी मोतवल्ली को कोई अधिकार नही है की पुर्व मोतवल्ली के बिल को कैंसिल करके हॉस्पिटल बनाई जाए ,इसलिए कि जब कोई भी बिल पास होती है तो कमिटी की सहमति से होता है न कि किसी एक खास वियक्ति की सहमति से ।

अभी तक कार्यकारी मोतवल्ली और कमिटी की भी सोगरा के अध्यक्ष द्वारा प्रमाणित भी नही हुआ है सोगरा के अध्यक्ष के बगैर प्रमाणित के कमिटी की कोई अस्तित्व नही है।ऐसी हालत में मोतवल्ली अपने मनमाने तरीके से सोगरा वक़्फ़ स्टेट के वक़्फ़ नामा का खुला उलंघन कर रहे है और जिस जगह ज़मीन की लूट पाट हो रही है वहाँ यह चुप्पी लिए रहते है मतवल्ली मुखतरुल हक़ के इसे रवैय्ये से ऐसा लगता है की एक दूसरे की मिली भगत है और यह दोनों आपसे में मिलकर ज़मीन को लुटवा रहे है इसलिये ऐसे मोतवल्ली को बर्खास्त करके एक अच्छे नेक ईमानदार व्यक्ति को मतवल्ली बनाई जाए, जिससे कि सोगरा स्टेट को फायेदा हो सके।

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