November 24, 2024

ख़बरे टी वी – नई शिक्षा नीति को बिहार मे सबसे पहले अपनायेगा नालंदा का केके यूनिवर्सिटी… जानें पूरी खबर

भारत सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति को बिहार मे सबसे पहले अपनायेगा केके यूनिवर्सिटी.

नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को केवल डिग्री ही नहीं मिलेगी बल्कि रोजगार परक होगी एव समाज में लोगों को रोजगार देने में समर्थ होंगे ।

Khabre Tv – 9334598481 – ब्यूरो टीम के साथ बसंत कुमार की रिपोर्ट – नालंदा के राष्ट्रीय राजमार्ग 20 रांची पटना स्थित बिहार राज्य के जाने माने शिक्षण संस्थान केके विश्वविद्यालय परिसर में नई शिक्षा नीति 2020 को नालंदा की धरती पर सर्वप्रथम केके विश्वविद्यालय में लागू किया जाएगा ।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर सी वी रेड्डी ने कहा कि नई राष्ट्रीय एजुकेशन नीति का मुख्य उद्देश्य 
सार्वभौमीकरण एव स्किल बेस्ड कर शिक्षा की गुणवत्ता को उच्च करना है।

जिसका फॉर्मेट तैयार कर विश्वविद्यालय में लागू किया जाना है। उन्होंने बताया कि पूर्व में वैदिक काल से ही नालंदा ने पूरे विश्व को ज्ञान की परिभाषा दी है । वैदिक काल से ही यहाँ शिक्षा को बहुत महत्व दिया गया है।
यहां एक समय  लगभग 13 देश के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते थे ।
यहीं से गुरुकुल और आश्रमों के रूप में शिक्षा के केंद्र खोले जाने लगे थे। वैदिक काल के बाद जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया बिहार की शिक्षा पद्धति भी उतना उन्नत विकास नहीं हो सका, जिसका नतीजा यह हुआ की आज ज्ञान की भूमि कहे जाने वाले बिहार से पढ़ने के लिए दूसरे राज्य जाने लगे ,

लेकिन आज के समय मे उसी नालन्दा की धरती पर केके विश्वविद्यालय अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का सतत प्रयास कर रहा है। वही समाज के हर तपके हर वर्ग, हर घर – घर में शिक्षा का दीप जला रहा है। डॉ. सी वी रेड्डी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा नई शिक्षा नीति के अनुरूप विश्वविद्यालय द्वारा संचालित होने बाले पाठ्यक्रम के ऊपर  प्रकाश डालते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को ना केवल डिग्री मिलेगी बल्कि स्किल बेस्ड डिग्री मिलेगा । जिसके उपरांत विद्यार्थी ना केवल रोजगार हासिल होगा, वल्कि वह समाज के विभिन्न लोगों को भी रोजगार देने देने लायक होंगे । आज जो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना है वो साकार होने जा रहा है।

इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक संकाय प्रमुख प्रोफेसर डॉ नरेंद्र कुमार ने बताया कि केके  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी द्वारा सीबीसीएस पद्धति से छात्रों का अध्ययन एवं मूल्यांकन कराने के साथ ही व्यक्तिगत विकास से संबंधित विश्व पर विशेष बल देती है।
जिससे विद्यार्थियों को संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए भी तैयार हो जाते है।  नई शिक्षा नीति छात्रों को यह विकल्प देती है कि अगर कोई छात्र अपनी पढ़ाई किसी कारणवश बीच में ही छोड़ देता है तो उसे उस स्तर का प्रमाण देगा और फिर जब वह दोबारा से पढ़ाई करना चाहता है तो वहीं से कोर्स का आरंभ कर सकता है ।


केके यूनिवर्सिटी आगामी वर्षों में जल्द ही अपने कैंपस में मेडिकल शैक्षणिक व्यवस्था कर रही है जिसके बाद से आप अनुमान लगा सकते हैं की यह यूनिवर्सिटी नालंदा में एक ऐसा आयाम बना लेगा जो कि एक बड़ा स्टूडेंट हब के रूप में जाना जाएगा।

यह सिर्फ नालंदा के लिए गौरवान्वित होने वाली बात नहीं होगी बल्कि यह पूरे सूबे के लिए शिक्षा से जोड़ने वाली यूनिवर्सिटी जो हर एक कदम आने वाले भविष्य के साथ यहां के विद्यार्थियों के लिए उज्जवल भविष्य के साथ-साथ हर शैक्षणिक चुनौतियों को सामना करने की क्षमता देगी। और यही कारण अब बनता जा रहा है जो दूसरे राज्यों में जा रहे हैं शैक्षणिक योग्यता के लिए विद्यार्थी आज ना के बराबर जा रहा है।

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