November 23, 2024

ख़बरे टी वी – नालंदा विश्वविद्यालय के बहुआयामी विकास की सदस्य देशों ने की सराहना, विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में की नालंदा के 17 सदस्यों देशों के बैठक की मेजबानी…. जानिए पूरी खबर

नालंदा विश्वविद्यालय के बहुआयामी विकास की सदस्य देशों ने की सराहना: विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में की नालंदा के 17 सदस्यों देशों के बैठक की मेजबानी

 

 

Khabre Tv – 9334598481 – आदित्य के रिपोर्ट  – भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बीते दिनों (16 दिसंबर 2021) नालंदा विश्वविद्यालय के 17 सदस्य देशों के मिशन प्रमुखों की बैठक की मेजबानी की। सदस्य देशों के राजनायिकों के साथ यह उच्च-स्तरिय बैठक नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के पॉलिसी प्लानिंग एंड रिसर्च के प्रभाग द्वारा आयोजित की गई थी । इस बैठक में कंबोडिया, लाओस-पीडीआर, म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया, ब्रूनेई दारूसलम, मॉरिशस, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, थाईलैंड, पुर्तगाल, इंडोनेशिया, चीन और सिंगापुर के प्रतिनिधि मौजूद थे। नालंदा विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो.सुनैना सिंह के नेतृत्व में प्राध्यपकों और अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने इस बैठक में शिरकत की ।

 

 

बैठक की शुरुआत विदेश मंत्रालय पॉलिसी प्लानिंग एंड रिसर्च प्रभाग के संयुक्त सचिव डॉ. अनुपम रे के उद्बोधन से हुई। इस मौके पर उन्होने नालंदा विश्वविद्यालय की प्रगति में कुलपति प्रो.सुनैना सिंह के योगदान की सराहना की । उन्होने कहा कि “नालंदा विश्वविद्यालय जो अबतक सिर्फ हमारे विचारों में था, अब एक वास्तविकता है”। उन्होने वैश्विक उपलब्धि के रूप में नालंदा विश्वविद्यालय को भविष्य में भी पूर्ण सहयोग देने की विदेश मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराया। डॉ अनुपम रे ने सदस्य देशों के राजनयिकों के सामने नालंदा विश्वविद्यालय को “आपका और हमारा अपना विश्वविद्यालय’ बताया और उनसे सहयोग की अपेक्षा की बात कही । उन्होने इस विश्वविद्यालय के पुनर्निमाण को एक अप्रत्याशित उपलब्धि बताया, जहां पिछले 5 वर्ष में परिसर के निर्माण में 0.28 प्रतिशत से बढ़कर 85 प्रतिशत की प्रगति हुई है।

 

 

बैठक के दौरान देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष माननीय कुलपति ने विकास कार्यों की विस्तृत प्रस्तुति दी और नालंदा विश्वविद्यालय के अकादमिक स्थापत्य से उन्हे अवगत कराया। कुलपति ने बताया कि भविष्य के ज्ञान- परंपरा का नेतृत्व तैयार करने के लिए विश्वविद्यालय में किस तरह से अंतर्विषयक आध्यापन, वैश्विक पीएचडी कार्यक्रम और कैफेटेरिया मॉडल के साथ नवीन अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस बैठक का संचालन विदेश मंत्रालय के विदेश नीति योजना प्रभाग के निदेशक डॉ. सुमित सेठ ने किया।

 

 

कुलपति के संबोधन के पश्चात बैठक में मौजूद सदस्य देशों के मिशन-प्रमुखों ने नालंदा विश्वविद्यालय में हुए विकास कार्यों की सराहना की और नालंदा के साथ अकादमिक सहयोग में रुचि दिखाते हुए भविष्य में सभी प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। सदस्य देशों के मिशन-प्रमुखों ने राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय परिसर भ्रमण की इच्छा जाहिर की। माननीय कुलपति ने मिशन-प्रमुखों को नालंदा-यात्रा के लिए निमंत्रण दिया।

 

 

गौरतलब है कि वर्तमान में नालंदा विश्वविद्यालय में 31 देशों के छात्र नामांकित हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के भूतपूर्व वियतनामी छात्र ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए लिखा है कि “नालंदा विश्वविद्यालय में अपने अध्ययन के दौरान मुझे कई अविस्मरणीय अनुभव हुए। राजगीर जैसे पवित्र बौद्ध-स्थान की दिव्य अनुभूति के साथ मैंने नालंदा विश्वविद्यालय में यहाँ की उच्च स्तरीय अध्ययन का समग्र आनंद लिया। एक स्नेही महिला के रूप में माननीय कुलपति द्वारा और अन्य नालंदा के प्रोफेसर और स्टाफ सदस्यों से मुझे पूरा सहयोग मिला।”