October 19, 2024

खबरें टी वी : रेलवे प्रशासन को 3 दिनों के अंदर अधिग्रहित की गई भूमि की पूरी विवरणी उपलब्ध कराने का निर्देश….. जानीए पूरी खबर

राजगीर में रेलवे द्वारा भू-अर्जन के माध्यम से अर्जित भूमि की अवैध रूप से खरीद/बिक्री के मामले को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक

रेलवे प्रशासन को 3 दिनों के अंदर अधिग्रहित की गई भूमि की पूरी विवरणी उपलब्ध कराने का निर्देश

*अर्जित की गई भूमि का अपने पक्ष में दाखिल खारिज कराने हेतु त्वरित आवेदन करने का रेलवे प्रशासन को दिया गया निर्देश*

 

 

खबरें टी वी : 9334598481 :  शुभम की रिपोर्ट: राजगीर में रेलवे प्रशासन द्वारा 1950-60 के दशक में भू-अर्जन के माध्यम से स्थानीय रैयतों से भूमि अर्जित की गई थी। उपलब्ध दस्तावेज के आधार पर कुल 45.55 एकड़ भूमि का अर्जन रेलवे द्वारा किया गया था।
रेलवे प्रशासन द्वारा अर्जित की गई भूमि का दाखिल-खारिज नहीं कराया गया तथा प्रश्नगत भूमि का सीमांकन कर पूर्ण रूप से अपने दखल कब्जा में भी नहीं लिया गया। इस कारण से भू-अर्जन में अपनी भूमि देने वाले कुछ रैयतों द्वारा कालांतर में अवैध रूप से कुछ जमीन की बिक्री भी अन्य लोगों को कर दी गई।
माननीय न्यायालय द्वारा इस संबंध में पारित निर्णय आदेश के आलोक में आज जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में रेलवे प्रशासन, जिला भू अर्जन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर, भूमि सुधार उप समाहर्ता राजगीर, जिला राजस्व शाखा प्रभारी, जिला अवर निबंधक, अवर निबंधक राजगीर, अंचलाधिकारी राजगीर एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक आहूत की गई।
बैठक में उपस्थित रेलवे के सहायक मंडल अभियंता से अर्जित की गई भूमि की विस्तृत विवरणी की मांग की गई, जो बैठक में उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। जिलाधिकारी ने 3 दिनों के अंतर्गत रेलवे प्रशासन द्वारा अर्जित की गई संपूर्ण भूमि की विवरणी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
बैठक में उपस्थित रेलवे के प्रतिनिधि तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रेलवे के वरीय मंडल अभियंता को रेलवे द्वारा अर्जित की गई भूमि का दाखिल-खारिज अपने पक्ष में कराने के लिए त्वरित आवेदन अंचल कार्यालय राजगीर में समर्पित करने का निर्देश दिया गया।
अंचल अधिकारी राजगीर द्वारा बताया गया कि अंचल कार्यालय में उपलब्ध अभिलेख के आधार पर रेलवे को भू-अर्जन की प्रक्रिया के तहत जमीन देने वाले 77 तत्कालीन रैयतों के नाम से अभी भी जमाबंदी कायम है। रेलवे से दाखिल खारिज का आवेदन प्राप्त होते ही प्रश्नगत भूमि को तत्कालीन रैयत के नाम कायम जमाबंदी से हटाकर रेलवे के नाम जमाबंदी कायम कर दर्ज किया जाएगा।
रेलवे द्वारा अर्जित भूमि के कुछ भाग को कुछ तत्कालीन भू-धारियों द्वारा अन्य लोगों के नाम अवैध रूप से बिक्री भी की गई है। अवैध रूप से प्रश्नगत जमीन की खरीद/बिक्री कर क्रेता के नाम से जमाबंदी कायम कराने वाले 20 लोगों की पहचान की गई है। इन सभी लोगों की जमाबंदी को रद्द करने का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया। अवैध रूप से कायम जमाबंदी को रद्द करने के उपरांत प्रश्नगत भूमि की जमाबंदी रेलवे के नाम से कायम की जा सकेगी।
जिलाधिकारी ने सभी भू-अर्जन के मामलों में अर्जित भूमि का विवरण जिला अवर निबंधक/ अवर निबंधक कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उक्त सभी भूमि को निबंधन कार्यालय द्वारा “रोक सूची” में शामिल किया जाएगा ताकि इसकी खरीद बिक्री नहीं की जा सके।
अन्य सभी सरकारी भूमि की भी घेराबंदी के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया।
बैठक में अपर समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर, भूमि सुधार उप समाहर्ता राजगीर, रेलवे के सहायक मंडल अभियंता, राजस्व शाखा प्रभारी, जिला अवर निबंधक, अवर निबंधक राजगीर, अंचलाधिकारी राजगीर तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेलवे के वरीय मंडल अभियंता जुड़े थे।

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