October 19, 2024

खबरें टी वी : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नालंदा विश्वविद्यालय में सामूहिक वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन……. जानिए पूरी खबर

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नालंदा विश्वविद्यालय में सामूहिक वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन

 

 

 

 

खबरें टी वी : 9334598481 : आदित्य की रिपोर्ट : नालंदा विश्वविद्यालय में 1 जून से चल रहे पर्यावरण सप्ताह समारोह कल सम्पन्न हुआ। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इस समारोह का समापन वृक्षारोपण अभियान के साथ हुआ। कुलपति प्रो.सुनैना सिंह के साथ प्राध्यापकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और छात्रों ने इस समारोह में सक्रिय रूप से भाग लिया। सप्ताह भर चले इस आयोजन के अंतर्गत कई चिंतन सत्र, विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण, सामूहिक वृक्षारोपण अभियान जैसे अनेक कार्यक्रम संपन्न हुए।

समापन दिवस के अवसर पर आयोजित चिंतन-सत्र में पृथ्वी की जीवन प्रणाली को बनाए रखने में वनस्पतियों और जैव-विविधता के महत्व पर प्रकाश डाला गया। समारोह के अंतर्गत पेंटिंग और फोटोग्राफी प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ।

 

जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी कला के माध्यम से विश्वविद्यालय परिसर की जीवंत हरित विविधता को दर्शाया।

नालंदा विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सुनैना सिंह के नेतृत्व में नेट- जीरो परिसर की कल्पना को साकार करने वाले विश्व के कुछ अग्रणी शिक्षा संस्थानों में से एक है। यहाँ जैव-विविधता, जल संरक्षण प्रणाली एवं अपशिष्ट प्रबंधन को प्रभावी रूप से कार्यान्वित किया जा रहा है। नालंदा विश्वविद्यालय एक हरित और समेकित जीवन शैली की दिशा में एक अनुकरणीय मार्ग प्रशस्त कर रहा है। विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रयास माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रभावी रूप से योगदान दे रहे हैं।

 

 

नालंदा विश्वविद्यालय नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों के माध्यम से पर्यावरण परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह परिसर 6.5 मेगावाट की क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र के साथ-साथ अपशिष्ट से ऊर्जा रूपांतरण प्रणाली की तकनीक से लैस भी है। कुलपति प्रो. सुनैना सिंह कहती हैं, “कार्बन-न्यूट्रल ज़ोन और नेट-ज़रो कैंपस बनाने में प्रयुक्त नवाचार द्वारा हम नालंदा को अनुकरण योग्य आदर्श मॉडल के रूप में विकसित कर रहे हैं ।”

मई 2017 से कुलपति प्रो. सुनैना सिंह ने विश्वविद्यालय को हरित परिसर के रूप में विकसित करने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया है। उनके प्रयासों से विश्वविद्यालय की 455 एकड़ की भूमि को दुनिया के एक बड़े हरित परिसरों में रूपांतरित किया जा रहा है।

 

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