October 19, 2024

ख़बरें टी वी : हॉस्पिटल में डॉक्टर नदारत, कोई सीनियर डॉक्टर नहीं था रात में मौजूद, बच्चे की मौत के बाद अस्पताल कैंपस हुआ रनक्षेत्र में तब्दील…… जानिए पूरी ख़बर

हॉस्पिटल में डॉक्टर नदारत, कोई सीनियर डॉक्टर नहीं था रात में मौजूद, बच्चे की मौत के बाद अस्पताल कैंपस हुआ रनक्षेत्र में तब्दील, कुछ वाहन भी हुए छ्तिग्रस्त….

अस्पताल का इमरजेंसी सहित ओपीडी सेवा 3 घंटों से बाधित मरीज हो रहे परेशान….

 

 

 

खबरें टी वी : 9334598481 : बसंत कुमार की खास रिपोर्ट : आज भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल का कैंपस रणक्षेत्र में तब्दील हो गया । सुबह अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती पावापुरी थाना क्षेत्र के सायडीह गांव निवासी चिंटू कुमार 12 वर्षीय बच्चे गोल्डन कुमार की मौत हो गई ।

 

 

जिसके बाद स्वजन इमरजेंसी वार्ड के बाहर हंगामा करने लगे । हंगामे को देख इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर वहां से उठकर चले गए । इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने अस्पताल का मुख्य गेट बंद कर दिया ।

 

 

मृतक के दादा ज्ञान बहादुर प्रसाद ने बच्चे की मौत के लिए डाक्टर सहित कर्मियों को जिम्मेवार बताया। मृतक बच्चे के दादा ने बताया कि कल शाम उनका बच्चा कल शाम गांव के ही बाहर साइकिल से गिर गया एवं उसकी कमर में चोट लग गई । जिसे इलाज के लिए पावापुरी मेडिकल कॉलेज लाया गया । देर रात जब बच्चे का शरीर ठंडा पड़ने लगा तो उन्होंने नर्सेज एवं अन्य स्टाफ को इस बारे में जानकारी दी ।

 

 

लेकिन बार-बार आग्रह करने के बाद भी कोई चिकित्सक उनके बच्चे को देखने नहीं आया बल्कि डांट कर उल्टा भगा दिया । सुबह बच्चे की मौत हो गई । उन्होंने बताया कि देर रात कोई भी सीनियर डॉक्टर उपस्थित नहीं था । इधर बच्चे के मृत होने की घटना के बाद ग्रामीण जमा हो गए एवं अस्पताल में हंगामा करने लगे। इधर अस्पताल कर्मियों ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने अस्पताल अधीक्षक के चेंबर में घुसकर गाली गलौज किया ।

 

 

अधीक्षक के साथ बदसलूकी की घटना की जानकारी अस्पताल में कार्यरत इंटर्न चिकित्सकों को जैसे ही हुई वे उग्र हो गए । उसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट तब्दील हो गई एवं अस्पताल कैंपस रण क्षेत्र में तब्दील हो गया । डॉक्टरों के अनुसार, मरीज का इलाज बेहतर ढंग से चल रहा है। इसके बावजूद बार-बार परिजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। जब डॉक्टरों ने समझाया तो परिजन गाली गलौज करने लगे। मारपीट भी परिजनों ने ही शुरू की गई ।

 

 

इस दौरान आक्रोशित डॉक्टर ने जिस कार में शव को रखा गया था उसका के शीशे तोड़ डाले जिसके बाद मृतक के स्वजनो जान बचाकर बिना पोस्टमार्टम किए हुए अस्पताल से भागना पड़ा । 3 घंटों से ओपीडी सेवा ठप रहने से मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।

 

 

 

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