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@बिहार : नालंदा विश्वविद्यालय में 25 से अधिक देशों के छात्र, पंडित रोनू मजूमदार की बांसुरीवादन से हुए मंत्रमुग्ध…

Bykhabretv-raj

Aug 4, 2025

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नालंदा विश्वविद्यालय में 25 से अधिक देशों के छात्र, पंडित रोनू मजूमदार की बांसुरीवादन से हुए मंत्रमुग्ध…

 

 

 

 

 

 

 

 

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@ख़बरें टी वी: राजगीर, बिहार | 4 अगस्त, 2025; शैक्षणिक सत्र 2025–27 के शुभारंभ और नवप्रवेशित छात्रों के स्वागत के अवसर पर नालंदा विश्वविद्यालय के SPIC MACAY चैप्टर द्वारा प्रसिद्ध बांसुरी वादक पद्मश्री पंडित रोनू मजूमदार की एक संगीतमय प्रस्तुति का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सुषमा स्वराज सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें 25 से अधिक देशों के छात्रों ने भाग लेकर इसे एक बहुसांस्कृतिक अनुभव बना दिया।

पंडित रोनू मजूमदार, जो कि संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और भारत सरकार के पद्मश्री सम्मान से सम्मानित हैं, आकाशवाणी और दूरदर्शन के शीर्ष श्रेणी के कलाकार हैं। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत एक संध्या राग की आलाप से की, जिसे धीरे-धीरे रचनात्मक और जटिल संगीतमय प्रस्तुति में परिवर्तित किया। उनके साथ तबले पर पंडित ललित कुमार ने संगति की, जो बनारस घराने के प्रमुख कलाकार हैं और पूर्व में नालंदा विश्वविद्यालय में पंडित राजेन्द्र प्रसन्ना के साथ भी प्रस्तुति दे चुके हैं। इसके अतिरिक्त, श्री कल्पेश मनेकलाल साचाला, पंडित रोनू मजूमदार के वरिष्ठ शिष्य, ने भी बांसुरी पर संगति की।

 

 

विश्वविद्यालय में नवप्रवेशित छात्रों का का स्वागत करते हुए, कुलपति प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने कहा, “नालंदा में अपनी शिक्षा यात्रा शुरू करते हुए, आप वैश्विक दृष्टिकोण में निहित एक कालातीत विरासत का हिस्सा बन जाते हैं। ईश्वर करे कि आपका यह समय बौद्धिक अन्वेषण, बहुलवादी चिंतन और आंतरिक व बाह्य समझ की गहनता से चिह्नित हो।”

SPIC MACAY (युवा वर्ग में भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति के प्रचार हेतु संस्था) की स्थापना पद्मश्री प्रो. किरण सेठ द्वारा 1977 में IIT दिल्ली में की गई थी। इसका उद्देश्य युवाओं में भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता फैलाना है। प्रो. सेठ गत वर्ष अपनी एकल साइकिल यात्रा के दौरान नालंदा विश्वविद्यालय भी पधारे थे।

इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से, नालंदा विश्वविद्यालय अपने उस संकल्प को दोहराता है जिसके अंतर्गत वह विद्यार्थियों के समग्र, वैश्विक दृष्टिकोण से समृद्ध एवं सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील व्यक्तित्व के निर्माण की दिशा में कार्य करता है।