November 24, 2024

ख़बरे टीवी – भाकपा माले के राष्ट्रव्यापी आवाह्नन पर प्रतिवाद दिवस मनाया गया, प्रवासी मजदूरों की लगातार मौत हृदयविदारक, देश क्रूर मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेगा – भाकपा माले.

 

भाकपा माले के राष्ट्रव्यापी आवाह्नन पर प्रतिवाद दिवस मनाया गया, प्रवासी मजदूरों की लगातार मौत हृदयविदारक, देश क्रूर मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेगा – भाकपा माले.

क्वारेंटाईन सेंटरों के नाम पर यातनागृह चलाना बंद करो- भाकपा माले.

( ख़बरे टीवी – 9523505786 )- बिहारशरीफ के कमरुदीनगंज स्थित माले के जिला कार्यालय में भाकपा माले के राष्ट्रव्यापी आवाह्नन पर प्रतिवाद दिवस मनाया गया । महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 16 प्रवासी मजदूरों एवं उत्तर प्रदेश के औरैया में ट्रक हादसा में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत पर 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई ।

प्रधानमंत्री जवाब दो ! ———
1. प्रवासी मजदूरों की लगातार मौत क्यों ?
2. राहत पैकेज के नाम पर धोखा क्यों ?
3. क्वारन्टाइन सेंटर के नाम पर यातना गृह क्यों ? इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जिस देश की मजदूर हजारों किलोमीटर पैदल एवं साईकल से चल रहे है, देश को पीएम आत्मनिर्भरता , आत्मसंकल्प पर भाषण दिया, अगर यह देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता के बारे में था , तो इस समय करोड़ो लोगों की जान बचानी पहले जरुरी थी, लाखों – लाख की संख्या में सङको पर चल रहे मजदूरों के बारे में एक भी शब्द न बोलकर प्रधानमंत्री ने संकेत दे दिया है कि, कामगार और गरीब वर्ग सरकार से कोई उम्मीद न करे वह आत्मनिर्भर बने और दिल्ली , मुम्बई से यूपी , बिहार की यात्रा अपनी पैरों एवं साइकिल से ही करे ।

पीएम मोदी का आर्थिक पैकेज का भाषण निहायत चुनावी भाषण था , जिसमे संकट में फसें भुखमरी और जान के संकट से जूझ रहे लोगों के लिए कुछ नही था । इधर पिछले मात्र 10 दिनों में 90 प्रवासी मजदूर मर गए , यानी कि हर दिन दो हादसा .
सरकार 6 नए एयरपोर्ट के साथ आज कोयला खान , रेलवे , रक्षा क्षेत्र को बेच रहा है, तो स्कूल – अस्पताल का स्वायत्ता के नाम पर निजिकरण करने की बात की जा रही है । देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उधमो एवं संसाधनों को कॉरपोरेट के हवाले किया जा रहा है . आत्मनिर्भर भारत और 20 लाख करोड़ के नाम पर जनता को दोबारा मूर्ख बनाया जा रहा है , क्वारन्टीन सेंटर के नाम पर यातना गृह में तब्दील कर दिया गया है ।

क्वारंटाइन सेंटर में समय से नास्ता भोजन नही दिया जा रहा है और प्रवासी मजदूरों को पीटा इसका प्रतिवाद कर माँग की है कि लॉकडाउन में मारे गए प्रवासी मजदूरों के परिजनों को 20 – 20 लाख रुपया दिया जाय एवं तीन महीने का मुफ्त राशन दिया जाय । किसानों के सभी प्रकार के कर्जो को माफ किया जाए । लॉकडाउन के कारण बिहारशरीफ में बीड़ी मजदूरों को जीवन संकट में पड़ गया है , जिससे भूखमरी की स्थिति पैदा हो गई है, बीड़ी का काम घरेलू काम के श्रेणी में आता है, इसलिए लॉकडाउन 4.0 में पुनः खोला जाए एवं बीड़ी मजदूरों को लॉक डाउन में प्रत्येक मजदूर को 10 हजार रुपये दिया जाए ।
तथा बिहारशरीफ के फुटपाथियो को लॉक डाउन पैकेज के रूप में 10 हजार रुपये एवं तीन महीने का मुफ्त राशन , पहचान पत्र , भेंडिंग जोन का प्रबंध करो ।

इस मौके पर माले नेता एवं ठेलाफुटपाथ भेंडर्स यूनियन के जिला सचिव- रामदेव चौधरी , जिला अध्यक्ष- किशोर साव , आइसा के जिला संयोजक- जयन्त आनन्द , माले के जिला कमिटी सदस्य- मकसूदन शर्मा , माले नेता- अनिल पटेल , इंसाफ मंच के- सरफराज अहमद खान , मुन्ना कुमार , प्रदीप राउत , रामप्रीत केवट आदि लोग उपस्थित थे ।

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