ख़बरे टीवी -हमारी सरकार आज हमें नये किस्म के महाजनों का गुलाम बनाने में लगी है, श्रम कल्याण केंद्र मैदान में कर्ज मुक्ति आंदोलन के तहत राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत उपरोक्त मांगो को लेकर प्रदर्शन किया गया.
हमारी सरकार आज हमें नये किस्म के महाजनों का गुलाम बनाने में लगी है, श्रम कल्याण केंद्र मैदान में कर्ज मुक्ति आंदोलन के तहत अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मज़दूर सभा, मनरेगा मजदूर सभा, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन व माले द्वारा राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत उपरोक्त मांगो को लेकर प्रदर्शन किया गया.
कोरोना लॉकडाउन में समूह से जुड़ी महिलाओं का लोन माफ करो और कर्ज वसूली पर 31 मार्च 2021 तक रोक लगाते हुए फिर से रोजगार खड़ा करने के लिए ब्याजमुक्त कर्ज दो,
मनरेगा में 200 दिन का काम और 500 रुपया प्रतिदिन मजदूरी दो और शहरी गरीबों के लिए भी मनरेगा चालू करो
सभी प्रवासी मजदूरों सहित सभी श्रमिकों को 10,000 रुपया लॉकडौन भत्ता दो,
( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) – आज बिहारशरीफ श्रम कल्याण केंद्र मैदान में कर्ज मुक्ति आंदोलन के तहत अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मज़दूर सभा (खेग्रामस), मनरेगा मजदूर सभा, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन व माले द्वारा राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत उपरोक्त मांगो को लेकर शारीरिक दूरी और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रदर्शन किया गया और जिलाधिकारी को मांगपत्र सौंपा गया।
इस अवसर पर खेग्रामस के जिला सचिव रामधारी दास ने कहा कि आज पूरे देश मे स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को कर्ज माफ करने हेतु खेग्रामस, मनरेगा मज़दूर सभा,अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन(ऐपवा) व माले द्वारा द्वारा कर्ज मुक्ति आंदोलन के अवसर पर शरीरिक दूरी का पालन करते हुए जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जा रहा है। लाकडाउन के कारण स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का रोजगार बन्द हो गया है और वे कर्ज लौटा पाने में असमर्थ हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते कर्ज मुक्ति आंदोलन की नेता दीपा देवी और रीना देवी ने कहा कि हमारी सरकार आज हमें नये किस्म के महाजनों का गुलाम बनाने में लगी है. पूंजीपति अरबों रुपयों का कर्ज नहीं चुकाते तो हमारी सरकार देश के खजाने से उनका कर्ज चुकाती है और महिलाएं जो कि पहले हमेशा अपना कर्ज चुकाती रही हैं, उन्हें इस संकट के समय भी सरकार मदद नहीं कर रही!
इस अवसर पर खेग्रामस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनमोहन ने कहा कि मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में इन महिलाओं के लिये कुछ नही है और न ही राज्य सरकार ने कोई मदत की है। लाकडाउन की वजह से इनका रोजगार बन्द है और ये कर्ज लौटा पाने की स्थिति में नही हैं। इनके घर के वयस्क लोगों का भी रोजगार छिन गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने राहत पैकेज में चार लाख करोड़ से ज्यादा की रकम बड़े कॉरपोरेट घरानों को माफ कर चुके हैं, पर समूह से जुड़ी महिलाओं को कर्ज लौटाने के लिए कहा जा रहा है। यहां तक कि समूह से जुड़ी महिलाएं को इस विपत्ति में अपना जमा पैसा भी नही निकालने दिया जा रहा है जीविका दीदियों को सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी भी नही दी जाती है। इन्हें भी 15,000 रुपया प्रतिमाह मानदेय और इनकी सेवा स्थायी सरकार को करनी चाहिए और कर्जमाफी के साथ स्वयं सहायता समूह की खासियत के आधार पर या कलस्टर बनाकर रोजगार की व्यवस्था करने, समूहों के उत्पादों की खरीद की गारंटी सरकार द्वारा किए जाने, समूहों को ब्याज मुक्त कर्ज देने की व्यवस्था होनी चाहिए।
इस अवसर पर ऐपवा की जिला संयोजक गिरिजा देवी ने कहा कि पिछले तीन महीने से ऐपवा (अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन) लगातार उठा रही है. कर्जमुक्ति तक ऐपवा इस आंदोलन को आगे बढ़ाएगी।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व खेग्रामस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनमोहन, जिला सचिव,रामधारी दास, अध्यक्ष प्रमोद यादव,कर्ज मुक्ति आंदोलन की नेता रेखा देवी,रीना देवी,ऐपवा की जिला संयोजिका गिरिजा देवी,अखिल भरतीय किसान महासभा के जिला सचिव का० पाल बिहारी लाल, भुनेश्वर प्रसाद ,उमेश पासवान, मकसूदन शर्मा,सुनील,ठेला फुटपाथ भेन्डर्स यूनियन के रामदेव चौधरी, किशोर साव,शिवशंकर जी सहित मालती देवी,बबिता देवी,टुन्ना देवी,चंपा देवी,विमला,पिंकी देवी,नीतू देवी,संगीता देवी,रेखादेवी,चिंता देवी,कौशल्या देवी,धानो देवी, रेणु देवी, सुदामा देवी,सुमित्रा देवी ,शांति देवी सहित सैकड़ों महिलाओं ने कर्जमुक्ति आंदोलन में भाग लिया। इंसाफ मंच के जिला संयोजक सरफराज अहमद खान, नसीरुद्दीन, सादिक, मो0कुद्दुस वरिष्ठ अधिवक्ता इकबालु जफर ने राज्य सरकार पर उर्दू भाषा को समाप्त करने की कोशिश का आरोप लगाया।