November 23, 2024

ख़बरे टीवी – प्लाज्मा देने वाले को कोई खतरा नहीं, कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी बहुत ही कारगर साबित हो रही है, विम्स के इंटर्न डॉक्टर अलोक राज ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया.

प्लाज्मा देने वाले को कोई खतरा नहीं, कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी बहुत ही कारगर साबित हो रही है, विम्स के इंटर्न डॉक्टर अलोक राज ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया.

 

( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) – कोरोना के खिलाफ पूरा देश लड़ रहा है़ बिहार राज्य में भी हजारों लोग संक्रमित है़ं और कई लोग अपनी जान गवा चुके है । ऐसे मे कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी बहुत ही कारगर साबित हो रही है. प्लाज्मा थेरेपी के असर को देखते हुए बिहार के पटना एम्स मे प्लाज्मा बैंक का निर्माण किया गया हैं और लोगों को प्लाज्मा दान करने के लिए जागरूक किया जा रहा है । इस संकट की घड़ी में विम्स अस्पताल मे ड्यूटी कर रहे कोरोना वाॅरियर्स डॉक्टर अब जिंदगी की जंग में भी लोगों का साथ दे रहे हैं. वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी के इंटर्न डॉक्टर आलोक राज ने प्लाज्मा दान कर सराहनीय योगदान दिया । आईएमए, एमएसएन जेडीएन के समिलित नेतृत्व मे अनुकरणीय पहल करते हुए विम्स के इंटर्न डॉक्टर अलोक राज ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया है, ताकि किसी अन्य गंभीर मरीज की जान बचाई जा सके।  विमंस मे अपनी ड्यूटी के दौरान कोरोना की चपेट में आए डॉक्टर ने पूरी तरह ठीक होने के बाद अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को निभाते हुए पटना एम्स मे प्लाज्मा डोनेट किया। इसके लिए सम्मान स्वरूप आईएमए , जेडीएन की तरफ से दिया जा रहा गौरव पत्र भी सौंपा ।


विम्स के प्राचार्य डॉ पीके चौधरी ने बताया कि
अक्सर कोरोना मरीजों के परिजन प्लाज़्मा डोनर की तलाश करते दिखाई देते हैं।  प्लाज्मा दान करने के लिए लोग आगे नहीं आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि किसी की जान बचाना मानवता की सेवा है  इसके लिए आगे आना होगा उन्होंने कहा कि मैं अपने सभी हेल्थ वर्कर से आग्रह करूँगा कि जो कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद स्वस्थ  हो चुके है, वे अपनी इच्छा अनुसार प्लाज्मा दान  कर लोगों की जान बचाने में अपना योगदान दें, उन्होंने कहा कि निकट भविष्य मे पावापुरी विम्स में भी प्रेषित की व्यवस्था होगी तो लोगों को जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी,

 


विम्स के अस्पताल अधीक्षक डॉ ज्ञानभुसन ने कहा कि
कोविड-19 वैश्विक महामारी में प्लाज्मा द्वारा इलाज ने चिकित्सा क्षेत्र में इस रोग से ग्रसित रोगियों में एक विश्वास की लहर जगाई है। वैसे व्यक्ति जो कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अपना प्लाज्मा दान करते है, वास्तव मे वे मानवता की भलाई के लिए करते हैं, वो वास्तव में योद्धा हैं । इस कड़ी में वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान के एक इंटर्न ने अपने प्लाज्मा देकर इस संस्थान को गौरवान्वित किया है।

 


आईएमए एमएसएन  विम्स यूनिट के डॉ नीलकमल ने बताया कि विम्स में जितने भी कोविड-19 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं,  एव 21 दिन पूरे कर चुके है, उन सबों से संपर्क किया जा रहा है एवं उनको प्लाजमा डोनेशन के लिए उत्साहित किया जाता है । लेकिन बहुत कम संख्या में लोग प्लाज्मा डोनेशन के लिए एग्री होते हैं । उन्होंने कहा कि प्लाज्मा डोनेशन से कोई समस्या नहीं है उन लोगों को आगे आना चाहिए ।

प्लाज्मा दान देने वाले को कोई नुकसान नहीं होता ।
प्लाज्मा देने वाले को कोई खतरा नहीं है. बल्कि यह रक्तदान से भी ज्यादा सरल और सुरक्षित है. प्लाज्मा दान करने में डर की कोई बात नहीं है. हीमोग्लोबिन भी नहीं गिरता. रक्तदान में आपके शरीर से खून लिया जाता है. जबकि प्लाज्मा में आपके खून से सिर्फ प्लाज्मा लिया जाता है और रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स वापस आपके शरीर में पहुंचाए जाते हैं. ऐसे में प्लाज्मा दान से शरीर पर कोई बहुत फर्क नहीं पड़ता.
इस अवसर पर आईएमए बिहार जनरल सेक्रेटरी डॉ सुनील कुमार, आईएमए बिहार प्रेसिडेंट
डॉ विमल कारक, आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ
सहजानंद प्रसाद सिंह , एम्स के चिकित्सक डॉ नेहा कुमारी , सौरभ कुमार , डॉ राजीव रंजन ,डॉ नीलकमल सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित रहे.