ख़बरे टीवी – माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के नाम सम्बोधित ज्ञापन में प्रवासी मजदूरों के रोजगार, गुजारा भत्ता वह राशन की मांग पर धरना के माध्यम से मांग पत्र.
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के नाम सम्बोधित ज्ञापन में प्रवासी मजदूरों के रोजगार, गुजारा भत्ता वह राशन की मांग पर धरना के माध्यम से मांग पत्र.
मुरलीधर प्रसाद केशरी, इस्लामपुर ( ख़बरे टीवी – 9523505786 ) – आपकी सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार काम देने की बात कही थी लेकिन न तो कोरोना टेस्ट हो रहा है और नहीं प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था-मनरेगा में भी काम नहीं मिल रहा है, नतीजतन एक तरफ कोरोना का विस्फोट हो रहा है, तो दुसरी ओर प्रवासी मजदूर काम की तलास में एक बार फिर वापस लौटने के लिए विवस हो रहे हैं, सरकार ने इन प्रदर्शनों से पुरी तरह मुंह फेर लिया है और लोगों को अपने रहमो-करम पर छोड़ दिया गया है, प्रधानमंत्री ने भी अपने सम्बोधन में प्रवासी मजदूरों के रोजी-रोजगार व आय के वारे में एक शब्द नहीं कहा, गरीबों को मुट्ठी भर अनाज मुहैया कराने की बात कह कर उन्होंने गरीबों व प्रवासी मजदूरों के साथ मजाक ही किया है, एक व्यक्ति को ५ किलो प्रति माह अनाज का औसत लगाया जाय, तो एक दिन में १६६ ग्राम अनाज बैठता है, इतनी कम मात्रा में कोई व्यक्ति तीन शाम अपना पेट कैसे भर सकता है?
ऐसा लगता है, कि सरकार नमक, तेल,शब्जी, कपड़ा, इलाज, बच्चो की शिक्षा, चिकित्सा आदि चीजों की कोई जरूरत ही नहीं समझती है, किसानों की कर्ज़ माफी के सम्बन्ध में भी कुछ नहीं कहां गया है, प्रधानमंत्री के वक्तव्य में प्रवासी मजदूरों-गरीबो की चिन्ता से ज्यादा बिहार का चुनाव दिखता है, ऐसी स्थिति में हम बिहार के मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि—-
(१) सभी प्रवासी मजदूरों और नाई, बढ्ई, लोहार, कुम्हार, रिक्सा, ठेला, टेम्पो चालकों, दुकानों में कार्यरत कर्मियों सहीत स्वरोजगार से जुड़े तमाम लोगों को १० हजार रुपए का लाकडाउन भत्ता अविलंब प्रदान किया जाय ।
(२) आयकर से बाहर सभी परिवारों को ६ माह तक प्रति व्यक्ति प्रति माह १० किलो अनाज प्रदान किया जाय।
(३) प्रवासी मजदूरों को योग्यतानुसार रोजगार व स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को विना व्याज के ऋण प्रदान किया जाय.
(४) मनरेगा में २०० दिन काम व ५०० रूपए न्यूनतम मजदूरी दी जाय इसका विस्तार शहरों तक किया जाय।
(५) बिहार वापसी के कारण प्रवासी मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई पुरी तरह से बाधित हो गई है, उनकी पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था की जाय ।
(६) किसानो-बटाईदारो का केसीसी लोन माफ किया जाय।
(७) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में २४ घन्टा डाक्टर और कोविड के इलाज की व्यवस्था की जाय, जिला अस्पताल में कोविड की जांच और आईसीयू की व्यवस्था की जाय।
उपरोक्त सभी मांगों को लेकर भाकपा माले प्रखण्ड कार्यालय इस्लामपुर में लांकडाउन का पालन करते हुए एक दिवसीय धरना दिया गया, इस कार्यक्रम में भाकपा माले प्रखण्ड सचिव उमेश पासवान, जिला कमीटी सदस्य वह इनौस ज़िला सचिव शत्रुधन कुमार खेग्रामस, जिला कमिटी सदस्य रामजी चौधरी, प्रखण्ड कमिटी सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद, ऐपवा नेत्री शान्ती देवी, महेन्द्र अमरनाथ, डाक्टर राजेश कुमार, कृष्णा रविदास, विन्देश्वरी प्रसाद, मो फजलू मियां, धन्नजय रविदास, छोटे पासवान, संजीवन पासवान आदि लोग शामिल थे।