November 24, 2024

खबरें टी वी : श्री श्री 108 रामप्रिय साहेब जी के 31 वा पुण्यतिथि के अवसर पर संत कबीर आश्रम बेना में सद्गुरु संत सम्मेलन सह भंडारा ……. जानिए पूरी खबर

श्री श्री 108 रामप्रिय साहेब जी के 31 वा पुण्यतिथि के अवसर पर संत कबीर आश्रम बेना में सद्गुरु संत सम्मेलन सह भंडारा….

 

 

खबरें टी वी : ब्यूरो टीम के साथ पंकज की खास रिपोर्ट:  श्री श्री 108 रामप्रिय साहेब जी के 31 वा पुण्यतिथि के अवसर पर संत कबीर आश्रम बेना में सद्गुरु संत सम्मेलन सह भंडारा का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन बिहार सरकार के पीएचइडी मंत्री डॉक्टर रामप्रीत पासवान , बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ,पूर्व विधान पार्षद राजू यादव, असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित कुमार पासवान , श्री श्री 108 सिंधु मुनि नाम साहेब ने फीता काटकर संयुक्त रूप से की। अपने उद्घाटन संबोधन में पीएचईडी मंत्री डॉ रामप्रीत पासवान ने कहा कि नालंदा की भूमि ऋषि-मुनियों ,साधु-संतों व तपस्वियो की भूमि रही है महंत रामप्रिय साहेब संत कबीर के सच्चे अनुयायी थे उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने व समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वासों , पाखंडों से मुक्ति को लेकर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण करते रहते थे । आज बहुत ही सौभाग्य की बात है कि ऐसा पवित्र स्थल पर मुझे आने का अवसर प्राप्त हुआ है उन्होंने सभी कबीर अनुयायियों को हर संभव सहयोग करने का भी वादा किया। उन्होंने ने कहा कि संत कबीर दास गूलर के फूल समान थे जिन्हें जन्म होते कोई नहीं देख पाया । इनके माता और पिता स्वरूप नीमा और नींबू जो काशी बनारस के रहने वाले थे उनके देखरेख में लालन – पालन हुआ। संत कबीर जुलाहा परिवार से आते थे इन्होंने हिंदू धर्म व इस्लाम धर्म को मानते थे संत कबीर दास 15 वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे मौके पर पूर्व विधान पार्षद राजू यादव ने कहा कि समाज में संतों की एक अलग महत्ता होती है प्राचीन काल से ही चाहे रामायण हो या महाभारत या गुरुकुल पर शिक्षा ग्रहण कराने वाले गुरु संत और महंत ही ज्यादातर होते थे ।

 

 

जिससे शिक्षा ग्रहण कर लोग समाज में सामाजिक समरसता व समतामूलक समाज का निर्माण कर एक अलग पहचान बनाते थे। केकेसी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित कुमार पासवान ने कहा कि संत कबीर दास भक्ति काल के एकमात्र ऐसे कवि हैं जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज सुधार के कार्यों में लगा दिया कबीर कर्म प्रधान कवि थे कबीर का संपूर्ण जीवन समाज कल्याण में लगा है कबीर विश्व प्रेमी व्यक्तित्व के कवि माने जाते हैं कबीर ने लिखा है कि पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय , उन्होंने सदा एकता ,आपसी प्रेम, भाईचारा रखने की बातों पर जोर दिया है इस अवसर पर संत सिंधु मुनि साहेब ने सभी आगत अतिथियों को अंग – वस्त्र व कबीर साहेब की मोमेंटो प्रदान कर स्वागत किए। मौके पर लोजपा के जिलाध्यक्ष सतेंद्र मुकुट, समाजसेवी विनोद पासवान, शिक्षक अनिल पासवान,अगम मुनि साहेब, संतोषी व्यास, धर्मेंद्र पासवान, कर्मवीर कुमार, सिकंदर पासवान, रंजीत पासवान , रवि अजगर आदि सैकड़ों लोग मौजूद थे ।

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