#Nalanda : नालंदा विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री गीता चंद्रन द्वारा भरतनाट्यम की प्रस्तुति…जानिए
नालंदा विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री गीता चंद्रन द्वारा भरतनाट्यम की प्रस्तुति…
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ख़बरें टी वी : 9334598481 : नालंदा विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर विश्वविद्यालय के स्पिक मैके चैप्टर द्वारा पर पद्मश्री एवं संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित विख्यात नृत्यांगना श्रीमती गीता चंद्रन एवं उनके सहयोगी कलाकारों द्वारा भरतनाट्यम नृत्य का आयोजन हुआ।
यह कार्यक्रम आज शाम 6 बजे नालंदा विश्वविद्यालय के सुषमा स्वराज सभागार में सम्पन्न हुआ। अपने कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने पुष्पांजलि से की जिसमें उन्होंने नृत्य कि भावात्मक लय को प्रस्तुत किया। उसके बाद वर्णम के सहारे नालंदा के विद्यार्थियों को शास्त्रीय नृत्य की बारीकियों से परिचित कराया। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम की भावपूर्ण प्रस्तुति से हुआ।
इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रो. अभय कुमार सिंह ने कहा, “प्राचीन भारतीय का गौरवशाली केंद्र नालंदा, जो केवल हमारी स्मृति में मौजूद था, आज अपनी भव्यता के साथ भव्य रूप से प्रकट हो रहा है और हमारा सौभाग्य है कि इस ऐतिहासिक घटना में गौरवान्वित भागीदार हैं। “कार्यक्रम के महत्त्व को रेखांकित करते हुए प्रो। सिंह ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और कलात्मक रचनात्मकता जैसे सभी पहलुओं में अपने छात्रों के समग्र विकास की दिशा में प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे कार्यक्रम छात्रों के बीच कलात्मक क्षमता को विकसित करने और उन्हे परिष्कृत करने के लिए एक अवसर प्रदान करते हैं। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को भारतीय संस्कृति और विरासत से जुडने में भी सहायक होगा।
यह कार्यक्रम नालंदा विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर स्पिक मैके चैप्टर के तहत आयोजित किया गया था। विश्वविद्यालय के स्पिक मेके चैप्टर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 32 देशों के छात्र सहभागी हुए।
स्पिक मेके (सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग यूथ) की स्थापना 1977 में आईआईटी दिल्ली के पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर किरण सेठ के द्वारा भारतीय विरासत के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और युवाओं को प्रेरणा देकर शैक्षिक गुणवत्ता को समृद्ध करने के उद्देश्य से की गई थी।
नालंदा विश्वविद्यालय का एक प्रमुख उद्देश्य युवा पीढ़ी को समेकित दिशा देना और उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता की ओर प्रेरित करना है। शास्त्रीय संगीत का यह कार्यक्रम छात्रों को भारत के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में सन्निहित अमूर्त, सूक्ष्म और प्रेरणास्पद पहलुओं का अनुभव करने के लिए प्रेरित करेगा। राष्ट्रीय महत्व के अंतर्राष्ट्रीय संस्थान के रूप में नालंदा विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर यह आयोजन विभिन्न देश के छात्र छात्राओं को भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत से रू-ब-रू होने का अवसर प्रदान करेगा।