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#bihar: नालन्दा विश्वविद्यालय के सिटी कैंपस में ‘सहभागिता संवाद’: डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर कार्यक्रम…

Bykhabretv-raj

Dec 3, 2025

 

 

 

 

 

 

 

नालन्दा विश्वविद्यालय के सिटी कैंपस में ‘सहभागिता संवाद’: डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर कार्यक्रम…

 

 

 

 

 

 

 

 

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#ख़बरें Tv: राजगीर, नालन्दा (03 दिसम्बर, 2025): नालन्दा विश्वविद्यालय ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के पावन अवसर पर राजगीर स्थित अपने सिटी कैंपस में ‘सहभागिता संवाद’ नामक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। विश्वविद्यालय के कॉमन आर्काइवल रिसोर्स सेण्टर (सीएआरसी) द्वारा संयोजित इस आयोजन का उद्देश्य अभिलेखीय धरोहर को जन-सामान्य तक पहुँचाना, आस-पास के विद्यालयों के विद्यार्थियों सहित समस्त समुदाय को डॉ. प्रसाद की जीवन-यात्रा एवं मूल्यों से परिचित कराना, भारत की ऐतिहासिक विरासत के साथ उपस्थित दर्शकों का परिचय कराना तथा सादगी, सत्यनिष्ठा और निःस्वार्थ राष्ट्र-सेवा के लिए समर्पित इस महान नेता को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत एक गहन पैनल परिचर्चा से हुआ। इसके बाद पड़ोसी विद्यालयों के विद्यार्थियों ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जीवनी से प्रेरित अपने भावपूर्ण उद्बोधनों को प्रस्तुत किया। तत्पश्चात अभिलेखीय प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ, जिसमें डॉ. प्रसाद के जीवन से जुड़े दुर्लभ और अब तक अलभ्य अभिलेख, जैसे उनके द्वारा लिखे मूल पत्र, हस्तलिखित टिप्पणियाँ, ऐतिहासिक छायाचित्र, स्वतंत्रता संग्राम एवं संविधान सभा काल की पत्राचार-सामग्री, तथा निजी स्मृति-चिह्न, पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किए गए। ये सभी अभिलेख डॉ. राजेंद्र प्रसाद के उस अद्वितीय सफ़र को सहज रूप में सामने लाते हैं, जिसमें वह एक समर्पित स्वतंत्रता सेनानी से आगे बढ़कर स्वतंत्र भारत के संवैधानिक ढांचे के प्रमुख निर्माता और देश के प्रथम राष्ट्रपति बने।

उच्च-रिज़ॉल्यूशन डिजिटल स्टेशनों तथा सुरुचिपूर्ण भौतिक प्रदर्शन केसों के संयोजन से सजाई गई यह प्रदर्शनी दर्शकों को डॉ. प्रसाद की विनम्रता, अनुशासित जीवन-पद्धति, गहन कर्तव्यबोध और जनता से अटूट जुड़ाव को प्रत्यक्ष छूने का अवसर देती रही। यह अनुभव विद्यार्थियों और दर्शकों के लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद के महान व्यक्तित्व और उनके प्रेरक जीवन को समझने में अत्यंत प्रेरणादायी सिद्ध हुआ।

कार्यक्रम में नालंदा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं कर्मचारी, स्थानीय विद्यालयों के शिक्षक-विद्यार्थी, साथ ही राजगीर एवं आसपास के क्षेत्रों के अनेक निवासी उत्साहपूर्वक उपस्थित हुए। विश्वविद्यालय ने अपनी अभिलेखीय धरोहर को व्यापक समुदाय के लिए उपलब्ध कराते हुए सार्वजनिक इतिहास, सहभागी अधिगम और समावेशी सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति अपनी निरंतर प्रतिबद्धता को सशक्त रूप में प्रस्तुत किया।

इस सामुदायिक सहभागिता पहल के माध्यम से नालंदा विश्वविद्यालय ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अमर विरासत को श्रद्धापूर्वक नमन किया तथा उनके जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंगों को विद्यार्थियों के साथ साझा कर यह संदेश भी दिया कि नैतिक नेतृत्व, विनम्रता और निःस्वार्थ राष्ट्र-निर्माण जैसे उनके आदर्श मूल्य आज की पीढ़ी और आने वाले समय को निरंतर मार्गदर्शन प्रदान करते रहेंगे।