November 24, 2024

ख़बरें टी वी : दिवंगत केदारनाथ पाण्डेय के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया……. जानिए पूरी ख़बर

 

दिवंगत केदारनाथ पाण्डेय के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया…….

 

 

 

 

 

ख़बरें टी वी : 9334598481 : ई शुभम की रिपोर्ट : अखिल भारतीय शिक्षा मंच के प्रदेश अध्यक्ष आलोक आजाद ने बिहार विधान परिषद के माननीय सदस्य तथा अध्यक्ष निवेदन समिति एवं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ केदारनाथ पाण्डेय के श्रद्धांजलि सभा में शामिल होकर अपनी भींगी पलकों,अगाध श्रद्धा एवं निष्ठा के साथ दिवंगत केदारनाथ पाण्डेय के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया।

आलोक आजाद ने कहा कि स्वर्गीय केदारनाथ पांडेय शिक्षकों के मान सम्मान एवं मांगों के समर्थन में लड़ाई लड़ते रहे।शिक्षकों के लिए स्वर्गीय पांडेय का निधन अपूर्णीय क्षति है। जो वर्तमान समय में भरा नहीं जा सकता है।उन्‍होंने कहा केदार पांडे ऐसे नेता थे की कोई व्यक्ति उनसे सहमत हो या असहमत।इससे केदारनाथ पाण्डेय जी को कोई फर्क नहीं पड़ता था। हमेशा उनका विचार, उनका व्यवहार सभी के साथ एक समान था।जब भी मैं उनसे मिलता, उनके साथ कहीं कार्यक्रम, यात्रा पर होता या बात करता था तो अभिभावक की तरह उन्होंने मेरा हमेशा मार्गदर्शन किया।

आलोक आजाद ने कहा कि वो बिहार विधान परिषद में हमेशा शिक्षकों के मुद्दों को लेकर सवाल पूछा करते थे। शिक्षकों के लड़ाई उन्‍होंने हमेशा जारी रखी। विधान परिषद के निवेदन समिति के अध्यक्ष होने के नाते निवेदन समिति के माध्यम से भी शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयासरत रहे।

 

 

 

वह मेरे जेहन में हमेशा रहेंगे। उनको और उनके मुद्दे को भूलना मेरे लिए काफी कठिन है। वह शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए जीवन पर्यन्त लड़ते रहे हैं। जब भी उनसे बातचीत होती थी।शिक्षकों के मुद्दों के बिना बात पूर्ण नहीं होती थी। उनके निधन से संपूर्ण बिहार के शिक्षा आंदोलन,शिक्षक तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को बड़ी क्षति हुई है।

आलोक आजाद ने कहा कि स्वास्थ्य जांच के लिए दिल्ली जाने के पूर्व वो बिल्कुल स्वस्थ और लगातार शिक्षकों के लिए बैठकें करते रहें।जब मुझे पता चला कि दिल्ली पहुंचने पर उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई और उन्हें इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती किया गया है तो उनके पुत्र आनंद पुष्कर तथा पोता डॉ आलोक रंजन से फोन से लगातार बात कर मैं हाल-चाल जाना करता था। उनके पुत्र ने बताया भी कि अभी स्वास्थ्य में सुधार है लेकिन अचानक खबर आती है कि उनका देहांत हो गया। वह ऐसे नेता थे जिनका सबके साथ एक समान संबंध था।

इस अवसर पर बिहार के विभिन्न जिलों से हजारों शिक्षक तथा पुस्तकालयाध्यक्ष उपस्थित थे।

 

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