October 18, 2024

#nalanda : इसलामपुर प्रखंड के कोचरा कुशवाहा भवन में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन….जानिए

 

 

 

 

 

इसलामपुर प्रखंड के कोचरा कुशवाहा भवन में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन….

 

 

 

 

 

 

 

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ख़बरें टी वी : 9334598481 : नालन्दा इसलामपुर प्रखंड के कोचरा कुशवाहा भवन में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन, जिला विधिक सेवा प्राधिकार नालन्दा के अध्यक्ष सह जिला जज हसमुद्दीन अंसारी व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव संजीव कुमार पाण्डेय तथा अनुमंडलीय विधिक सेवा समिति हिलसा के अध्यक्ष सह एडीजे अजीत कुमार सिंह व एसडीजेएम सह सचिव योगेन्द्र कुमार शुक्ला के संयुक्त निर्देशन में पैनल अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह एवं पीएलवी आलोक कुमार की अध्यक्षता में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया / जिसका टॉपिक्स किशोर न्याय बच्चों की देखभाल संरक्षण अधिनियम 2015 एवं पॉक्सो एक्ट के तहत कानूनी जानकारी देते हुए बताया गया कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार किशोर कोई भी बच्चा है , जिसने 18 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं की है /
किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य सोलह से अठारह वर्ष की आयु के बच्चों द्वारा किये गये अपराधो को कम करना है / जघन्य अपराधो के मामलो में सोलह से अठारह वर्ष के बच्चो पर व्यस्को की तरह मुकदमा चलाने का प्रावधान शामिल करके कानून ऐसे अपराधो के पीड़ितो को न्याय प्रदान करना है/ इस अधिनियम के तहत अपराध करने वाले को तीन से सात साल तक के कारावास की सजा एवं जुर्माना का प्रावधान है/
भारत का पहला किशोर न्यायालय 1927 ई० में मुम्बई में स्थापित किया गया था /
वर्ष 1986 के कानून के अन्तर्गत किशोर कल्याण बोर्ड स्थापित किये गये है, ताकि खासतौर पर अवहेलित किशोरों के मामले को निपटाया जा सके एवं किशोर न्यायालय स्थापित किये गये हैं, ताकि उनका पूरा प्रभाव व ध्यान अपराधी किशोरो पर हो /
पाक्सो एक्ट भारत में बच्चों के यौन / लैंगिक उत्पीड़न से सम्बंधित जटिल और संवेदनशील मुद्दो को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2012 में पॉक्सो एक्ट लागू किया गया / पॉक्सो यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल ऑफेंस होता है/ इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को यौन उत्पीड़न से सुरक्षित रखना तथा ऐसे मामलो में अपराधी को कठोर सजा दिलाना है / वर्ष 2019 में हुए बदलाव में सजा बढ़ाई गयी है / सोलह वर्ष से कम उम्र के बच्चो से रेप के मामलो में दस वर्ष की न्यूनतम सजा को बढ़ाकर बीस वर्ष कर दिया गया है / हर जिला में जिला न्यायालय में अलग से पॉक्सो कोर्ट कार्यरत है / अठारह साल से कम किसी भी मासूम के साथ अगर दुराचार होता है, तो वह पॉक्सो एक्ट के तहत आता है / इस कानून के लगने पर तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान है / हर जनता की जिम्मेवारी है कि वह बच्चों को यौन अत्याचारो , वेश्यावृति या अश्लील चित्रो के व्यवसाय से बचाये / इस उम्र के किशोरो को हरकत से बचना चाहिए / किसी के बहकावे में नहीं पड़ना चाहिए/ अपना पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए और हमेशा दुगुर्णो से एवं कुसंगति से बचना चाहिए / तभी एक खुशहाल परिवार व सभ्य समाज की कल्पना की जा सकती है ।

 

 

 

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