October 19, 2024

ख़बरें टी वी : भगवान महावीर के 2548 वा निर्वाण महोत्सव पर पावापुरी में निकाली गयी भव्य शोभायात्रा, दिगम्बर धर्मालंबियों  ने चढ़ाया 51 किलो का निर्वाण लाडू… शेयर करें खबरों को

 भगवान महावीर के 2548 वा निर्वाण महोत्सव पर पावापुरी में निकाली गयी भव्य शोभायात्रा, दिगम्बर धर्मालंबियों  ने चढ़ाया 51 किलो का निर्वाण लाडू…

 

 

ख़बरें टी वी : 9334598481 : ब्यूरो टीम के साथ बसंत कुमार की खास रिपोर्ट : जैन धर्मावलंबियों के पवित्र तीर्थ स्थल भगवान महावीर स्वामी की निर्वाण भूमि पावापुरी में उनके 2548 वां निर्वाणोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है । इस अवसर पर जैन श्रद्धालुओं ने मंगलवार को दिगंबर जैन मंदिर से धूमधाम के चांदी की रथ पर भगवान महावीर की प्रतिमा को विराजमान कर गाजे-बाजे , ध्वज-पताका के साथ हर्षोल्लासपूर्वक शोभा यात्रा
भव्य शोभायात्रा निकाला । इस दौरान पूरी रात निर्वाण जाप चलता रहा निर्वाण जाप के पश्चात
देर रात भगवान महावीर की अग्नि संस्कार भूमि जलमन्दिर में दिगम्बर धर्मालंबियों ने 51 किलो का
महापरिनिर्वाण लाडू चढ़ाया। निर्वाण महोत्सव के अवसर पर दिगम्बर मंदिर में 1008 दीपक जलाया गया । बता दे के दिगंबर परंपरा के अनुसार स्वर्ण ,रजत एवं रत्न लाडू चढ़ाने की परंपरा है। ।

 

 

भव्य शोभायात्रा के दौरान जैन श्रद्धालु मुकुट, माला पहनकर गाजे-बाजे के साथ रथ पर सवार होकर भगवान महावीर के दिव्य संदेश , सत्य-अहिंसा , जियो और जीने दो जैसे अमर संदेश का जयघोष करते हुये पूरे भक्ति-भाव पूर्वक झूमते-नाचते भजन गाते भगवान महावीर स्वामी की निर्वाण भूमि जलमंदिर पहुंचे। जहां हर्षोल्लास पूर्वक महाआरती का आयोजन। इस अवसर पर श्रद्धालु ने धार्मिक क्रियायें करते हुये मंत्रोच्चार के साथ जलाभिषेक , पंचामृत अभिषेक  एव शांतिधारा किया। इस दौरान जैन श्रद्धालु पारंपरिक वस्त्र में भगवान महावीर को जल , चंदन , दुग्ध , दही , घृत , इच्छु रस , सर्वोसधी रस आदि अन्य प्रकार के रसो से भगवान का महमस्तकाभिषेक अभिषेक किया। पूजा-अर्चना के दौरान  जलमंदिर भगवान महावीर के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो रहा  इसके पश्चात श्रद्धालुओं ने 51 किलो का लाडू चढ़ाया

 


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*कार्तिक कृष्ण अमावस्या को उषा काल में महावीर स्वामी को प्राप्त हुई थी मोक्ष।*

इस अवसर पर दिल्ली द्वारिका के जैन तीर्थयात्री रमेश चंद्र जैन ने जलमन्दिर में महावीर स्वामी के अतिप्राचीन अतिशयकारी चरण के समक्ष 51 किलो का निर्वाण लाडू चढ़ाया। बता दे  कि भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के अंतिम 24 वें तीर्थंकर हैं जिन्हें कार्तिक कृष्ण अमावस्या को उषा बेला में पावापुरी से निर्वाण की प्राप्ति हुयी थी। इसी उपलक्ष्य में जैन अनुयायी भगवान महावीर के श्री चरणों में निर्वाण लाडू समर्पित करते है।
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*लाडू चढ़ाने मध्यरात्रि से ही कतार में खड़े थे जैन श्रद्धालु*

जलमन्दिर में निर्वाण लाडू चढ़ाने के लिये मध्यरात्रि से ही जैन श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही थी। सभी कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतज़ार का कर रहे थे। जब शोभायात्रा जलमन्दिर पहुंची तो श्री जी के दर्शन को श्रद्धालुगण उमड़ पड़े।
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इस अवसर पर समोसरण मंदिर , स्वेताम्बर मंदिर एवम  समोसरण मैं मे  भजन कीर्तन व भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर की पूजा-अर्चना कर अपने परिवार में सुख शांति की कामना की। इस  अवसर पर भजन गायकों ने भजनों की प्रस्तुतियों से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया एव चारों तरफ वातावरण भक्तिमय हो गया है एव भजन गायकों के भाव भरे संगीत मय भजनों ने सभी श्रद्धालुओं को आत्मविभोर कर दिया  । इस अवसर पर जैन समाज के लोग कार्यक्रम मे उपस्थित होकर धर्मलाभ लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया ।
दिगम्बर जैन मंदिर के मैनेजर अरुण जैन ने बताया कि शोभायात्रा जलमन्दिर पहुंची जहां रथ पर विराजमान श्री जी की प्रतिमा को अभिषेक , शांतिधारा के उपरांत जिस बेला में महावीर स्वामी मोक्ष को गये उसी बेला में निर्वाणकांड पाठ के मंत्रोच्चार पूर्वक भव्य निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष राजस्थान से आये कारीगरों ने निर्वाण लाडू बनाया । कहा कि उन्हें बनाने में से 2 दिन का समय लगा ।


 

 

बोली लगाने के लिए उत्सुकता रहती है

जिस दिन दीपावली होती है यानी कार्तिक मास की अमावस्या की मध्य रात को अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का परिनिर्वाण हुआ था. इसी के उपलक्ष्य में हर साल निर्वाण महोत्सव मनाया जाता है. इस दौरान इसे देखने के लिए जैन धर्मावलंबी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. इस जल मंदिर में लड्डू चढ़ाने की भी परंपरा है. मंदिर में लड्डू चढ़ाने के लिए दोनों श्वेतांबर और दिगंबर श्रद्धालुओं के बीच बोली लगती है . जो भी श्रद्धालु सबसे ज्यादा बोली लगाता है उसे मंदिर में लड्डू चढ़ाने का मौका दिया जाता है. मंदिर में एक किलो से लेकर 51 किलो का लाडू चढ़ता है.

 

 

भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के दिन लड्डू चढ़ाने की परंपरा है. इसके लिए खास तौर पर कारीगर दूसरे प्रदेशों से पहुंचते हैं. इस बार ये कारीगर राजस्थान से लड्डू बनाने के लिए आए हुए हैं. जैन श्वेताम्बर और दिगंबर प्रबंधन की निगरानी में शुद्ध देसी घी का लड्डू बनाया जाता है. जैन श्रद्धालु लड्डू को अपने माथे पर लेकर निर्वाण स्थली से लेकर अंतिम संस्कार भूमि तक जाते हैं. उसी जगह ये जल मंदिर बना हुआ है. वहीं उसे अर्पित किया जाता है.

 


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पिछली बार जैन श्रद्धालु ने दिगंबर जैन मंदिर में 3 लाख 51 हजार की बोली लगाकर लाडू चढ़ाने सौभाग्य प्राप्त किया था। जबकि श्वेतांबर मंदिर में 3 लाख 80 हजार रुपये की बोली लगी थी। श्वेतांबर के प्रबंधक गीतम मिश्रा ने बताया कल प्रातः श्वेतांबर जैन अनुवाई का लाडू चढ़ाया जाएगा

 

 

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