October 19, 2024

ख़बरे टीवी – प्रमंडलीय आयुक्त, पटना श्री संजय कुमार अग्रवाल ने पराली जलाने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करने का दिया निर्देश

*प्रमंडलीय आयुक्त, पटना श्री संजय कुमार अग्रवाल ने पराली जलाने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करने का दिया निर्देश।

*पराली जलाने पर लगा है प्रतिबंध।

*सीओ, बी डी ओ, थानाध्यक्ष को स्थानीय स्तर पर कड़ी नजर रखने का दिया निर्देश।
गेहूं की फसल की कटाई के उपरांत फसल अवशेष को किसानों द्वारा खेतों में नहीं जलाना है। यह कार्य मानव स्वास्थ्य ,पर्यावरण एवं खेतों की पैदावार के प्रतिकूल है। फलत: इस तरह के गैर जिम्मेदाराना कार्य पर रोक लगाना तथा विधिसम्मत कार्रवाई करना आवश्यक है।

*सभी जिलाधिकारी/ पुलिस अधीक्षक को सशक्त एवं प्रभावी मॉनिटरिंग का दिया निर्देश। प्रमंडल के सभी जिला अधिकारी अपने अपने जिला में खेतों में फसल अवशेष में आग लगाने की घटना पर रोक लगायेंगें तथा इस कार्य की प्रभावी निगरानी करना सुनिश्चित करेंगे।

*सभी जिलाधिकारी को अपने अपने जिला में हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने तथा जनहित में प्रचारित कर आवश्यक सूचना/ शिकायत प्राप्त कर आवश्यक कार्रवाई करने का दिया निर्देश।


*प्रमंडलीय आयुक्त ने आम लोगों से अपने जिले में पराली जलाने से संबंधित सूचना उस जिला के जिला पदाधिकारी से करने का अनुरोध किया है।

* उन्होंने सभी जिलाधिकारी को पराली नहीं जलाने से संबंधित तथ्यों का जनहित में किसानों के बीच वयापक प्रचार प्रसार करने का दिया निर्देश।

*किसान कॉल सेंटर 18 0 0 18 0 15 51 पर भी किया जा सकता है संपर्क।


पराली जलाने से मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्वों की हानि होती है। इससे मिट्टी में मौजूद नाइट्रोजन, फॉस्फोरस ,पोटैशियम सहित कई अन्य पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।

फसल अवशेष को जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड ,कार्बन मोनोऑक्साइड सहित कई जहरीली गैसें निकलती हैं जिससे वायु प्रदूषित होती है । इससे मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

पराली जलाने से खेतों की पैदावार में कमी होती है। जिसके कारण किसानों के फसल में कमी तथा उनकी आर्थिक हानि होती है।

इसके अतिरिक्त पराली जलाने से पर्यावरणीय संकट ग्लोबल वार्मिंग की समस्या तथा खाद्य सुरक्षा का संकट पैदा होता है।

इसलिए खेतों की पैदावार बढ़ाने , पर्यावरणीय समस्या से निजात पाने तथा खाद्य सुरक्षा हेतु फसल अवशेष का कुशल प्रबंधन आवश्यक है।

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