December 4, 2024

ख़बरे टीवी – नेपाल के रौतहट डीएम, वासुदेव घिमिरे ने बांध को हटाने की दिया धमकी अन्यथा तोड देने, सर्वे के बाद भारत नेपाल के सीमा विवाद और गहराया.

नेपाल के रौतहट डीएम, वासुदेव घिमिरे ने बांध को हटाने की दिया धमकी अन्यथा तोड देने, सर्वे के बाद भारत नेपाल के सीमा विवाद और गहराया.

( ख़बरे टीवी – 9523505786 ) – सर्वे के बाद भारत नेपाल के सीमा विवाद और गहराया। नेपाल के रौतहट डीएम ने बांध को हटाने अन्यथा तोड देने की दिया धमकी। पूर्वी चम्पारण जिला प्रशासन को सर्वे टीम के रिपोर्ट पर सरकार के निर्देश का है इंतजार। बांध नहीं बनने से बाढ से पूर्वी चम्पारण में फिर मचेगी तबाही।


भारत नेपाल की सीमा पर शुरु हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर नेपाल के रौतहट जिला के जिला पदाधिकारी ने ललबकैया नदी पर बन रहे बांध को तोडने की बात कहीं है। नेपाल की नदियों से पूर्वी चम्पारण जिला में मचने वाली तबाही को रोकने के लिए बांध का निर्माण कराया जा रहा था। जिसे अपनी जमीन बताते हुए नेपाल सरकार ने बांध के निर्माण पर रोक लगा दिया है। साथ ही नेपाल सीमा प्रहरी के जवानों और बंजराहां गांव के निवासियों ने भारतीय सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों के साथ मारपीट किया था।

गत 30 मई को हुए विवाद के बाद बांध के निर्माण कार्य को रोक दिया गया था, जिसके बाद पूर्वी चम्पारण जिला प्रशासन ने इस विवाद की जानकारी राज्य और केन्द्र सरकार को दिया था। जिला प्रशासन की सूचना पर सर्वें ऑफ इंडिया और नेपाल की सर्वे टीम ने विवादित स्थल का सर्वे किया है। सर्वे टीम केन्द्र सरकार को रिपोर्ट सौपेगी, जिसके बाद सरकार के दिशा निर्देशों की प्रतिक्षा जिला प्रशासन को है। भारत नेपाल की सीमा पर लगे पीलर 347/5 से 347/7 के बीच की जमीन को नेपाल अपनी जमीन बताकर भारतीय सीमा में बन रहे बांध के निर्माण को रोक दिया है।

सर्वे के बाद अभी पूर्वी चम्पारण जिला प्रशासन सरकार के दिशा निर्देश की प्रतिक्षा कर रहीं है, तब तक नेपाल के रौतहट जिला के डीएम वासुदेव घिमिरे ने एक पत्र जारी कर ललबकेया नदी पर बन रहे बांध को हटा लेने की बात करते हुए, बांध को तोड देने की धमकी दिया है। मालूम हो कि ललबकेया नदी नेपाल की पहाडी इलाकों से निकलती है और पूर्वी चम्पारण जिला के चार प्रखंडों में तबाही मचाती रहती है। पिछले 2017 में आयी प्रयलंकारी बाढ के बाद जिला प्रशासन ने अंग्रेजों के शासन काल में बने इस बांध को उच्चा करना शुरु किया है।

बांध का पुनर्निर्माण अधिकांश हिस्सों में किया जा चुका है, लेकिन नेपाल ने 3.1 किलोमीटर से 3.6 किलोमीटर तक के बांध की मरम्मति और पुनर्निर्माण पर रोक लगाया है। इधर पूर्वी चम्पारण के डीएम, शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि सर्वे टीम ने सर्वे किया है। जिसकी रिपोर्ट टीम केन्द्र सरकार को दिया है, जहां से दिशा निर्देश मिलने के बाद ही अगला कदम उठाया जायेगा।