खबरें टी वी : बिहार शरीफ के खंदकपर, डॉक्टर कॉलोनी में जल्द ही डॉक्टर्स कालोनी स्थित नालदा नेत्रालय एंड मैटरनिटी माताओं की गोद भरेगा….. जानिए पूरी ख़बर
बिहार शरीफ के खंदकपर, डॉक्टर कॉलोनी में जल्द ही डॉक्टर्स कालोनी स्थित नालदा नेत्रालय एंड मैटरनिटी माताओं की गोद भरेगा….
खबरें टी वी : 9334598481 ब्यूरो टीम के साथ रूपेश कुमार गोल्डन एवं पंकज कुमार की खास रिपोर्ट : बिहार शरीफ के खंदकपर, डॉक्टर कॉलोनी में जल्द ही डॉक्टर्स कालोनी स्थित नालदा नेत्रालय एंड मैटरनिटी माताओं की गोद भरेगा , जिनकी सालों से गोद सूनी पड़ी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को बिहार की प्रख्यात स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर मंजू गीता मिश्रा ने नालंदा आईवीएफ क्लीनिक का उद्घाटन किया ।
मौके पर सेंटर की संचालिका स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ . सुनीति सिन्हा , डॉ अरविंद कुमार सिन्हा , डॉ प्रेरणा प्रियदर्शी डॉ अभिनव , डा. अचला वर्मा एवम डा शिवम् सिन्हा मौजूद थे । डॉ . सुनीति सिन्हा ने बताया कि बांझपन पुरुष या महिला प्रजनन प्रणाली से संबंधित एक बीमारी है । इससे पीड़ित होने पर नियमित रूप से 12 महीने या उससे समय तक , असुरक्षित यौन संबंध ( Regular unprotected sexual intercourse ) गर्भावस्था नहीं होती है । यहां आरवीएफ चिकित्सा सेवा की शुरुआत की गई है ।
निःसंतानता की समस्या को झेल रहे हैं , उनके दुख को समझ पाना आसान नहीं है साथ ही जो दम्पती निःसंतान है और आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उपचार नहीं करवा पा रहे है और भी ज्यादा तनाव में रहते हैं । इन्हीं सब को देखते हुए निःसंतान जोड़ों को कम दरों में फॉटैलिटी उपचार उपलब्ध करवाने के लिए हमलोगों ने आईवीएफ क्लीनिक की शुरुआत की है। साथ ही प्रत्येक रविवार को दोपहर 12 से 2 बजे तक निशुल्क परामर्श दिया जायेगा । वही मजू गीता मिश्रा ने कहा कि आजकल कई कपल्स इनफर्टिलिटी की समस्या और ऐसे कपलस के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट किसी वरदान से कम नहीं है । जब कोई महिला चुरली कसीव नहीं कर पाती है तो इस स्थिति में आईवीएफ प्रक्रिया की मदद से उन्हें गर्भधारण करवाया जाता है ।
डा सुनीति काफी अनुभवी चिकित्सक है । काफी किफायती दर में से जूझ रहे है मरीजों को सुविधा मिलेगी । मेडिकल साइंस में विकास होने के कारण आज आईवीएफ इलाज का विकल्प हमारे पास उपलब्ध है । इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ( IVF Full Form in Hindi ) को आम बोलचाल की भाषा नै आईवीएफ कहते हैं । आईवीएफ को हिंदी में भ्रूण प्रत्यारोपण कहा जाता है । आइवीएफ एक प्रजनन उपचार है यह बाझपन से पीड़ित व्यक्ति या जोड़े के लिए एक वरदान है । आईवीएफ के दौरान स्त्री के अंडे और पुरुष के स्पर्म को लैब में फर्टिलाइज करके भ्रूण का निर्माण किया जाता है ।
भ्रूण तैयार करने के बाद उसे महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है । दुनिया भर में लगभग 4 करोड़ 80 लाख कपल्स और 18 करोड़ 6 लाख इंडिविजुअल्स बाझपन से पीड़ित हैं दुनिया भर में हर वर्ष आईवीएफ के जरिए लगभग 80 लाख शिशु जन्म लेते हैं । आईवीएफ इलाज से जन्मे शिशु को टेस्ट ट्यूब बेबी ( Test tube baby in Hindi ) कहते हैं । आईवीएफ उपचार से बाझ दपति को संतान का सुख प्राप्त करने में मदद मिलती है । बांझपन कई कारणों से होता है । IVF से कई लाभ है ।
* गर्भधारण की अधिक संभावना रहती है ।
★ गर्भपात का खतरा कम रहता है ।
★ सरोगसी के लिए उत्तम विकल्प है ।
★ गर्भधारण का समय तय करने की आजादी रहती है ।
* दाता शुक्राणु और अंडे का उपयोग कर सकते हैं ।
* स्वस्थ्य शिशु की संभावना अधिक रहती है ।
★ बाझपन का एक सुरक्षित और सफल इलाज है ।